साइबर क्राइम क्या है और इससे कैसे बचे? सिक्योरिटी टिप्स

साइबर क्राइम क्या है? [Cyber Crime Kya Hai?] आजकल के टेक्निकल जमाने में जीते हुए हम सभी ने साइबर क्राइम का नाम तो जरूर सुना है। लेकिन क्या वास्तव में आप जानते हैं? कि यह क्या है? और इससे कैसे बचें? यदि आप इंटरनेट यूजर हैं; तो आपको इसका ज्ञान होना बेहद आवश्यक है। ताकि आप किसी भी प्रकार के साइबर क्राइम से सदैव बचे रहें। इंटरनेट पर हमारी कई सारी जानकारियां होती हैं डाटा होता है; यदि वह चोरी हो जाए, तो हमें काफी नुकसान होने की संभावना होती है। इसी बात को मध्य नजर रखते हुए आज की पोस्ट में हम आपको साइबर क्राइम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जैसे.- साइबर क्राइम क्या है? साइबरक्राइम कितने प्रकार का होता है? इसकी कंप्लेंट कैसे करे और इससे कैसे बचें? की संपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।

साइबर क्राइम क्या है और इससे कैसे बचे - सिक्योरिटी टिप्स - What is Cybercrime and how to avoid it - Security Tips - Technical Prajapati
What is Cybercrime and how to avoid it - Security Tips - Technical Prajapati

दोस्तों हमने आपको इससे पहले ही बताया था कि - जिस चीज का हमें फायदा होता है; उस चीज से हमें नुकसान भी हो सकता है। इंटरनेट के अविष्कारक को शायद ही इस बात का ज्ञान होगा कि - उसके द्वारा डिवेलप किए गए इंटरनेट का भविष्य में गलत तरीके से उपयोग किया जाएगा। आज साइबर क्राइम कितना बढ़ चुका है; यह बताने की हमें आवश्यकता नहीं है। आप खुद ही अपनी आंखों से देख पा रहे होंगे।

जी हां! दोस्तों, इंटरनेट के जरिए cyber space में जो भी अपराध होते हैं; उन्हें साइबर अपराध यानी साइबर क्राइम कहा जाता है। इंटरनेट के Anonymous Nature की वजह से ही इसकी शुरुआत हुई थी। एनोनिमस नेचर का मतलब यह होता है कि - उस व्यक्ति की जो इंटरनेट का उपयोग कर रहा है; की पहचान को छुपाए रखे। 

दोस्तों आपको इस बात को जानकर हैरानी होगी कि - इस अपराध को या इस अपराध जगत में बहुत ही होशियार लोग होते हैं; वही इंटरनेट का गलत उपयोग करते हैं। वे सभी लोग Hacking, Theft, Identify theft, malicious software और virus आदि के जरिए इंटरनेट को यूज करने वाले यूजर्स को अपना शिकार बनाते हैं।

दोस्तों आज के इंटरनेट के जमाने में हर कोई व्यक्ति इंटरनेट से जुड़ चुका है। इंटरनेट पर किसी भी व्यक्ति की लगभग सभी व्यक्तिगत जानकारियां होती हैं। ऐसे में क्या हो जब आपका यह डाटा चोरी हो जाए? कोई भी व्यक्ति कभी भी ऐसा नहीं चाहेगा कि - उसकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो। ऐसे में प्रत्येक इंटरनेट उपभोक्ता (USER) को साइबर क्राइम क्या होता है और इससे कैसे बचें? की जानकारी होना बेहद आवश्यक है। अगर आप इस बारे में अधिक नहीं जानते हैं; तो बने रहिए हमारे साथ - आज की इस पोस्ट में आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। चलिए शुरू से शुरुआत करते हैं और जानते हैं; साइबर क्राइम क्या होता है?

साइबर क्राइम क्या होता है?

साइबर क्राइम जिसे हिंदी में साइबर अपराध कहा जाता है। इस अपराध को किसी भी अपराधी द्वारा कंप्यूटर का उपयोग ऑनलाइन अपराध जैसे है hacking, phishing, spamming करने के लिए किया जाता है; इसी को साइबर अपराध कहते हैं। यदि साफ साफ शब्दों में कहा जाए; तो किसी के व्यक्तिगत कंप्यूटर से उसकी व्यक्तिगत जानकारियां निकाल लेना अथवा चोरी करना, इसी के साथ उस जानकारी का गलत इस्तेमाल करना; इसी को साइबर क्राइम कहते हैं। जब यह साइबर क्राइम अपना बड़ा रूप लेते हुए, कई लोगों को नुकसान पहुंचाता है; तो उसे साइबर आतंकवाद यानी साइबर टेररिज्म कहा जाता है।

दोस्तों साइबर अपराध में मुख्य तौर पर कुछ ऐसे अपराध हैं; जो दोहराए जाते हैं। जैसे.- किसी की व्यक्तिगत जानकारियां चुराना जिसमें दस्तावेज या डाटा, व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग करके धोखाधड़ी, बाल अश्लीलता और नफरत फैलाना आदि अपराध होते हैं।

दोस्तों जैसे कि - किसी रस्ते पर यदि अपराध हो जाए तो रास्ता इसके लिए जिम्मेदार नहीं होता। बिल्कुल इसी प्रकार यदि किसी नेटवर्क का उपयोग करते हुए साइबर अपराध होता है; तो इसमें नेटवर्क शामिल नहीं होता। आपको बता दें - कंप्यूटर द्वारा होने वाले अपराध को कंप्यूटर अपराध यानी कंप्यूटर क्राइम कहा जाता है। इसी के साथ साइबर अपराध को जिस किसी भी व्यक्ति द्वारा अंजाम दिया जाता है। उस व्यक्ति को साइबर अपराधी यानी साइबर क्रिमिनल कहा जाता है।

तो दोस्तों साइबर क्राइम को साइबर क्रिमिनल द्वारा किया जाता है। यह सभी क्रिमिनल कंप्यूटर और इंटरनेट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके किसी भी सिस्टम को चलाने का एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं और उसके जरिए पर्सनल इंफॉर्मेशन, बैंक की डिटेल, बिजनेस की डिटेल और बहुत सारी चोरीयां करते हैं। जो क्रिमिनल इन सारी इलीगल एक्टिविटीज को करते हैं; उन्हें टेक्निकल भाषा में हैकर या क्रैकर कहा जाता है। साइबर क्राइम के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है; इसी वजह से इस अपराध को कंप्यूटर अपराध यानी कंप्यूटर क्राइम भी कहते हैं।

***तो दोस्तों अब हमारे सामने कंप्यूटर अपराध और साइबर अपराध यह दो तरह से किए जाने वाले अपराध खुलकर आ गए हैं। अब हम जानेंगे कि - इन दोनों अपराधों के प्रकार कौन-कौन से हैं? सर्वप्रथम हम कंप्यूटर अपराध के प्रकारों के बारे में जानेंगे।

कंप्यूटर अपराध के प्रकार कौनसे हैं?

दोस्तों किसी के भी व्यक्तिगत कंप्यूटर में जानकारी चुराना, जानकारी डिलीट करना, जानकारी को बदल देना, जानकारी को किसी व्यक्ति को हस्तांतरित कर देना, इसी के साथ कंप्यूटर के भागों को चोरी करना या समूल नष्ट कर देना आदि कंप्यूटर अपराध के प्रकारों में आते हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं; इस बारे में!

  1. कंप्यूटर से व्यक्तिगत जानकारी चोरी करना : कंप्यूटर के इस अपराध में किसी के भी कंप्यूटर से उसकी निजी जानकारी जैसे उसका यूजर नेम और पासवर्ड चुराना होता है।
  2. कंप्यूटर से किसी की व्यक्तिगत जानकारी डिलीट करना : कंप्यूटर के इस अपराध में किसी के कंप्यूटर से उसकी आवश्यक जानकारियों को डिलीट कर देना। जिसमें उसके वीडियोस फोटोस या अन्य दस्तावेज हो सकते हैं।
  3. किसी की व्यक्तिगत जानकारियों में बदलाव करना : किसी भी कंप्यूटर को चलाने का एक्सेस पाकर कंप्यूटर में उपलब्ध जानकारियों में बदलाव करना; इस अपराध के अंतर्गत आता है।
  4. कंप्यूटर का आंतरिक या बाहरी नुकसान : किसी के भी कंप्यूटर से उसकी जानकारियां मिटाने के उद्देश्य से उस कंप्यूटर के भागों आंतरिक या बाह्य भागों को नष्ट करना, उसे तोड़ना या उसके पार्ट्स को चोरी करना; इस अपराध के अंतर्गत आता है।

***तो दोस्तों इस प्रकार के जो अपराध होते हैं; वह कंप्यूटर द्वारा किए जाने की वजह से कंप्यूटर अपराध कहलाते हैं। आइए अब हम साइबर क्राइम के प्रकारों के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।

साइबर क्राइम के प्रकार कौनसे हैं?

दोस्तों जैसे जैसे इंटरनेट की दुनिया में हम अंदर गहराई में जा रहे हैं; वैसे वैसे साइबर क्राइम भी नए-नए तरीकों से अपने रंग दिखा रहा है। कहने का मतलब यह है कि - आजकल साइबर क्राइम हद से ज्यादा बढ़ गया है। साइबर क्रिमिनल नए-नए तरीकों को आजमा कर इस अपराध को कर रहे हैं। अगर देखा जाए तो साइबर क्राइम के बहुत सारे प्रकार होते हैं। हालांकि यहां हम आपके सामने साइबर क्राइम के कुछ कॉमन प्रकारों के बारे में बता रहे हैं।

Sr.No साइबर अपराध के प्रकार आखिर क्या होता है?
1. स्पैमिंग (Spamming)
साइबर क्राइम के इस प्रकार में हमें अनेक प्रकार के इमेल प्राप्त होते हैं। जिनमें कुछ ऐसे ईमेल भी होते हैं; जो हमारे कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के लिए आए होते हैं। दरअसल, हमें प्राप्त ईमेल को जब हम ओपन करते हैं; तो उसमें दी गई लिंक पर हमारे द्वारा क्लिक होता हैं, तो automatically कंप्यूटर सिस्टम में virus या malware डाउनलोड हो जाता है। जिस वजह से कंप्यूटर में खराबी आती है।
2.  फिशिंग (Phishing)
साइबर क्राइम के इस प्रकार में लोगों को फ्रॉड मैसेज या मेल भेजकर बेवकूफ बनाया जाता है और उनकी निजी जानकारी को चुराने की पूर्ण कोशिश की जाती है। दरअसल इस प्रकार के साइबर क्राइम में किसी भी एक व्यक्ति को नहीं बल्कि बहुत सारे लोगों को एक साथ एक ही मैसेज भेजा जाता है। इस मैसेज में उस व्यक्ति को ऑफर, इनाम या लॉटरी लग गई है; यह झूठ बताया गया होता है और पूरे विश्वास के साथ इनाम राशि देने का वादा भी किया गया होता है। इसी वजह से लालच में आकर हम अपनी निजी जानकारी जैसे.- बैंक डिटेल, अपना पता और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दे देते हैं।
3. हैकिंग (Hacking)
साइबर क्राइम के इस प्रकार में हैकर्स बिना किसी अनुमति के किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर को चलाने का परमिशन ले लेते हैं और उनकी निजी जानकारी को चुरा लेते हैं।
4. चोरी (Theft)
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है; साइबर क्राइम के इस अपराध में चोरी का कार्य किया जाता है। इसमें आम तौर पर सामग्री की चोरी होती है। इस साइबर क्राइम के प्रकार में कॉपीराइट कानून का उल्लंघन किया जाता है और बिना किसी परमिशन के म्यूजिक, मूवी, गेम और सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करवाया / किया जाता है।
5. वायरस फैलाना (Spreading virus)
साइबर क्राइम के इस प्रकार में अपराधी कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर बनाता है। जिस वजह से कई सारे कंप्यूटर इसकी चपेट में आकर तबाह हो जाते हैं। कहने का मतलब है कि - इस प्रकार के साइबर क्राइम में कंप्यूटर सिस्टम को खराब करने का सॉफ्टवेयर बनाया जाता है।
6. सॉफ्टवेयर चोरी (Software Piracy)
साइबर क्राइम के इस प्रकार में किसी भी सॉफ्टवेयर का डुप्लीकेट सॉफ्टवेयर बनाकर सस्ते दामों में बेचा जाता है। जिस वजह से सॉफ्टवेयर कंपनियों को काफी नुकसान होता है।
7. फर्जी बैंक कॉल (Fraud bank call)
साइबर क्राइम के इस अपराध में किसी भी व्यक्ति को बैंक से फर्जी कॉल आता है। जिसमें अधिकतर डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड की डिटेल मांगी जाती है। यदि कस्टमर डिटेल दे देता है; तो उसके बैंक में रखे सारे पैसे उड़न छू हो जाते हैं।
8. अफवाह फैलाना (Spreading rumors)
साइबर क्राइम के इस अपराध को बहुत ही कम लोग जानते हैं; कि - सोशल मीडिया पर सामाजिक, वैचारिक, धार्मिक और राजनीतिक अफवाह फैलाने वाले को कड़ी से कड़ी सजा दी जाती है। इसी के साथ आपको यह भी बता दें कि - यह अपराध साइबर आतंकवाद की श्रेणी में आता है।
9. साइबर बुलिंग (Cyber bulling)
साइबर क्राइम के इस अपराध में सोशल मीडिया साइट पर भद्दे कमेंट करना, धमकियां देना, उस स्तर तक किसी व्यक्ति से मजाक करना कि - वह तंग होकर कुछ गलत कदम उठा ले, इंटरनेट पर किसी को दूसरे के सामने शर्मिंदा करना आदि सभी चीजें साइबर बुलिंग के इस प्रकार में आते हैं। अक्सर बच्चे और सोशल मीडिया पर नए यूजर इसका शिकार होते हैं। जिसके बाद वह मानसिक रूप से हर्ट हो जाते हैं और इसका उनके दिमाग पर गलत प्रभाव पड़ता है। इसलिए ऐसा करना साइबर अपराध माना जाता है।
10. बाल अश्लीलता (Child pornography)
साइबर क्राइम के इस अपराध में ज्यादातर चैट रूम का उपयोग किया जाता है और खुद की पहचान छुपाकर किसी भी व्यक्ति से बहुत ही तहजीब से बातचीत की जाती है। सोशल मीडिया पर जो लोग नए होते हैं; वह इस बात को समझ नहीं पाते। जिसके चलते वह इसके शिकार हो जाते हैं। इस अपराध के शिकार ज्यादातर बच्चे और लड़कियां होती हैं। इस क्राइम को इंडिविजुअल, प्रॉपर्टी और गवर्नमेंट इन तीन कैटेगरी में बांटा गया है।

***तो दोस्तों इस प्रकार साइबर क्राइम के कुछ महत्वपूर्ण प्रकारों के बारे में हमने जान लिया है। आइए अब हम जानते हैं कि - साइबर क्राइम से हम कैसे बच सकते हैं? 

साइबर अपराध या साइबर क्राइम से कैसे बचें?

दोस्तों जैसे की हम सभी इंटरनेट के लाजवाब दुनिया में जी रहे हैं; लेकिन यह दुनिया जितनी लाजवाब है उतनी ही खतरनाक भी है। साइबर क्राइम जिसमें हमें पता भी नहीं चलता और हमारा नुकसान हो जाता है। ऐसे में साइबर अपराध या साइबर क्राइम से कैसे बचें? इसके बारे में हमें जरूर पता होना चाहिए। क्योंकि वक्त नहीं बता सकता कि - आप या मैं कब इसका शिकार हो जाए। जाने अनजाने में या अपनी ही किसी गलती से।

साइबर क्राइम या साइबर अटैक से बचने के लिए सबसे बेहतरीन यदि कोई चीज है; तो वह है आपका ज्ञान। यदि आप सटीक जानकारी रखते हैं कि - साइबर क्राइम से किस तरह बचा जा सकता है; तो ही आप इससे बचे रहेंगे। लोग बहुत ही होशियार हो चुके हैं; आपको फंसाने के लिए नए-नए तरीके आजमा ते ही रहेंगे। आपको बस सीखते रहना है और उनके इरादे कभी भी पूरे नहीं होने देना है। खैर, आइए जानते हैं हम साइबर क्राइम से कैसे बच सकते हैं?

  • जब आपको किसी ऐसे व्यक्ति का मेल प्राप्त होता है; जिसे आप जानते भी नहीं। चाहे वह ईमेल पर हो या मोबाइल मैसेज या किसी सोशल मीडिया अकाउंट पर उस मैसेज को ओपन ना करें और ना ही उसमें दिए गए लिंक पर क्लिक करें। इसी के साथ स्पैमिंग और फ़िशिंग मेल क्या होता है? के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें।
  • इंटरनेट पर मौजूद रहने वाले विभिन्न साइबर अपराध के बारे में खुद को शिक्षित करना, जिससे आप उनके प्रति जागरूक हो सकें।
  • किसी भी ऐरे गैरे नत्थू खैरे वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारी साझा ना करें। यदि आवश्यक हो; तो केवल वेरीफाइड साइट पर ही अपनी जानकारी साझा करें।
  • इंटरनेट पर सुरक्षित सर्फिंग करने के अलावा भी आजकल ऑनलाइन शॉपिंग की जाती है। यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं; तो केवल अपने ट्रस्टेड एप्लीकेशन या वेबसाइट से ही खरीदारी करें जोकि पॉपुलर हो।
  • जब आपके ऊपर ऑनलाइन पेमेंट करने की नौबत आती है; तो ऐसे में एक बार वेबसाइट के एड्रेस बार को जरूर देख लें। क्या वेबसाइट में दिया गया लॉक बंद है या खुला? यदि खुला है; तो ऑनलाइन पेमेंट ना करें। इसके अलावा यदि साइट HTTPS के साथ ओपन हो रही है; तो ही ऑनलाइन पेमेंट करें।
  • यदि आप एक कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं और आपके पास एक कंप्यूटर है; तो आपको हमेशा एक अच्छे anti virus software को अपने कंप्यूटर में रखना चाहिए। क्योंकि यह आपके कंप्यूटर को virus और malware आदि के अटैक से बचाता है।
  • इंटरनेट पर सर्फिंग करने के लिए आप जिस किसी ब्राउज़र का उपयोग करते हैं; उस ब्राउज़र को हमेशा अपडेट करके रखें और हमेशा Chrome, Firefox, Opera जैसे पॉपुलर ब्राउज़र का ही उपयोग करें।
  • कंप्यूटर तथा मोबाइल के वाई फाई का उपयोग होने पर ही ओपन करें; अन्यथा उसे बंद करके रखें। इसी के साथ फ्री वाई फाई का उपयोग करने से बचें।
  • सोशल मीडिया या अन्य वेबसाइट पर भी अपनी निजी जानकारी को सभी के साथ साझा करने से बचें।
  • जब आप अपने मोबाइल में किसी एप्लीकेशन को डाउनलोड कर रहे हैं; तो सर्वप्रथम वह एप्लीकेशन आप से कौन-कौन सी परमिशन मांग रहा है? के बारे में अच्छी तरह से जांच लें। इसी के साथ यदि आप कंप्यूटर के लिए किसी सॉफ्टवेयर को डाउनलोड कर रहे हैं; तो इस बात की पुष्टि कर ले कि - आप कुछ गलत तो नहीं कर रहे हैं।
  • इस बात को हमेशा याद रखें कि - जब तक आप लॉटरी नहीं निकालेंगे; आपको लॉटरी लगने वाली नहीं है। इसीलिए जब भी आपको ऐसे कॉल आए; जो आपको बताएं कि - आपको लॉटरी लगी है या आप इनाम पाने वाले हैं; तो सीधा आप उन्हें वह लॉटरी और इनाम अपने पास ही रखने की सलाह दें।
  • यदि आपका बैंक अकाउंट में खाता है; तो यह आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बात है इसे कभी भूलना नहीं कि - बैंक आपको कभी भी कॉल नहीं करता है और आपसे आपके अकाउंट या डेबिट कार्ड से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं लेता है।
  • आपको प्राप्त ओटीपी आपको किसी के साथ साझा नहीं करना है।
  • यदि आप इंटरनेट बैंकिंग या UPI का उपयोग करते हैं; तो भविष्य में यदि आपका फोन कहीं खो जाए, तो सबसे पहले अपने सिम कार्ड को बंद कराना है।

**दोस्तों ऐसी बहुत सारी बातें हैं; जो हमें पता होनी चाहिए, साइबर क्राइम से बचने के लिए। इसलिए हमें हमेशा अप टू डेट रहते हुए साइबर क्राइम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी को सीखते रहना है; कि - कैसे हम साइबर क्राइम से बच सकते हैं? वैसे आप ट्विटर पर भारत सरकार के @Cyberdost ट्विटर हैंडल पर जुड़ सकते हैं। वहां साइबर क्राइम से संबंधित टिप्स दिए जाते हैं। लगे हाथ ट्विटर पर हमें भी फॉलो करें 👉 @NamasteGenius.

***दोस्तों तब क्या हो जब गलती से या जाने अनजाने में आपके साथ साइबर क्राइम जैसा अपराध हो जाए; तो आप इसकी रिपोर्ट कहां करेंगे? तो दोस्तों आपको बता दें - भारत सरकार द्वारा साइबर क्राइम कंप्लेंट करने के लिए एक वेबसाइट या साइबर क्राइम पोर्टल खोला गया है। जहां पर आप आपके साथ हुए साइबर क्राइम की रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके अलावा भारत के लगभग सभी बड़े शहरों में साइबर सेल भी मौजूद हैं। जहां आप जाकर ऑफलाइन भी रिपोर्ट किया जा सकता है। कहने का मतलब यह है कि - भारत में स्थित साइबर डिपार्टमेंट ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरफ से मदद करती है।

उम्मीद करते हैं दोस्तों हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आप सभी दोस्तों को बेहद पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करेंगे। इसी के साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर देंगे। क्योंकि, दोस्तों कमेंट बॉक्स आपका ही है।

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