अक्सर विद्यार्थियों में इस तरह की समस्या को देखा जाता है कि - उन्हें कुछ भी याद करने में बहुत ही कठिनाई का सामना करना पड़ता है। वह कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन वह कुछ याद नहीं कर पाते। अगर याद भी होता है; तो वह कुछ ही समय तक उनके दिमाग में रहता है और कुछ देर बाद वह भूल जाते हैं। ऐसा क्यों होता है? और ऐसा ना हो इसलिए हम क्या कर सकते हैं? यही आज किस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं - याद करने के 10 बेहतरीन तरीके हिंदी में - Best Study Tips इस आर्टिकल के जरिए। तो चलिए दोस्तों जानते हैं - आखिर हमारे साथ या विद्यार्थियों के साथ क्या समस्या हो रही है; जिस वजह से वह याद नहीं कर पाते?

याद करने के 10 बेहतरीन तरीके हिंदी में - बेस्ट स्टडी टिप्स - 10 best ways to remember in Hindi - Best Study Tips - Technical Prajapati
10 best ways to remember in Hindi - Best Study Tips - Technical Prajapati

दोस्तों ऐसे कई सारे फैक्टर हैं; जो इस समस्या को बढ़ाते हैं। जिससे की हम कुछ भी याद नहीं कर पाते या हमें याद करने में समस्या का सामना करना पड़ता है। जैसे.- हमारा आत्मविश्वास, हमारी दिनचर्या, हमारा पढ़ाई करने का टाइम टेबल, हमारी रुचि, पढ़ाई रोचक तथा मनोरंजक ना होना आदि। इन सभी फैक्टर की वजह से हमें कुछ भी याद करने में समस्या का सामना करना पड़ता है।

***तो दोस्तों ऐसा हमारे साथ या आपके साथ ना हो और हम कुछ भी बेहद आसानी से याद कर पाए। इसीलिए आपके सामने याद करने के 10 बेहतरीन तरीके लेकर आए हैं; चलिए जानते हैं।

याद करने की क्षमता बढ़ाने के 10 बेहतरीन तरीके - हिंदी में!

दोस्तों कुछ भी याद करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए आपके सामने 10 तरीके बेहतरीन तरीके प्रस्तुत कर रहे हैं। यदि आप एक विद्यार्थी हैं और आप इन तरीकों को आजमाते हैं; तो आप महसूस कर पाएंगे कि आपके अंदर कुछ भी याद करने की क्षमता बढ़ चुकी है। चलिए उन 10 बेहतरीन तरीकों को जानते हैं।

आत्मा विश्वास है; तो कुछ भी याद हो सकता है!

दोस्तों यहां मैं ही नहीं बल्कि बहुत सारे लोगों द्वारा मैंने भी सुना है और आपने भी सुना होगा; कि आत्मा विश्वास ही सफलता की कुंजी होती है। किसी के भी सफलता के पीछे सबसे पहले उसका आत्मविश्वास होता है। किसी भी जंग की शुरुआत आत्मविश्वास के साथ ही होती है कि - हां! मैं उस कार्य को पूर्ण कर लूंगा। पढ़ाई करते वक्त भी हमारे साथ ऐसा ही होता है। हालाँकि इसके विपरीत बहुत सारे विद्यार्थी पढ़ाई करते वक्त मन ही मन में कहते हैं कि - नहीं यार! मुझसे नहीं हो पाएगा। मैं इसे याद नहीं कर पाऊंगा और हमारा दिमाग जो सोचता है; उसे ही करता है। जिस वजह से हम जो भी पढ़ रहे हैं; उसे याद नहीं कर पाते।

दोस्तों याद करना हमारे दिमाग का एक महत्वपूर्ण कार्य है और दिमाग उन्हीं चीजों को याद करता है जिसे हम दिमाग को याद करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यदि हम पढ़ाई करते वक्त अपने दिमाग को सूचना देंगे कि - हां! यह तो बहुत ही आसान है, मैं इसे आसानी से याद कर पाऊंगा, मुझे सब याद होगा; तो आप यकीन मानिए की - आप जो कुछ भी पढ़ रहे हैं; याद कर सकते हैं। इसीलिए हमेशा पढ़ाई करते समय अपने विश्वास आत्मविश्वास को मजबूत बनाए रखें ताकि आप जो पढ़ रहे हैं; उसे आसानी से याद कर पाएं।

रिवीजन - हमेशा के लिए याद रखने का बेहतरीन तरीका!

दोस्तों क्या आप जानते हैं? कि - आप आज जो टॉपिक पढ़ रहे हैं; कल उसका 50% भाग भूल जाएंगे। हाँ! कभी-कभी तो आपको केवल 25% ही याद रहेगा। इसीलिए रिवीजन बहुत ही जरूरी होता है। किसी भी टॉपिक को लंबे समय तक याद करने के लिए रिवीजन किस तरह से की जानी चाहिए? इसका भी एक नियम है। मान लीजिए कि आपने आज टॉपिक पढ़ा उसका रिवीजन आपको 7 दिनों के भीतर एक बार फिर करना है और उसी टॉपिक को फिर 30 दिनों के भीतर पढ़ना है। इस तरह आप उस टॉपिक का 2 बार रिवीजन करेंगे। आप यकीन मानिए - आप उस टॉपिक को लंबे समय तक याद रख पाएंगे।

संगति - बिना अटके याद रखने का बेहतरीन तरीका!

दोस्तों याद करने का यह तरीका बेहद निराला है। इस तरह के तरीके में आप जो टॉपिक पढ़ रहे हैं; उस टॉपिक को वास्तविक जीवन के किसी कैरेक्टर के साथ जोड़ देते हैं। यानी आपके दिमाग में जो जानकारी पहले से मौजूद है। उसी जानकारी के साथ पढ़े हुए टॉपिक के जानकारी को जोड़ दिया जाता है।

उदाहरण के लिए

दसवीं कक्षा में मुझे हिटलर के टॉपिक को याद रखने के लिए मेरे अंकल का सहारा लेना पड़ा। क्योंकि हिटलर और मेरे अंकल का स्वभाव मुझे एक जैसा लग रहा था।

इसका मतलब यह है कि - आप जो पढ़ रहे हैं; उसमें यदि कोई कैरेक्टर है, तो आप उस कैरेक्टर को रियल जिंदगी के किसी मिलते-जुलते कैरेक्टर के साथ जोड़कर याद कर सकते हैं और हां! यह भी आपको लंबे समय तक बिना अटके याद रहेगा।

इमैजिनेशन - याद होगा फटाफट - कभी नहीं भुला पाओगे!

दोस्तों यदि पढ़े हुए किसी टॉपिक को लंबे समय के लिए याद रखना हो; तो कल्पना या इमेजिनेशन से बड़ा कोई हथियार नहीं हो सकता। 

दोस्तों हम बचपन में जब कहानी सुनते थे; तब कहानी के सभी पात्र और घटनाओं को दिमाग में कल्पना के जरिए कुछ इस तरह बिठा लेते थे कि - जब वह कहानी दोहराई जाती थी और उस में कुछ बदलाव किया जाता था; तो हम तुरंत ठोक देते थे कि - यहां पर आप गलती कर रहे हैं।

दोस्तों, जब हम किसी टॉपिक को पढ़ रहे हैं और उस टॉपिक के संबंध में ही कल्पना कर रहे हैं; तो वह टॉपिक एक वीडियो की तरह हमारे दिमाग में चलता है और लंबे समय के लिए याद रखने में मदद होती है। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन ने भी कहा था - ज्ञान के लिए इमैजिनेशन यानी कल्पना बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। जी हाँ!यह बिल्कुल सच भी है।

सही दिनचर्या याददाश्त बढ़ाने में मददगार!

दोस्तों आजकल नियमित दिनचर्या का पालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। जिस वजह से विद्यार्थियों को भी याद न रख पाने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें - देर रात तक जागना, सुबह देर तक सोना, एक ही जगह पर बैठकर काम करना या पढ़ाई करना, नियमित पानी नहीं पीना आदि का हमारे शरीर और हमारे मेमोरी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसी के साथ हमारी मेमोरी की कार्यक्षमता को कमजोर करता है। जिस वजह से इस तरह की समस्या होती है।

दोस्तों यदि आप अच्छी याददाश्त पाना चाहते हैं; तो आपको नियमित दिनचर्या का सही ढंग से पालन करना होगा। जिसमें आप आवश्यक उतने ही नींद लेंगे, देर रात तक नहीं जागेंगे, सुबह जल्दी उठेंगे, एक ही जगह पर ज्यादा देर तक काम नहीं करेंगे अगर करना पड़े तो ब्रेक लेकर थोड़ा टहलेंगे, पानी खूब पिएंगे।

दोस्तों यदि आप केवल 21 दिन तक इस तरह के नियमित दिनचर्या का पालन करेंगे; तो मैं आपसे यकीनन सकता हूं कि - आपकी याददाश्त बढ़ना शुरू हो जाएगी।

टाइम टेबल - अब दिमाग कहेगा चलो याद करो!

भारत में ही नहीं बल्कि सभी जगह के लोगों का यही हाल है कि - वह टाइम टेबल के साथ किसी भी कार्य को नहीं करते। जब आप एक विद्यार्थी हैं और सफलता पाना चाहते हैं; तो आपको एक टाइम टेबल जरूर बनाना चाहिए और उस टाइम टेबल को फॉलो करना चाहिए।

दोस्तों कहते हैं कि इंसानी शरीर को किसी भी चीज की आदत लगने के लिए केवल 21 दिन लगते हैं। उसके बाद हमारा शरीर अपने आप उस क्रिया को दोहराने लगता है। जब आप एक विद्यार्थी हैं और सही टाइम टेबल के साथ पढ़ाई करते हैं; तो आपका दिमाग भी उस वक्त पर कहने लगेगा कि - चलो अब पढ़ाई करने का समय हो चुका है और आपका दिमाग भी उस कार्य को करने के लिए पूर्णतः तैयार होगा। उसके पश्चात आप जो भी पढ़ेंगे उसे याद रखने में आपको मदद मिलेगी।

आपकी रुचि - पढ़ा हुआ याद रखने में करेगी मदद!

दोस्तों यदि मैं अपनी बात करूं; तो मुझे ब्लॉगिंग में बहुत ही ज्यादा रुचि है। यदि आप मुझसे ब्लॉगिंग के बारे में कुछ भी पूछेंगे; तो मैं बहुत ही आसानी से आपके द्वारा पूछे गए सभी सवालों के जवाब दे सकता हूं। क्योंकि मुझे ब्लॉगिंग में बहुत ही ज्यादा रुचि है।

इसी का तात्पर्य यह निकलता है कि - आपको जिस विषय में रुचि है; उस विषय की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारी पढ़ने, बताने और समझाने में आपको आसानी होती है। इसीलिए आपको जिस विषय को याद करना हो सर्वप्रथम उस विषय में अपनी रुचि बढ़ाएं। जैसे ही आपकी रूचि उस विषय में बढ़ जाएगी; वैसे ही आप उस विषय के छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारी को पढ़ेंगे और याद कर पाएंगे; क्योंकि आपकी उसमें रुचि हैं।

समझ गए तो याद कर लोगे!

केवल याद करना ही बहादुरी का काम नहीं है। अरे...! याद तो तोता भी कर लेता है। लेकिन, तोते को यह नहीं पता होता कि - जो याद किया है उसका उपयोग कहां करना है। आपको तोते जैसा बिल्कुल भी नहीं करना है। आप जिस टॉपिक को पढ़ रहे हैं; बस उस टॉपिक को समझें। जब आप अच्छी तरह से उस टॉपिक को समझ लेते हैं; तो समझ लीजिए कि - आपका आधा काम हो गया। आपने उस टॉपिक को आधा अपने दिमाग में भर लिया है; बस थोड़ा और अच्छी तरह से समझना बाकी है। जब आप टॉपिक को पूरी तरह समझ लेंगे; तो कोई माई का लाल आपके दिमाग से उस चीज को निकाल नहीं सकता। वह टॉपिक आपको लंबे समय तक याद रहेगी।

पढ़ाई को रोचक बनाइये - याद हो जाएगा!

दोस्तों दुनिया में शायद ही कुछ ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें मनोरंजन पसंद नहीं सभी को मनोरंजक चीजें पसंद होती हैं और वह आसानी से याद भी रहती है इसीलिए आप पढ़ाई के किसी भी टॉपिक को मनोरंजक बनाइए जो आपको हमेशा याद रहेगा 

उदाहरण के लिए.- कक्षा छठवीं में हमें हिंदी का एक पाठ था। जिसमें एक गुड़ कैसे बनता है? के बारे में बताया गया था।

जो इस प्रकार था - "आजकल गांव में गुड बन रहा है। गुड गन्ने के रस से बनता है। गन्ने का रस कोल्हू से निकाला जाता है। निकाले हुए रस को एक बड़े से कढ़ाई में गर्म किया जाता है। रस गाढ़ा होकर गुड़ बन जाता है। गरम-गरम गुड़ खाने में बड़ा मजा आता है।

इस पाठ को मनोरंजक बनाने के लिए मेरे कुछ मित्रों ने इस पाठ के शब्दों के साथ छेड़छाड़ की और गुड शब्द से ड को निकाल कर पढ़ने के लिए कहा। यह बहुत ही हंसी दायक था और आप देख सकते हैं कि - यह मुझे 16 साल बाद भी यह याद है।

दोस्तों जब भी आप कोई टॉपिक ही पढ़ते हैं; तो आप जो पढ़ रहे हैं उसे थोड़ा मनोरंजक बनाइये। इसके लिए आप अपनी भावनात्मक विचारों का भी उपयोग कर सकते हैं। पढ़ते हुए आपको कुछ अजीब लगे तो उस पर हंस लिया करें। जब आप किसी महापुरुष की जीवनी पढ़ रहे हैं; तो विचार कीजिए कि - उन्होंने कितनी कठिनाइयों का सामना किया होगा। अजीब या रोचक चीजें हमें हमेशा याद रहती हैं; तो इसका प्रयास करें कि - आप अपनी पढ़ाई के विषय में कुछ अजीब ढूंढे। इस तरह से आप अपनी पढ़ाई को मनोरंजक बना सकेंगे और आपने जो पढ़ा है; उसे लंबे समय तक याद रखें रख पाएंगे।

खुद को पहचाने आप किस तरह याद कर पाएंगे!

दोस्तों हमने आपसे पहले ही कहा था कि - जिस चीज को आप पढ़ते हुए समझ लेते हैं; उसे आप लंबे समय तक याद रख सकते हैं। इसीलिए सबसे पहले आप अपना टाइप समझे कि - आप किस टाइप से किसी पढ़े हुए टॉपिक को याद कर पाते हैं। हमारा दिमाग 3 तरह से याद करता है; आइए कैसे बताते हैं।

  1. EAR MINDED : ऐसे विद्यार्थी जिन्हें केवल सुनने के पश्चात ही याद हो जाता है। क्योंकि वह सुने हुए चीज को अपने दिमाग में कल्पना के जरिए समझते हैं और उसे याद कर लेते हैं।
  2. EYE MINDED : ऐसे विद्यार्थी जिन्हें केवल देखने के बाद याद होता है। यदि आप ऐसे विद्यार्थी हैं; तो आप यूट्यूब पर टॉपिक से रिलेटेड छोटे-छोटे वीडियोस देख सकते हैं। ताकि आप अच्छी तरह से याद कर पाए।
  3. MOTOR MINDED : इस तरह के विद्यार्थी को कोई फर्क नहीं पड़ता कि - वह जानकारी को सुन रहा है या देख रहा है। वह दोनों ही तरीकों से अच्छी तरह किसी भी जानकारी को याद कर सकता है और इन्हें कुछ भी समझ में में ज्यादा समय नहीं लगता और किसी भी जानकारी को लंबे समय तक याद रख पाते हैं।

तो दोस्तों पढ़ाई भी आप ही को करनी है; तो आपको ही अपने आप को पहचानना होगा कि - आप का दिमाग किस टाइप का है? क्या वह केवल सुनकर याद कर पाता है? या क्या आपका दिमाग केवल देखकर याद कर पाता है? या फिर क्या आप मोटर माइंडेड है; जो कि सुनकर और देखकर दोनों तरीकों से याद कर पाता है? अपना तरीका पहचाने और पढ़ाई करें। यकीनन आप पढ़े हुए टॉपिक को लंबे समय तक याद रख पाएंगे और अपने मकसद में कामयाब होंगे।

***तो दोस्तों यदि आप एक विद्यार्थी हैं; तो आपको ऊपर दी गई सारी जानकारी आपको बहुत अच्छी लग रही होगी और आपने मन में ठान भी लिया होगा कि - आज से मैं यही करूंगा। ठान लेना कोई बड़ी बात नहीं है; उसे लंबे समय तक निभाना बड़ी बात है। आपको बता दें - जब हमारे विद्यार्थी जीवन में हमें कोई प्रेरणादायक लेक्चर देने आते थे; तो हम भी इसी तरह से ठान लेते थे। लेकिन एक-दो हफ्ते के बाद गाड़ी पहले जैसे ही हो जाती थी। आपको ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना है; जो आपने ठान लिया है, उसे पूर्ण करना है। यकीनन आप अपनी पढ़ाई अच्छी तरह से कर पाएंगे। इसी के साथ सारे टॉपिक को समझ पाएंगे और याद भी कर पाएंगे।

दोस्तों दुनिया में केवल एक ही चीज है; ''ज्ञान'' जो बाँटने से बढ़ता है - इसलिए उम्मीद करते हैं; आप सभी दोस्तों को यह जानकारी बेहद पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करेंगे। साथ ही साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय देंगे। क्योंकि राय आप तभी देते हैं; जब आप समझ लेते हैं।

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