प्रोग्राम क्या होता है  What is the Program in Hindi
प्रोग्राम क्या होता है / What is the Program in Hindi

प्रोग्राम क्या होता है : अगर संगणकीय भाषा में प्रोग्राम क्या है? इस बारे में बताएं तो यह कहा जा सकता है कि प्रोग्राम का मतलब instructions का समूह होता है। और अगर,

कंप्यूटर प्रोग्राम क्या होता है : किसी भी विशेष कार्य को कंप्यूटर द्वारा करवाने के लिए कंप्यूटर को समझ आने वाली भाषा में दिए गए instructions के group को कंप्यूटर प्रोग्राम कहा जाता है।

दोस्तों, आपको बता दें कंप्यूटर को किसी भी कार्य को करने के लिए प्रोग्राम की जरूरत होती है। बगैर इसके वह कुछ नहीं कर सकता क्योंकि भले ही कंप्यूटर बहुत सारे कार्यों को करने की क्षमता रखता है। लेकिन कंप्यूटर तब तक कार्यों को पूर्ण नहीं करता जब तक उसे सही इंस्ट्रक्शन ना दिया जाए या उससे कार्य करने के लिए ना कहा जाए।

नमस्कार दोस्तों,
फ्रेंड्स, आमतौर पर प्रोग्राम को प्रोग्रामिंग भाषाओं में लिखा जाता है। प्रोग्राम अंग्रेजी में लिखे जाते हैं जैसे कि ज्यादातर प्रोग्राम लिखे जाता है। लेकिन आपको बता दें, भले ही प्रोग्राम लिखने के लिए अंग्रेजी का इस्तेमाल होता है लेकिन इसलिए आपको अंग्रेजी में विशेष ज्ञान होना आवश्यक नहीं है। कम अंग्रेजी ज्ञान से भी आप प्रोग्राम बना सकते हैं। आइए आपको कंप्यूटर प्रोग्राम के बारे में अधिक जानकारी देते हैं।

दोस्तों, जैसे कि हमने जाना कि - कंप्यूटर बिना किसी इंस्ट्रक्शन के किसी भी कार्य को करने में असक्षम होता है। इसीलिए इससे किसी भी कार्य को करवाने के लिए हमें प्रोग्राम या कहें इंस्ट्रक्शन का ग्रुप कंप्यूटर को देना होता है। इस प्रोग्राम को बनाते समय बहुत सारी बातों का ध्यान रखना होता है जिसे हम आपको नीचे बता रहे हैं।


प्रोग्रामिंग के विभिन्न चरण - Different stages of programming

  1. किसी भी प्रोग्राम की प्रोग्रामिंग करने से पूर्व प्रोग्राम के सभी Specifications को अच्छी तरह से समझ लिया जाता है।
  2. प्रोग्राम में उपयोग में ली जा रहे सभी Terms and Conditions का सही तरीके से पालन हो रहा है या नहीं इसे भी जांच लिया जाता है।
  3. अब प्रोग्राम के सभी specifications को समझने के बाद, प्रोग्राम के शुरू होने से अंत होने तक सभी instructions को एक के बाद एक विधिवत क्रमबद्ध कर लिया जाता है या कहें प्रोग्राम की डिजाइन कर ली जाती है।
  4. डिजाइन किए गए प्रोग्राम को सर्वप्रथम अच्छी तरह से जांच कर उस प्रोग्राम की कोडिंग की जाती है और प्रोग्राम को Compile ["कंपाइलर" खुद एक प्रोग्राम होता हैं जो प्रोग्रामिंग भाषा मे लिखे गए प्रोग्राम जो  इंसानों के समझने योग्य है। उसे कंप्यूटर के समझने योग्य बनाने मे मदद करता हैं] किया जाता है।
  5. Test Data Input के जरिए डिजाइन किए गए प्रोग्राम की जांच की जाती है की क्या वास्तव में हमें जो परिणाम चाहिए वह प्राप्त हो रहा है या नहीं।

प्रोग्रामिंग के अंतिम चरण में

जब परिणाम उचित ना मिले : इसका सीधा अर्थ है कि, प्रोग्राम के किसी इंस्ट्रक्शन का क्रम गलत है या इंस्ट्रक्शन किसी गलत स्थान पर दिया गया है। अब आपको प्रोग्राम में हुई गलती को खोजना है और उसे ठीक करना है।

जब परिणाम उचित मिले : जब आप पाते हैं कि, डिजाइन किए गए प्रोग्राम से आपको उचित परिणाम हासिल हो रहा है। तब आपको प्रोग्राम में दिए गए इंस्ट्रक्शन के क्रम को Unified करना होता है तथा इंस्ट्रक्शन के इस क्रम को computer में स्थापित करना होता है।

***तो दोस्तों इस प्रकार प्रोग्रामिंग के विभिन्न चरणों की प्रक्रिया समाप्त होती है।

 

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प्रोग्राम की विशेषताएं - Program Features

किसी भी उच्च गुणवत्ता वाले प्रोग्राम में नीचे दिए गए चीजों को परखा जाता है।

1. सटीकता - Accuracy : कोई भी प्रोग्राम जो अपने उद्देश्य को पूर्ण करते हुए इच्छित परिणाम को प्राप्त करने की process and instructions को truthless रखता हो। ताकि प्रोग्राम पर कार्य करने वाला consumer गलत परिणाम प्राप्त होने पर निश्चित तरीके से जान ले कि उससे इनपुट देने में ही कोई गलती हुई है।

2. भरोसेमंद - Trustworthy : प्रोग्राम को भरोसेमंद होना चाहिए इसका मतलब है कि, अगर customer इस पर कार्य करते समय कोई गलती करता है तो गलती से संबंधित त्रुटि संदेश उसे प्राप्त होना चाहिए। ताकि वह उसे ठीक करके अपना कार्य शुरु रख सकें।

3. सामर्थ्य - Affordability : various sources से Data एकत्रित करने का सामर्थ्य प्रोग्राम में होना चाहिए।

4. आरामदायक - Comfortable : किसी भी प्रोग्राम में दिए गए इंस्ट्रक्शन कुछ इस तरह क्रमबद्ध होने चाहिए ताकि कस्टमर को इस पर कार्य करते समय किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े। अगर कोई समस्या उत्पन्न होती है तो प्रोग्राम में ही उस समस्या को हल करके आगे बढ़ने के लिए सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। ताकि कस्टमर के लिए यह आरामदायक हो।

5. समझने योग्य - Understandable : प्रोग्राम समझने योग्य हो इसका मतलब है कि, कस्टमर को प्रोग्राम पर कार्य करते समय अलग-अलग indexes के लिए स्पष्ट रूप से सूचनाएं प्राप्त होती रहे। जैसे अगर प्रोग्राम में किसी स्थान पर Hobby इनपुट करना हो तो, उसका इंडेक्स Hobby या इस से मिलता-जुलता होना चाहिए। ताकि कस्टमर इसे समझ सके कि उसे यहां पर अपनी हॉबी इनपुट करना है।

***तो दोस्तों, उच्च गुणवत्ता वाले प्रोग्राम में इन सारे गुणों को परखा जाता है। यदि किसी प्रोग्राम में यह सारी खुशियां उपलब्ध होती है, तो कहा जाता है कि वह प्रोग्राम उच्च गुणवत्ता वाला है।


कंप्यूटर प्रोग्रामिंग कैसे की जाती है - How computer programming is done

दोस्तों जैसे कि हम सभी को पता है - कंप्यूटर की प्रक्रिया Extremely complicated होती है। कंप्यूटर के पास अपनी मेमोरी तो होती है लेकिन बुद्धि नहीं होती। वह सिर्फ उन्हीं कार्यों को करता है जिसके लिए उसे इंस्ट्रक्शन दिया जाता है। कंप्यूटर को कार्य करने के लिए दिए गए इंस्ट्रक्शन के ग्रुप को प्रोग्राम कहा जाता है। और इस प्रोग्राम को कीबोर्ड पर टाइप करके फीड किया जाता है। प्रोग्राम के द्वारा हमें संगणक से क्या-क्या करवाना है इस बारे में क्रमबद्ध इंस्ट्रक्शन के रूप में लिखा जाता है। यहां हम कल्पना के जरिए समझने की कोशिश करेंगे।

जिस तरह एक रोबोट को इंस्ट्रक्शन दिया जाता है बिल्कुल उसी प्रकार कंप्यूटर को भी इंस्ट्रक्शन का ग्रुप प्रोग्राम के जरिए दिया जाता है आइए हम जानते हैं - एक कप चाय बनाने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम किस तरह तैयार किया जाएगा।

याद रहे - प्रोग्राम बनाते समय छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक होता है अन्यथा उचित परिणाम हासिल नहीं होता।

एक कप चाय बनाने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम

1. रसोई घर में जाएं।

2. चाय का भगोना लें।

3. नल की तरफ जाएं तथा नल की टोटी खोलकर चाय के भगोने में पानी भरें।

4. चाय के भगोने में 5% पानी भर जाने पर नल की टोटी बंद कर दें।

5. गैस की तरफ बढ़े और चाय का भगोना बर्नर पर रख दें।

6. गैस सिलेंडर ऑन करें।

7. गैस का लाइटर एक हाथ में ले ले।

8. एक हाथ से गैस के बर्नर को ऑन करें तथा साथ ही साथ लाईटर भी जलाए।

9. Condition- 1 : अगर गैस का बर्नर नहीं जलता तो तुरंत उसे बंद कर दें और फिर से क्र 8 वाली इंस्ट्रक्शन से शुरू करें।

10. Condition- 2 : यदि गैस जलती है तो बर्नर के नॉब को +25 डिग्री पर घुमा दे।

11. रैक की तरफ जाएं तथा रैक पर चाय और चीनी लिखे हुए डिब्बों को उठाकर गैस के पास लाकर रखें।

12. फ्रिज की तरफ बढ़े तथा फ्रिज का दरवाजा खोल कर सबसे ऊपर रखे दूध के पतीले को उठाकर गैस के पास रखे चाय और चीनी के डिब्बे पास रख दें।

13. condition 2 को पूर्ण करने के 00:30 मिनट पश्चात चाय का डब्बा उठाकर उसमें पड़े चम्मच से 1/4 चम्मच चाय बर्नर पर रखे चाय के भगोने में डालें।

14. चीनी का डब्बा उठाकर उसमें पड़े चम्मच से 1 चम्मच चीनी बर्नर पर रखे चाय के भगोने में डालें।

15. दूध के पतीले को उठाकर 10% दूध बर्नर पर रखे चाय के भगोने में डालें।

16. चाय और चीनी के डिब्बों को जहां से उठाया था वही रख दें।

17. दूध के पतीले को फ्रीज में जहां से उतारा था वही रख दें।

18. एक ट्रे, एक कप और एक डिश लाकर गैस के पास रख दें।

19. ट्रे के ऊपर डिश को रख दें और डिश के ऊपर कप को रख दें।

20. चाय छन्नी और संडासी लेकर आए और उसे गैस के पास रख दें।

21. इंस्ट्रक्शन 15 को पूर्ण करने के 02:00 मिनट पश्चात जिस पर चाय का भगोना रखा है उस बर्नर को बंद कर दें।

22. संडासी से चाय के भगोने को पकडकर छननी कप के ऊपर रखकर चाय छानिए और तब तक छानिए जब तक कप 80% न भर जाये।

23. कप में चाय भर जाने के पश्चात छननी व चाय के भगोने को सिंक में रख दिजिए।

तो दोस्तों, बिल्कुल इसी प्रकार किसी भी कार्य को करने के लिए बहुत सारे इंस्ट्रक्शंस को इकट्ठा करके प्रोग्राम बनाया जाता है और बाद में इस प्रोग्राम को संगणक में स्थापित करके कंप्यूटर द्वारा कार्य को पूर्ण करवाया जाता है।

***तो दोस्तों अब आपको - प्रोग्राम क्या होता है / What is the program in Hindi सभी जरूरी जानकारी प्राप्त हो चुकी है।

उम्मीद करते हैं दोस्तों, हमारे द्वारा दी गई है यह जानकारी आप सभी दोस्तों को बहुत पसंद आई होगी। अगर जानकारी पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। साथ-साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर दें, क्योंकि दोस्तों कमेंट बॉक्स आपका ही है। जल्द ही आपसे फिर मुलाकात होगी कंप्यूटर की एक नई जानकारी के साथ तब तक के लिए नमस्कार !

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