आज विश्व जनसंख्या आज है। हर साल 11 जुलाई को विश्व में बढ़ती जनसंख्या की समस्याओं के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए 'विश्व जनसंख्या दिवस' मनाया जाता है।



11 जुलाई - विश्व जनसंख्या दिवस; आज गंभीर होने की जरूरत है! Technical Prajapati

विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास

1950 के दशक में, दुनिया की आबादी 250 करोड़ थी। 11 जुलाई, 1987 को युगोस्लाव्हिया में एक बच्चे के जन्म से दुनिया की आबादी 500 करोड़ हो गई। तब से, 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है।

जॉन ग्रँट को जनसंख्याशास्त्र का जनक के रूप में जाना जाता है। वहीं जनगणना के जनक के रूप में सर डेजिल इबेटसन जाना जाता है।

जनसंख्या के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है

जनसंख्या के मामले में चीन पहले नंबर पर है और जनसंख्या के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। 2011 के अनुसार, भारत की जनसंख्या 1.21 अरब  है, जबकि चीन की जनसंख्या 1.38 अरब है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट चिंताजनक है


2028 तक, भारत चीन को पीछे छोड दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा, तब भारत की आबादी 1.45 बिलियन को पार कर जाएगी। उसके बाद भी भारत की जनसंख्या बढ़ती रहेगी और चीन के जनसंख्या में गिरावट आएगी।

इसीलिए हमें गंभीर होना पड़ेगा!

▪ विकसित देशों के पास संसाधन अधिक हैं और जनसंख्या कम है, अविकसित देशों में संसाधन कम और जनसंख्या अधिक होती है।

▪ बढती आबादी को देखते हुए, हमारे देश में उपलब्ध साधनसंपत्ती और नौकरीयां आदी का विचार किया जाये तो यह भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है।

▪ वर्तमान में, चीन की जनसंख्या स्थिर होने का अनुमान है, क्योंकि चीन ने कठोर उपायों की योजना की हैं। क्या हम परिस्थिती नियंत्रण से बाहर जाने से पहले सतर्क रहेंगे? बस यही सवाल है।

▪ बढती जनसंख्या के कारण, अच्छे स्वास्थ्य, पोषक भोजन और रोजगार जैसी चीजें ज्यादातर लोगों से दूर जाने लगी हैं। यह वह स्थिति है जिसे हमने खुद ही निर्माण है।

समस्याओं पर समाधान के उपाय किए जाने चाहिए

▪ जनसंख्या रिपोर्ट में की गई भविष्यवाणी के अनुसार, अगर भारत की आबादी 150 करोड़ हो जाये तो इतनी आबादी के लिए दो समय का भोजन देने की क्षमता भारत के पास यक़ीनन नहीं है।

▪ रोबोटिक्‍स और आर्टिफिशिअल इन्टेलिजन्स जैसे टेक्नोलॉजी की वजह से कई क्षेत्रों में कामगार और कर्मचारिओं की आवश्यकता नहीं होगी। उस वक्त इस जनसंख्या का क्या किया जाये, यह सवाल जरूर उठेगा।

▪ विकास के प्रवाह से दूर फेंके जाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ेगी और अपराध बढ़ेंगे।

▪ बढ़ती जनसंख्या देश की प्रगति को रोकने का कारण बनती है। इसलिए हमें अभी से ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

आपका सक्रिय योगदान होना चाहिए

जितनी लोकसंख्या बढ़ेगी, उसकी तुलना में बहुत अधिक वंचित लोगों की संख्या में वृद्धि होगी। इसलिए, स्थिति नियंत्रण से बाहर जाने से पहले, भारत को जनसंख्या को नियंत्रण में लाने के लिए मजबूत उपायों की आवश्यकता है। यह जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, बल्कि आम जनता की भी है।

विश्व जनसंख्या दिवस 2018 की पूरी जानकारी - वीडियो



निष्कर्ष

तो दोस्तों आज का यह पोस्ट लिखने का हमारा यही उद्देश्य था की, 11 जुलाई - विश्व जनसंख्या दिवस का सभी भारतीयों को महत्त्व पता चले और आज सभी भारतीय बढ़ती जनसंख्या को लेकर गंभीर हो।

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