Career After 10th : दसवीं के बाद किस साइड में जाये ? कौनसे करियर का चुनाव किया जाये ? ऐसे ही शेकडों सवाल छात्र / छात्राएं तथा उनके माता पिता के मन में आना स्वाभाविक है। इसके लिए विशेषज्ञ के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इसी मानसिकता को मध्य नज़र रखते हुए "Technical Prajapati" ब्लॉग वेबसाइट पर पेश है - 10 वीं की परीक्षाएं समाप्त हुई आगे क्या करे ? | 10 वीं के बाद करियर की दिशा

हेलो, नमस्कार दोस्तों,
फ्रेंड्स, कक्षा 10 वीं और 12 वीं का जीवन में बहुत महत्व हैं। दरअसल यह दो साल आपके करियर की दिशा को तय करते हैं। हालांकि, छात्रों को उनके हितों, इच्छाओं, माता-पिता की इच्छाओं, उपलब्ध अवसरों और प्राप्त गुणों के बारे में सोचना जरुरी है। आप निश्चित रूप से सफलता पाते है यदि आप इन सभी चीजों पर विचार करके कैरियर क्षेत्र का चयन करते हैं।

What to do next after 10th? | Career direction after 10th-10 वीं के बाद आगे क्या करे ? | 10 वीं के बाद करियर की दिशा
10 वीं की परीक्षाएं समाप्त हुई आगे क्या करे ? | 10 वीं के बाद करियर की दिशा |

Note: 10 वीं के बाद सही करियर चुनाव के लिए पूरा आर्टिकल पढ़ना अनिवार्य है। बिच में से ही किसी भी निर्णय पर पहुंचना। आपकी बहुत बड़ी भूल साबित हो सकती है।

करियर चुनने के लिए प्रभावी कारण

१ ] अंकों के आधार पर :- आमतौर पर छात्र अपने प्राप्त अंको के अनुसार विज्ञान, वाणिज्य तथा कला की ओर रुख करने का फैसला करते है।

२] जैसा कि दोस्तों ने तय किया है :- कुछ छात्र इसकी राह देखते है की हमारा मित्र क्या तय कर रहा है। वह किस क्षेत्र का चुनाव कर रहा है उसके बाद बिलकुल उसी की नक़ल है।

३] ट्रेंड्स :- आईटी, गेमिंग, मीडिया, जैसे हॉट ट्रेंड्स आते जाते रहते है। कुछ छात्र इस ट्रेंड्स को देखकर अपना करियर चुनते है। 

४] व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं :- कुछ छात्रों के कुछ सपने होते है तथा उन्हें पूरा करने हेतु उसी दिशा का चुनाव करते है। 

५] माता-पिता की आशाए :- अपनी इच्छा अपने बच्चो पर लादकर कुछ माता पिता अपने बच्चे के करियर का डिसीजन लेते है। 

६] स्टेटस :-  विज्ञान, इंजीनियरिंग जैसी पढाई को समाज में सम्मान का स्थान दिया जाता है। इसीलिए कुछ छात्र इनको चुनते है। 


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सर्टिफिकेट कोर्स

यह पाठ्यक्रम उन छात्रों के लिए उपयोगी है जो 10 वीं के बाद आगे पढाई नहीं कर सकते तथा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना चाहते हैं। यह कोर्स पंद्रह दिन से छह महीने तक का है। इसके आपको गहराई से अध्ययन करना नहीं सीखते सिर्फ मुद्दों के विषय तथा राशि के बारे में जानकारी दी जाती है। इस कोर्स का उपयोग किसी विशेष कोर्स में जाने से पहले अनुमान लगाने के लिए किया जाता है। 
उदाहरण :- स्क्रीन प्रिंटिंग, फोटोग्राफी, ज्वैलरी डिजाइनिंग, पेंटिंग, बढ़ईगीरी, सॉफ्ट टॉय मेकिंग, टेलरिंग, ब्यूटी केयर आदि।

संरक्षण

सेना, वायु सेना, नौसेना और रक्षा विभाग में भी शारीरिक परीक्षणों को पूरा करके प्रवेश लिया जा सकता है। हालांकि, 10 वीं के बाद अधिकारी की नियुक्ति नहीं की जाती है। इसके लिए डिग्री कोर्स की आवश्यकता होती है। मर्चेंट नेवी में 10 वीं कक्षा के लिए कुछ मापदंड दिए गए है। लेकिन ज्यादातर बारहवीं विज्ञान की आवश्यकता होती है। CRPF, BSF, IIBP, CISF जैसे पैरामिलिट्री फोर्स में भी मौका है।

पॅरामेडिकल, बायफोकल

आप डेंटल हाइजीन, मेडिकल लेबोरेटरी, ऑप्थेलमिक टेक्नोलॉजी, ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट, नर्सिंग पैरामेडिकल फील्ड में दसवीं कक्षा के बाद भी जा सकते हैं। तथा कृषि, मत्स्य पालन, स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान के लिए भी व्यावसायिक जैव चिकित्सा पर विचार किया जा सकता है।

डिप्लोमा

इंजीनियरिंग, मुर्गी पालन, सौंदर्य, चिकित्सा, होटल प्रबंधन, भाषा, यात्रा और पर्यटन में डिप्लोमा पाने के लिए 10 वीं के बाद अवसर है उसके बाद नौकरी मिलती है या आप आगे डिग्री भी कर सकते है। 

कला [Arts]

यदि विज्ञान और वाणिज्य में प्रवेश नहीं मिला इसीलिए कला में जाने के इस प्रकिया को धीरेधीरे बदलना आवश्यक है। इस शाखा से राजनीति विज्ञान जैसे विषयों को सीखा जा सकता है। साथ ही साथ इसमें 150 तरह के कोर्स उपलब्ध हैं।  इसके अलावा, 10 वीं के छात्रों को डिफेंस में जाने के लिए इस सब्जेक्ट की पढाई करके डिग्री मिल सकती है।

कॉमर्स

अब वाणिज्य के पारंपरिक पदवी के साथ अकाऊंटिंग और वित्त में बीएएफ, बैंकिंग और बीमा में बीबीआय और वित्तीय बाजार में बीएफएम डिग्री स्तर के पाठ्यक्रम मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किए जाते हैं। इस कोर्स को करने के बाद कॉमर्स की अलग डिग्री लेने की जरूरत नहीं है। बैंकिंग क्षेत्र में जाने के लिए बीबीआय मददगार साबित होता है। और जिन छात्रों ने BFM किया है,उनके पास भी बैंकिंग का मौका होता है।


सायन्स [विज्ञान]

१] PCMB : - 10 वीं के बाद अगर छात्र 12 वीं के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और  बायोलॉजी को चुनते है तो बायो केमिस्ट्री, बायो मेडिकल इंजिनीअरिंग, बायो टेक्नॉलॉजी, बायो इन्फॉर्मेटिक्स, फार्मसी की पढाई कर सकेंगे। 

२] PCM :- इन विषयों के अनुसार आर्किटेक्चर, डिफेन्स, नेव्ही, इंजिनीअरिंग, पायलट ट्रेनिंग, टेक्नॉलॉजी आदि किया जा सकता है।

३] PCB :-  मेडिकल, व्हेटर्नरी सायन्स एंड एनिमल हजबण्डरी, पॅरामेडिकल कोर्सेस, एग्रीकल्चर सायन्स के लिए यह समूह उपयोगी है। एव्हिएशन, फूड सायन्स, फोरेन्सिक सायन्स, एन्व्हायर्न्मेंटल सायन्स, मेडिकल लॅब टेक्नॉलॉजी, बायो टेक्नॉलॉजी, लाइफ सायन्स, मॅथमेटिक्स इनमे पदवी की जा सकती है।

नोट :- ऊपर [Science में दिए] दिए सभी कोर्स ४ या ५ साल के है तथा प्रवेश परीक्षा देना अनिवार्य है।

फाइन आर्ट्स / परफॉर्मिंग आर्ट्स

आर्ट एंड क्राफ्ट, सिरॅमिक एंड पॉटरी, डान्स, ड्रॉइंग, फर्निचर एंड इंटेरिअर डिझाइन, म्युझिक, स्कल्प्चर से संबंधित विषयों में भी एक कैरियर बनाया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए उन विषय में रुचि और कौशल की आवश्यकता होती है। अगर आप बचपन से इन विषयों का अध्ययन करते आ रहे हैं, तो करियर के अच्छे अवसर हैं।

बॅचलर इन डिझायनिंग

हर वस्तु का डिजाइन समय समय पर बदलते रहता है। हर वस्तु को हर एक इंसान अलग अलग तरीके से प्रस्तुत करता है। अगर आप बैचलर इन डिझाइनिंग चुनते है तो आपके पास  प्रोडक्ट डिझाइन, फर्निचर अॅण्ड इंटिरिअर डिझाइन, सिरॅमिक एंड ग्लास डिझाइन, ग्राफिक डिझाइन, एनीमेशन, व्हिडिओ कम्युनिकेशन आदि पर्याय उपलब्ध है। इस तरह के करियर को चुनने के लिए सिर्फ चित्रकला में नुपूण होना ही अनिवार्य नहीं है। इस करियर के लिए आपके पास कल्पनाशक्ति भी हो ताकि आप समय समय पर अच्छे डिझाइन पेश कर सके।

गृह विज्ञान [होम सायन्स]

न्यूट्रिशियन, आहार विशेषज्ञोंको आज के इस समय में बहुत ही महत्व प्राप्त किया है। इसी प्रकार मानव विकास, होम टेक्सटाइल, गुणवत्ता नियंत्रण [Quality Control ] आदि विषय भी गृह विज्ञान में शामिल हैं। आपको बता दें, गृह विज्ञान केवल घर पर या लड़कियों के लिए काम करने तक सीमित नहीं है। लड़कों को भी यह विषय करियर के लिए उपयोगी है। 

अन्य करियर विकल्प

आर्किटेक्चर, आयटी, कम्प्युटर सायन्स, फाइन आर्ट, हॉस्पिटॅलिटी, मास मिडीया, मॅनेजमेंट, एचआर मॅनेजमेंट जैसे अन्य करियर भी उपलब्ध है। 

दोस्तों, लेकिन इतनी सारी चीजों को देखने के बाद भ्रम की स्थिति होना जायज है। इसीलिए करियर चुनने से पहले कुछ बाते याद रखे जो निचे दी गई है।

करियर चुनने से पहले इन बातों पर गौर फरमाये

१] खुद को पहचानें :- अपनी प्रकृति, जुनून, क्षमता, ऊर्जा, बुद्धिमत्ता के बारे में सोचें। प्रकृति और जुनून दो अलग-अलग चीजें हैं। यदि किसी विषय के लिए जुनून है और आपके पास उसे करने की क्षमता नहीं है तो समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

२] विकल्पों के बारे में सोचें - आप जिस करियर का चुनाव कर रहे है उन विषयों के लिए कॉलेज, करियर के आखरी पड़ाव तक पहुँचने के लिए आने वाले विभिन्न पाठ्यक्रम, आपको आपके करियर के और भी नुपूण बनाने वाले सहायक कोर्स, आप जो करियर चुन रहे है अगर आपको उसमे प्रवेश न मिले तो अन्य विकल्प तैयार रखे। आदि विकल्पों का विचार अवश्य करें। 

३] सुविधा - कैरियर चुनने के लिए समय और पैसा दोनों ही महत्वपूर्ण तत्व हैं। कर्ज, स्कॉलरशिप, स्पॉन्सरशिप आदिं का पहले से ही विचार करले। कभी कभी छात्र परदेश में जाकर अपनी पढाई करना चाहते है, लेकिन माता पिता आर्थिकरूप से उतने सशक्त नहीं होते। इसीलिए ऐसे विकल्पों का पहले ही विचार करे। 

४] स्कोप - सिर्फ पैसे कमाने हेतु किसी भी करियर का चुनाव न करें। आपको जो ज्ञान प्राप्त है, आपके पास जो क्षमता है, तथा आप किस क्षेत्र की चुनौतियों को सही तरीके से अंजाम दे सकते है, आदि का भी विचार अवश्य करें। 

Technical Prajapati Team की सलाह / राय

दोस्तों, आपके पास करियर के लिए भरपूर अवसर हैं। लेकिन इसे सिर्फ अपनी नौकरी को देखकर न करें। यदि आप में  सोचने की क्षमता, दृढ़ता, ईमानदारी, गणितीय दृष्टिकोण आदि है। तो आप व्यवसाय में भी सफल हो सकते हैं। यह पैसे कमाने और दृष्टिकोण की भावना को बनाए रखने के लिए एक अच्छा तरीका है।

दोस्तों , आपको बता दें, युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने पॉलिटेक्निक कोर्स शुरू किया है। हालांकि, सरकार या निजी संस्थानों से बाहर निकल कर बच्चे सिर्फ नौकरी के बारे में ही विचार करते है। वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू नहीं करते जिसकी वजह से दूसरों को भी नौकरीयां नहीं मिलती, जिससे नौकरियों की कमी होती है। हर साल हजारों कंप्यूटर इंजीनियर बाहर आते हैं और हर कोई नौकरी करना चाहता है। तो समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए युवाओं को करियर के बारे में अलग तरीके से सोचना चाहिए।

दोस्तों छात्र हमेशा लोकप्रिय कोर्स के पीछे दौड़ते हैं। जिस कोर्स में पहले से ही हजारों लड़के लड़कियां प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन सभी कोर्स करने वालों छात्रों में बहुत सारे छात्र बेरोजगार रह जाते हैं। इसके विपरीत बताया जाए तो फुटवेयर टेक्नोलॉजी मेटएलर्जी जैसे विषयों को चुनकर राज्य से सिर्फ 120 छात्र ही हर साल बाहर आते हैं। जिससे उन्हें नौकरी तुरंत मिल जाती है। इस कोर्स के लिए होशियार बच्चे प्रवेश नहीं लेते इसकी वजह से अगर आपको 40% मार्क्स मिले हैं तभी भी प्रवेश मिल जाता है। तथा उन्हें नौकरी के अवसर प्राप्त होते हैं।

अगर लोकप्रिय पाठ्यक्रम को चुनते है तो याद रखे

दोस्तों, सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल यह तीनों सब्जेक्ट हमेशा से ही लोकप्रिय है। दसवीं के परीक्षा का रिजल्ट लगने के 2 दिन पहले ही समाचार पत्रों से डिप्लोमा कोर्स के विज्ञापन आते हैं। लेकिन अगर आप डिप्लोमा में जाना चाहते हैं तो आने वाले इन विज्ञापनों का इंतजार न करें। सरकारी कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए अब केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया की गई है। अगर आप इसका सही तरह से अध्ययन करेंगे तो निश्चित रूप से आपको फायदा होगा। बहुत बार यह सामने आता है कि, अच्छे मार्क्स होने के बावजूद भी गलत तरीके से फॉर्म भरने की वजह से आपको प्रवेश नहीं मिलता। उसी वक्त कम अंक पाने वाले छात्रों को प्रवेश मिल जाता है।

अपने प्रमाणपत्र तैयार रखें

फ्रेंड्स, सबसे पहले, यदि आप विभिन्न तरीकों के आरक्षण जैसे अपंगत्व आय के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं। तो इसके लिए आपको रिजल्ट लगने से पहले ही इन प्रमाण पत्रों को तैयार रखना जरूरी है। रिजल्ट प्राप्त होने के बाद अगर आप प्रमाण पत्र तैयार करने जाएंगे तो इस प्रोसेस में लंबा समय लगता है और उसके लिए प्रवेश प्रक्रिया नहीं रुकती।

सरकारी कॉलेज डिप्लोमा में प्रवेश के लिए

सरकारी डिप्लोमा के लिए केवल एक पेज का आवेदन दिया जाता है। इस पर ऑनलाइन पता छपा होता है। वहां जाकर फॉर्म भरना आवश्यक है। यदि आप अपना पासवर्ड सरल रखते हैं तो उसे भुलाया नहीं जा सकेगा क्योंकि हर बार इस पासवर्ड की जरूरत होती है। आवेदन करते समय राज्य भर के पॉलिटेक्निक कॉलेज पाठ्यक्रम का पुस्तक फॉर्म के साथ उपलब्ध होता है। उसका अध्ययन करो। छात्रों के प्रवेश परीक्षणों में तीन से चार परिक्षण की वजह से पाठ्यक्रम शुरू करने में देरी हो जाती है। इसे रोकने के लिए, 100 से अधिक कॉलेज विकल्पों का चुनाव करना होता है। यदि आपको पहले तीन परीक्षणों में कॉलेजों में प्रवेश मिलता है, तो छात्र के लिए वह बंधनकारक होता है। अक्सर छात्र केवल 10 से 15 विकल्प भरते हैं। यदि उन्हें उन कॉलेज में प्रवेश नहीं मिलता है, तो वे अवसर को गवाँ बैठते है। 


कॉलेज का चुनाव कैसे करे?

दोस्तों, सबसे पहले, अपने इच्छित कॉलेजों की श्रेणियों को लिखें। जिससे जिन स्थानों पर आप नहीं जाना चाहते हैं, वे स्वचालित रूप से अलग हो जाएंगे। फिर आप जिस कोर्स को चाहते हैं, उस पर विचार करने के बाद उसे लिख लें। इसलिए बाकी कोर्स पर विचार नहीं करना होगा। अब चयनित स्थानों और पाठ्यक्रमों पर विचार करके कॉलेजों पर निर्णय ले। एक कॉलेज दो शिफ्टों में पाठ्यक्रम भी प्रदान करता है। इस मामले में, पहली शिफ्ट और दूसरी शिफ्ट ऐसे दो विकल्प भरे जा सकते हैं। इन दोनों पाठ्यक्रमों को एक ही स्तर के पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाता है। सभी कॉलेज लिखने के बाद प्राथमिकता को चुने। अगर आपको लगता है कि कुछ कॉलेजों में आपकी प्रतिभा नहीं है, तो उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अगर जगह है, तो आपको मौका मिलेगा। पहले पचास कॉलेजों को इस तरह से भरने पर कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन अंतिम कॉलेज भरें जहां आप निश्चित पहुंच प्राप्त कर सकते हैं।

उम्मीद है दोस्तों आप सभी को आज का " 10 वीं की परीक्षाएं समाप्त हुई आगे क्या करे ? | 10 वीं के बाद करियर की दिशा " यह पोस्ट बेहद पसंद आया होगा।

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***तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही फिर मिलेंगे अगली पोस्ट में तब तक के लिए नमस्कार जय हिन्द वन्दे मातरम। 

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