आरटीओ ऑफीसर कैसे बने? | How to become an RTO officer? : एक सरकारी अधिकारी बनने के लिए हर किसी को कड़ी मेहनत करनी होती है। जी हां! अगर आप RTO officer बनना चाहते हैं; तो इसके लिए भी आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। अपने जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, आपको यह पता होना चाहिए कि - उस लक्ष्य तक कैसे पहुंचा जा सकता है? आज की इस पोस्ट में हम आपको आपके लक्ष्य (R.T.O Officer) तक पहुंचने का रास्ता बता रहे हैं।
दोस्तों सबसे पहले तो हम आप को इस बात से अवगत करा दें कि - हमने यह आर्टिकल क्यों लिखा है? दोस्तों जैसे कि यदि आप किसी इंटरव्यू में जा रहे हैं और आपको पता नहीं है कि - इंटरव्यू किस चीज का लिया जाने वाला है? तो आप वहां अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते। हालांकि जब आपको पता होता है कि - आप किस चीज के इंटरव्यू के लिए जा रहे हैं; तो आप उसके अनुसार अपनी पूरी तैयारी के साथ जाते हैं और बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं।
जी बिल्कुल! दोस्तों, हम भी यही सोच रहे हैं कि - यदि आपको भी पता होगा कि, एक आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए कौन-कौन सी तैयारी करनी है? तो आप आसानी से सरकारी नौकरी - आरटीओ ऑफिसर बन सकते हैं। आइए सर्वप्रथम जानते हैं, आरटीओ क्या होता है?
दोस्तों, मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 213 (1) के तहत मोटर वाहन विभाग की स्थापना की गई है। यह पूरे देश में एक केंद्रीय अधिनियम के रूप में लागू किया गया है। मोटर वाहन विभाग अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करता है। इस विभाग का आयोजन परिवहन आयुक्त (Transport Commissioner) द्वारा किया जाता है।
दोस्तों आपको तो यह पता ही होगा की - प्रत्येक राज्य और शहर का अपना आरटीओ होता है। लेकिन, आपको यह भी बता दें कि - मोटर वाहन अधिनियम 1988 में रखे गए कार्यों और गतिविधियों को पूरा करना एक आरटीओ ऑफिसर की जिम्मेदारी होती है। आइए अब आपको बताते हैं - एक आरटीओ ऑफीसर को कौन-कौन से कार्य करने होते हैं?
ड्राइविंग लाइसेंस देना : वाहन चलाने के लिए बेहद आवश्यक डॉक्यूमेंट यानी आप का ड्राइविंग लाइसेंस। यह कितना जरूरी है? यह हम सभी को पता है। ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए हमें ड्राइविंग के कुछ टेस्ट देने होते हैं। जिन्हें पास करने के बाद हमारा ड्राइविंग लाइसेंस बनता है। आपको बता दें - ड्राइविंग लाइसेंस देने का काम आरटीओ द्वारा किया जाता है।
वाहनों का पंजीकरण : नया वाहन खरीदी करने के बाद हर किसी को उस वाहन पर कानूनी अधिकार पाने के लिए पंजीकरण करना होता है। इसके पश्चात उस वाहन के लिए एक नंबर प्लेट दिया जाता है। हम सभी को पता है कि - बिना नंबर प्लेट के गाड़ी चलाना गैर कानूनी है। आपको बता दें - किसी भी नए वाहन का पंजीकरण (registration) आरटीओ के अंतर्गत किया जाता है।
गाड़ियों का प्रदूषण चेक करना : गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए आरटीओ के द्वारा गाड़ियों का प्रदूषण लेवल चेक किया जाता है। आपको बता दें - जिस वाहन से ज्यादा प्रदूषण होता है या जो वाहन अधिक मात्रा में प्रदूषण कर रहा है। उसका लाइसेंस कैंसिल करने का अधिकार आरटीओ को है। इस तरह आरटीओ का ''गाड़ियों का प्रदूषण चेक करना'' यह भी एक महत्वपूर्ण कार्य है।
गाड़ियों का बीमा कराना : भारत सरकार ने गाड़ियों का बीमा करवाना सभी के लिए अनिवार्य कर दिया है। इस तरह यदि किसी व्यक्ति को अपने गाड़ी का बीमा करवाना है; तो उसे आरटीओ ऑफिस जाना होगा। इस प्रकार गाड़ियों का बीमा करवाना भी आरटीओ का काम होता है।
तो दोस्तों, आरटीओ क्या होता है? और आरटीओ को कौन-कौन से कार्य करने होते हैं? की जानकारी के बाद। आइए आपको बताते हैं, आरटीओ ऑफिस में कौन से पोस्ट होते हैं।
***दोस्तों अब वक्त आ गया है कि - आपको बताया जाए, आरटीओ ऑफीसर कैसे बने? आइए जानते हैं।
दोस्तों, सबसे पहले तो आपको इस बात को जान लेना चाहिए कि - आरटीओ ऑफिसर पद के लिए सीधा चयन नहीं किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले आपको एआरटीओं या आईएमवी के पद पर चयन होना पड़ता है। जिसके कुछ वर्षों के उपरांत प्रोन्नति (promotion) द्वारा आरटीओ के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाती है।
***तो आइए दोस्तों अब हम जानते हैं - आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए?
💓 यदि आवेदक उच्च पद भी की मंशा रखता है; तो उसे मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट होना आवश्यक है।
💓 आरटीओ ऑफीसर के लिए आवेदन करने वाले आवेदक की आयु 21 वर्ष से 30 वर्ष के बीच होना आवश्यक है।
💓 OBC आवेदनकर्ता के लिए 3 साल की छूट तथा Sc/St आवेदनकर्ताओं के लिए 5 साल की छूट होती है।
💓 आरटीओ अधिकारी बनने के लिए यह कोई मायने नहीं रखता कि - आप महिला है या पुरुष। दोनों ही समान अधिकार के साथ आवेदन कर सकते हैं।
आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता जानने के बाद - आइए जानते हैं, आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए कौन-कौन सी परीक्षाएं होती है?
RTO बनने के लिए लिखित परीक्षा : दोस्तों आरटीओ ऑफीसर की परीक्षा देने के लिए आपको सर्वप्रथम इसका सिलेबस पता होना चाहिए। जिसके पश्चात आप इसकी पढ़ाई अपने टारगेट के अनुसार कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि - इस परीक्षा में कौन-कौन से सिलेबस को समाविष्ट किया गया है।
***दोस्तों इन सभी सिलेबस को आपको पढ़ना होगा। आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए सर्वप्रथम लिखित परीक्षा होती है। आपको बता दें - यह परीक्षा 2 घंटों की तथा 200 अंकों की होती है और इस परीक्षा में नीचे दिए गए विषयों पर अलग-अलग सवाल पूछे जाते हैं?
शारीरिक परीक्षण : आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए लिखित परीक्षा हो जाने के बाद शारीरिक परीक्षण होता है। दोस्तों आपको यह तो पता ही होगा कि - किसी भी नौकरी के पद के अनुसार शारीरिक तथा मेडिकल जांच का मानक निर्धारित किया जाता है। जिससे आवेदनकर्ता के शारीरिक क्षमता की सही जांच हो सके।
दोस्तों यदि आप सुरक्षा से संबंधित किसी नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं; तो उसका शारीरिक तथा मेडिकल टेस्ट का मानक अलग होता है और यदि आप किसी अन्य पद के लिए आवेदन कर रहे हैं; तो उसका मानक कुछ अलग होगा।
आपको बता दें - शारीरिक तथा मेडिकल जांच द्वारा उस विभाग या संस्था को आपको योग्य तथा अयोग्य घोषित करने का पूर्ण अधिकार होता है। इसीलिए आवेदनकर्ता को इसमें उत्तीर्ण होना बेहद आवश्यक हो जाता है।
दोस्तों आपको तो यह पता ही होगा कि - शारीरिक परीक्षण एक लड़का और एक लड़की के लिए कभी भी एक जैसा नहीं होता है। जैसे की - लंबाई, सीना, दौड़ आदि। एक पुरुष आवेदक को इन सभी मानदंडों को पूरा करना होता है। जबकि, महिलाओं को इन में (लंबाई, सीना, दौड़) छूट दी जाती है।
मेडिकल जांच : आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए मेडिकल जांच भी बेहद आवश्यक होती है; मेडिकल जांच में आपके -
इत्यादि मेडिकल जांच की जाती है। याद रहे जांच के समय आपके प्रत्येक अंग के स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पास रहते हैं। यदि आप मेडिकल जांच में किसी भी परीक्षण में असफल साबित होते हैं; तो डॉक्टर आपको योग्य तथा अयोग्य घोषित कर देता है।
इंटरव्यू : आरटीओ ऑफीसर बनने के लिए यह आपका अंतिम पड़ाव है। जब आप लिखित परीक्षा तथा शारीरिक परीक्षण एवं मेडिकल जांच को पास कर लेते हैं; तो इसके पश्चात आपका इंटरव्यू यानी साक्षात्कार किया जाता है। आपका यह साक्षात्कार, साक्षात्कार विभाग द्वारा गठित समिति के समक्ष होता है। आपके गुणवत्ता के आधार पर आपको अच्छी तरह से जांचा परखा जाता है और आपसे कुछ सवाल पूछे जाते हैं। आपको बता दें - एक इंटरव्यू के दौरान व्यक्ति की मानसिक जांच भी की जाती है। यदि आवेदन करता इंटरव्यू में पास हो जाता है; तो उसका चयन कर दिया जाता है।
हालांकि, दोस्तों आपको यह जान लेना बेहद आवश्यक है कि - आप का साक्षात्कार लेने वाले आखिर आपसे क्या जानना चाहते हैं? तो आपको बता दें - साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति आपसे यह जानना चाहते हैं कि - आप इस पद के प्रति कितना गंभीर हैं? इस पद के लिए आप कितना दिलचस्पी रखते हैं? इसीलिए सही तरीके को अपनाते हुए साक्षात्कार का सामना करना चाहिए।
इंटरव्यू में जाने से पहले कौन सी बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए? के बारे में हमने कुछ जानकारी साझा की है आप इसे पढ़ सकते हैं ⇒ इंटरव्यू में जाने से पहले : इन बातों पर विशेष ध्यान जरूर दें
हां! हां! हां! हम जानते हैं कि - आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि, आरटीओ ऑफिसर की सैलरी कितनी होती है? आइए बताते हैं।
आरटीओ ऑफीसर को Rto Officer Rank के अनुसार वेतन दिया जाता है। आपको बता दें - आरटीओ ऑफीसर की सैलेरी बहुत ही सम्मानजनक होती है और यह 20000 से ₹40000 तक होती है।
Rto Of Rank : RTO officer ग्रेड बी का अधिकारी होता है। यह एक उच्च अधिकारी होता है; जिसे अपने क्षेत्र के वाहन की जाँच करने और वाहन से सम्बंधित डॉक्यूमेंट की जाँच करने का अधिकार प्राप्त होता है।
हमारी राय : दोस्तों यदि आप आरटीओ ऑफिसर बनना चाहते हैं; तो इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। इसी के साथ आपको इसकी तैयारी एक टारगेट के साथ करनी होगी; ताकि आप अपने मंजिल तक आसानी से पहुंच सके। दोस्तों इस बात को हमेशा याद रखें - चाह है तो राह है, चाहो तो सब मुमकिन है।
उम्मीद करते हैं दोस्तों, हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आप सभी दोस्तों को बेहद पसंद आई होगी और इसे आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करेंगे। साथ ही साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर देंगे। क्योंकि, दोस्तों कमेंट बॉक्स आपका ही है।
आरटीओ ऑफीसर कैसे बने? - How to become an RTO officer? - Technical Prajapati |
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जी बिल्कुल! दोस्तों, हम भी यही सोच रहे हैं कि - यदि आपको भी पता होगा कि, एक आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए कौन-कौन सी तैयारी करनी है? तो आप आसानी से सरकारी नौकरी - आरटीओ ऑफिसर बन सकते हैं। आइए सर्वप्रथम जानते हैं, आरटीओ क्या होता है?
RTO क्या है?
RTO ka full form ''Regional Transport Officer'' है जिसका हिंदी में मतलब ''क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय'' होता है। यह कार्यालय Indian Government की एक organization है; जो देश के विभिन्न राज्यों के ड्राइवरों तथा वाहनों के डेटाबेस को बनाए रखने की जिम्मेदारी को संभालते हैं। जी हां! उन्हें ही आरटीओ ऑफीसर कहा जाता है।दोस्तों, मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 213 (1) के तहत मोटर वाहन विभाग की स्थापना की गई है। यह पूरे देश में एक केंद्रीय अधिनियम के रूप में लागू किया गया है। मोटर वाहन विभाग अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करता है। इस विभाग का आयोजन परिवहन आयुक्त (Transport Commissioner) द्वारा किया जाता है।
दोस्तों आपको तो यह पता ही होगा की - प्रत्येक राज्य और शहर का अपना आरटीओ होता है। लेकिन, आपको यह भी बता दें कि - मोटर वाहन अधिनियम 1988 में रखे गए कार्यों और गतिविधियों को पूरा करना एक आरटीओ ऑफिसर की जिम्मेदारी होती है। आइए अब आपको बताते हैं - एक आरटीओ ऑफीसर को कौन-कौन से कार्य करने होते हैं?
एक आरटीओ ऑफीसर को कौन-कौन से कार्य करने होते हैं?
एक आरटीओ ऑफीसर कौन-कौन से कार्य करता है? आरटीओ ऑफीसर का काम क्या होता है? जब आप आरटीओ ऑफिसर बनना चाहते हैं; तो आपको यह जानना बेहद आवश्यक हो जाता है।ड्राइविंग लाइसेंस देना : वाहन चलाने के लिए बेहद आवश्यक डॉक्यूमेंट यानी आप का ड्राइविंग लाइसेंस। यह कितना जरूरी है? यह हम सभी को पता है। ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए हमें ड्राइविंग के कुछ टेस्ट देने होते हैं। जिन्हें पास करने के बाद हमारा ड्राइविंग लाइसेंस बनता है। आपको बता दें - ड्राइविंग लाइसेंस देने का काम आरटीओ द्वारा किया जाता है।
वाहनों का पंजीकरण : नया वाहन खरीदी करने के बाद हर किसी को उस वाहन पर कानूनी अधिकार पाने के लिए पंजीकरण करना होता है। इसके पश्चात उस वाहन के लिए एक नंबर प्लेट दिया जाता है। हम सभी को पता है कि - बिना नंबर प्लेट के गाड़ी चलाना गैर कानूनी है। आपको बता दें - किसी भी नए वाहन का पंजीकरण (registration) आरटीओ के अंतर्गत किया जाता है।
गाड़ियों का प्रदूषण चेक करना : गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए आरटीओ के द्वारा गाड़ियों का प्रदूषण लेवल चेक किया जाता है। आपको बता दें - जिस वाहन से ज्यादा प्रदूषण होता है या जो वाहन अधिक मात्रा में प्रदूषण कर रहा है। उसका लाइसेंस कैंसिल करने का अधिकार आरटीओ को है। इस तरह आरटीओ का ''गाड़ियों का प्रदूषण चेक करना'' यह भी एक महत्वपूर्ण कार्य है।
गाड़ियों का बीमा कराना : भारत सरकार ने गाड़ियों का बीमा करवाना सभी के लिए अनिवार्य कर दिया है। इस तरह यदि किसी व्यक्ति को अपने गाड़ी का बीमा करवाना है; तो उसे आरटीओ ऑफिस जाना होगा। इस प्रकार गाड़ियों का बीमा करवाना भी आरटीओ का काम होता है।
तो दोस्तों, आरटीओ क्या होता है? और आरटीओ को कौन-कौन से कार्य करने होते हैं? की जानकारी के बाद। आइए आपको बताते हैं, आरटीओ ऑफिस में कौन से पोस्ट होते हैं।
आरटीओ ऑफिस में कौन से पोस्ट होते हैं
दोस्तों आरटीओ ऑफिस में 3 तरह की पोस्ट होती है। आइए आपको बताते हैं, वह तीन पोस्ट कौन सी हैं?- Clerk
- (Sub) Assistant Engineer Post
- Judicial Post
***दोस्तों अब वक्त आ गया है कि - आपको बताया जाए, आरटीओ ऑफीसर कैसे बने? आइए जानते हैं।
आरटीओ ऑफीसर कैसे बने? | How to become an RTO officer?
भारत सरकार के आरटीओ विभाग में आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए आप में कुछ पात्रता होनी चाहिए। जिसके पश्चात आप आरटीओ ऑफिसर बन सकते हैं।दोस्तों, सबसे पहले तो आपको इस बात को जान लेना चाहिए कि - आरटीओ ऑफिसर पद के लिए सीधा चयन नहीं किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले आपको एआरटीओं या आईएमवी के पद पर चयन होना पड़ता है। जिसके कुछ वर्षों के उपरांत प्रोन्नति (promotion) द्वारा आरटीओ के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाती है।
***तो आइए दोस्तों अब हम जानते हैं - आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए?
RTO बनने के लिए शैक्षिक योग्यता
💓 आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए आवेदक का 10 वीं पास होना आवश्यक है।💓 यदि आवेदक उच्च पद भी की मंशा रखता है; तो उसे मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट होना आवश्यक है।
💓 आरटीओ ऑफीसर के लिए आवेदन करने वाले आवेदक की आयु 21 वर्ष से 30 वर्ष के बीच होना आवश्यक है।
💓 OBC आवेदनकर्ता के लिए 3 साल की छूट तथा Sc/St आवेदनकर्ताओं के लिए 5 साल की छूट होती है।
💓 आरटीओ अधिकारी बनने के लिए यह कोई मायने नहीं रखता कि - आप महिला है या पुरुष। दोनों ही समान अधिकार के साथ आवेदन कर सकते हैं।
आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता जानने के बाद - आइए जानते हैं, आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए कौन-कौन सी परीक्षाएं होती है?
आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए कौन-कौन सी परीक्षाएं होती है?
आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए आपको 2 घंटों की 200 अंकों वाले लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षण, मेडिकल जांच और इंटरव्यू इन सभी परीक्षाओं को पास करना होगा; आइए एक एक करके जानते हैं।RTO बनने के लिए लिखित परीक्षा : दोस्तों आरटीओ ऑफीसर की परीक्षा देने के लिए आपको सर्वप्रथम इसका सिलेबस पता होना चाहिए। जिसके पश्चात आप इसकी पढ़ाई अपने टारगेट के अनुसार कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि - इस परीक्षा में कौन-कौन से सिलेबस को समाविष्ट किया गया है।
- सामान्य नॉलेज
- सामान्य राज्य भाषा
- सामान्य अंगेजी
- सामान्य विषयों
***दोस्तों इन सभी सिलेबस को आपको पढ़ना होगा। आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए सर्वप्रथम लिखित परीक्षा होती है। आपको बता दें - यह परीक्षा 2 घंटों की तथा 200 अंकों की होती है और इस परीक्षा में नीचे दिए गए विषयों पर अलग-अलग सवाल पूछे जाते हैं?
- राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय वर्तमान घटनाक्रम
- भारत का इतिहास एवं भूगोल
- आर्थिक और सामाजिक विकास
- पर्यावरण और पारिस्थिकी
- सामान्य विज्ञान
- अंग्रेज़ी भाषा
शारीरिक परीक्षण : आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए लिखित परीक्षा हो जाने के बाद शारीरिक परीक्षण होता है। दोस्तों आपको यह तो पता ही होगा कि - किसी भी नौकरी के पद के अनुसार शारीरिक तथा मेडिकल जांच का मानक निर्धारित किया जाता है। जिससे आवेदनकर्ता के शारीरिक क्षमता की सही जांच हो सके।
दोस्तों यदि आप सुरक्षा से संबंधित किसी नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं; तो उसका शारीरिक तथा मेडिकल टेस्ट का मानक अलग होता है और यदि आप किसी अन्य पद के लिए आवेदन कर रहे हैं; तो उसका मानक कुछ अलग होगा।
आपको बता दें - शारीरिक तथा मेडिकल जांच द्वारा उस विभाग या संस्था को आपको योग्य तथा अयोग्य घोषित करने का पूर्ण अधिकार होता है। इसीलिए आवेदनकर्ता को इसमें उत्तीर्ण होना बेहद आवश्यक हो जाता है।
दोस्तों आपको तो यह पता ही होगा कि - शारीरिक परीक्षण एक लड़का और एक लड़की के लिए कभी भी एक जैसा नहीं होता है। जैसे की - लंबाई, सीना, दौड़ आदि। एक पुरुष आवेदक को इन सभी मानदंडों को पूरा करना होता है। जबकि, महिलाओं को इन में (लंबाई, सीना, दौड़) छूट दी जाती है।
मेडिकल जांच : आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए मेडिकल जांच भी बेहद आवश्यक होती है; मेडिकल जांच में आपके -
- घुटने तथा पैर सपाट है या नहीं?
- अंगूठा में हेलिक्स है या नहीं?
- हड्डियों में कहीं और समानता है या नहीं?
- पैर धनुषाकार है या नहीं?
- जोड़ों में कहीं असामान्यता है या नहीं?
- छाती अंदर धंसी है या नहीं?
- उभरे तथा स्वस्थ मसल्स है या नहीं?
- मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य स्वस्थ है या नहीं?
- सुनने की क्षमता ठीक है या नहीं?
- आँखे कलर के अंधेपन या कलर ब्लैकड़नेस से मुक्ति है या नहीं?
- आंखों की दूर की दृष्टि तथा पास की दृष्टि सामान्य है या नहीं?
- कम प्रकाश में आंखों को कोई समस्या तो नहीं हो रही?
इत्यादि मेडिकल जांच की जाती है। याद रहे जांच के समय आपके प्रत्येक अंग के स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पास रहते हैं। यदि आप मेडिकल जांच में किसी भी परीक्षण में असफल साबित होते हैं; तो डॉक्टर आपको योग्य तथा अयोग्य घोषित कर देता है।
इंटरव्यू : आरटीओ ऑफीसर बनने के लिए यह आपका अंतिम पड़ाव है। जब आप लिखित परीक्षा तथा शारीरिक परीक्षण एवं मेडिकल जांच को पास कर लेते हैं; तो इसके पश्चात आपका इंटरव्यू यानी साक्षात्कार किया जाता है। आपका यह साक्षात्कार, साक्षात्कार विभाग द्वारा गठित समिति के समक्ष होता है। आपके गुणवत्ता के आधार पर आपको अच्छी तरह से जांचा परखा जाता है और आपसे कुछ सवाल पूछे जाते हैं। आपको बता दें - एक इंटरव्यू के दौरान व्यक्ति की मानसिक जांच भी की जाती है। यदि आवेदन करता इंटरव्यू में पास हो जाता है; तो उसका चयन कर दिया जाता है।
हालांकि, दोस्तों आपको यह जान लेना बेहद आवश्यक है कि - आप का साक्षात्कार लेने वाले आखिर आपसे क्या जानना चाहते हैं? तो आपको बता दें - साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति आपसे यह जानना चाहते हैं कि - आप इस पद के प्रति कितना गंभीर हैं? इस पद के लिए आप कितना दिलचस्पी रखते हैं? इसीलिए सही तरीके को अपनाते हुए साक्षात्कार का सामना करना चाहिए।
इंटरव्यू में जाने से पहले कौन सी बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए? के बारे में हमने कुछ जानकारी साझा की है आप इसे पढ़ सकते हैं ⇒ इंटरव्यू में जाने से पहले : इन बातों पर विशेष ध्यान जरूर दें
हां! हां! हां! हम जानते हैं कि - आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि, आरटीओ ऑफिसर की सैलरी कितनी होती है? आइए बताते हैं।
आरटीओ ऑफीसर का वेतन (सैलरी) कितना होता है?
अब इसे हमारी मानसिकता कहें या कुछ और लेकिन, यह बात शत प्रतिशत सही है कि - चाहे कोई भी नौकरी हो उसे करने से पहले हम उसकी सैलरी जानना चाहते हैं। अगर मैं यह नौकरी करूंगा तो मुझे कितनी सैलरी प्राप्त होगी? जी हां! यह सही भी है।आरटीओ ऑफीसर को Rto Officer Rank के अनुसार वेतन दिया जाता है। आपको बता दें - आरटीओ ऑफीसर की सैलेरी बहुत ही सम्मानजनक होती है और यह 20000 से ₹40000 तक होती है।
Rto Of Rank : RTO officer ग्रेड बी का अधिकारी होता है। यह एक उच्च अधिकारी होता है; जिसे अपने क्षेत्र के वाहन की जाँच करने और वाहन से सम्बंधित डॉक्यूमेंट की जाँच करने का अधिकार प्राप्त होता है।
हमारी राय : दोस्तों यदि आप आरटीओ ऑफिसर बनना चाहते हैं; तो इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। इसी के साथ आपको इसकी तैयारी एक टारगेट के साथ करनी होगी; ताकि आप अपने मंजिल तक आसानी से पहुंच सके। दोस्तों इस बात को हमेशा याद रखें - चाह है तो राह है, चाहो तो सब मुमकिन है।
उम्मीद करते हैं दोस्तों, हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आप सभी दोस्तों को बेहद पसंद आई होगी और इसे आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करेंगे। साथ ही साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर देंगे। क्योंकि, दोस्तों कमेंट बॉक्स आपका ही है।
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