Income Tax Return (ITR) क्या है और कैसे भरते है?ITR का फुल फॉर्म Income Tax Return होता है; जिसे हिंदी में आयकर रिटर्न कहा जाता है। यह कर देश के हर नागरिक को देश के कानून के अंतर्गत अपनी होने वाली आमदनी के लिए केंद्र सरकार को देना होता है। इसी के साथ प्राप्त आयकर (Income Tex) से सरकार अपनी गतिविधियां तथा जनता को सुविधाएं प्रदान करने के लिए उपयोग में लाती है। आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए - इनकम टैक्स के बारे में संपूर्ण जानकारी हिंदी में लेकर आ गए हैं।

आय कर रिटर्न (ITR) क्या है और कैसे भरते है - What is Income Tax Return (ITR) and how to fill - Technical Prajapati
What is Income Tax Return (ITR) and how to fill - Technical Prajapati

दोस्तों जैसे कि - सरकार द्वारा निर्धारित प्रत्येक नागरिक के आमदनी से अधिक आमदनी प्राप्त करने वाले नागरिकों को इनकम टैक्स भरना अनिवार्य होता है। हालांकि, आपको इस बात पर भी गौर करना चाहिए की - आईटीआर (ITR) क्या होता है? इसके प्रकार कौनसे हैं? लाभ क्या होगा? नियम कौनसे हैं? आयकर रिटर्न (ITR) क्या है? और कैसे भरते है?

दोस्तों इनकम टैक्स का मतलब यह होता है कि - आप अपने सालाना आमदनी का ब्यौरा सरकार को लिखित रूप से बताते हैं। जी हां! इसे ही इनकम टैक्स या आइटीआर कहा जाता है। इसके बारे में सभी लोगों को संक्षिप्त में जानकारी होती है। लेकिन, पूरी जानकारी क्या है? यह कुछ ही लोगों को पता होता है। इसीलिए कई सारे लोग अपना इनकम टैक्स दूसरों से भरवाते हैं और इसे भरने वाले एजेंट इसके लिए आपसे अच्छी रकम लेते हैं। खैर, यदि आप इनकम टैक्स भरते हैं; तो आपको इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। आइए, सबसे पहले जानते हैं - आइटीआर क्या होता है?

आइटीआर क्या होता है? - What is an ITR?

ITR का फुल फॉर्म अंग्रेजी में ''Income Tax Return'' है तथा हिंदी में ''आयकर वापसी'' होता है। इसे बोलचाल की भाषा में आयकर रिटर्न या इनकम टैक्स रिटर्न भी कहा जाता है।

दोस्तों यह टैक्स सरकार द्वारा लोगों की सालाना कमाई पर लिया जाता है। किसी भी तरह से कमाने वाला जैसे.- नौकरी, व्यापार, प्रोफेशन आदि। सभी आइटीआर के दायरे में आते हैं और इन सभी को इनकम टैक्स भरना पड़ता है। इनकम टैक्स एक financial year (1 अप्रैल से 31 मार्च) के दौरान की गई कमाई की पूरी डिटेल होती है। एक फाइनेंशियल ईयर में Taxable और Tax Free दोनों प्रकार से कमाए गए पैसे की जानकारी आइटीआर में दिखाया जाता है। हालाकी, टैक्स फ्री इनकम पर हमें कोई टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होती।

दोस्तों यदि आप इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं; तो आपको अंतिम तारीख तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना बेहद जरूरी होता है। अगर आप अंतिम तारीख तक इनकम टैक्स फाइल नहीं करते तो - आपको इस पर पेनल्टी के रूप में इंटरेस्ट देना होता है।

दोस्तों इनकम टैक्स रिटर्न एक ऐसी प्रोसेस होती है; जिसमें हम सरकार से अपने द्वारा भरे गए टैक्स को वापस ले सकते हैं और इसके लिए हमें आइटीआर फाइल करना होता है। जिसके आधार पर हमें आइटीआर से फायदा मिल सकता है। आइए, आपको बताते हैं - यदि हम आईटीआर भरते हैं; तो इससे हमें क्या-क्या फायदा होगा?

इनकम टैक्स रिटर्न के फायदे - Benefits of income tax return

दोस्तों यदि हम समय पर अपना आइटीआर भरते हैं; तो हमें इससे बहुत सारे फायदे मिलते हैं। हालांकि, हम सरकार या इनकम टैक्स विभाग से यह भी कह सकते हैं कि - हम इनकम टैक्स देनदारी के दायरे से बाहर हैं या दायरे में नहीं आते। आइए स्टेप बाय स्टेप जानते हैं - इनकम टैक्स रिटर्न भरने से हमें क्या-क्या फायदे होते हैं?

बैंक से आसानी से लोन प्राप्त करना : आजकल नया घर या नई कार खरीदना लोगों का पैशन बन चुका है। अगर आप भी नया घर या नई कार खरीदना चाहते हैं; तो बैंक में आप Home Loan या Car Loan के लिए अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि, बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए आपको 3 वर्षों की income tax return recipe दिखानी होगी। जिसके बाद आपको लोन बेहद आसानी से प्राप्त हो जाएगा। बैंक लोन देने से पहले 3 वर्षों का लेखा-जोखा जरूर देखती है और यह लेखा-जोखा के आधार पर बैंक आपको कितना लोन दिया जाए यह निर्धारित करती है। यदि आप समय पर आइटीआर रिटर्न भरते हैं; तो बैंक से आपको अधिक लोन प्रोवाइड किया जाता है।

व्यवसाय शुरू करने में आसानी : आजकल देश में इतनी बेरोजगारी बढ़ गई है कि - हर कोई चाहता है कि, उसका अपना व्यवसाय हो। यदि आप भी चाहते हैं कि - आप अपना खुद का व्यवसाय शुरू करें; तो इसके लिए आईटीआर बहुत जरूरी होता है। यदि आप किसी गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में कुछ सम्मानजनक कार्य पद या ठेका हासिल करना चाहते हैं; तो इसके लिए आपको पिछले 5 वर्षों का आइटीआर दिखाना अनिवार्य होता है। इस तरह आप इनकम टैक्स रिटर्न समय पर भरके आसानी से व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

वीजा प्राप्त करें आसानी से : जब भी कोई व्यक्ति वीजा के लिए अप्लाई करता है; तो उससे तीन-चार वर्षों का आइटीआर मांगा जाता है। यदि आप समय पर आइटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं; तो इसका फायदा यह होगा कि - आपको आसानी से वीजा प्राप्त हो जाएगा।

अधिक टैक्स कट जाने पर रिफंड : अगर आपने कभी गलती से मौजूदा टैक्स से अधिक टैक्स चुका दिया है; तो आप आइटीआर फाइल करके tax refund पा सकते हैं।

दोस्तों अब आपको पता चल ही गया होगा कि - समय पर अपना आइटीआर भरने से हमें क्या फायदा होता है? आइए, अब हम इनकम टैक्स रिटर्न के कुछ नियमों को जान लेते हैं।

इनकम टैक्स रिटर्न के नियम - Income tax return rules

आइटीआर फॉर्म भरने से पहले आपको इसके नियम जानना और उसे फॉलो करना आवश्यक है। आइए आपको बताते हैं, इनकम टैक्स रिटर्न के नियम -

मानक कटौती (Standard Deduction) : यदि आप वेतन भोगी कर्मचारी (Salaried Employee) हैं; तो आपको जितना इनकम टैक्स भरना है; उस पर ₹40000 का Standard Deduction प्राप्त होता है। Standard Deduction में आपके फाइनेंशियल ईयर की कमाई से पहले ₹40000 को बाहर कर दिया जाता है और बकाया आय (outstanding income) पर टीडीएस कैलकुलेट किया जाता है।

4% शिक्षा और स्वास्थ्य आधार (4% Education And Health base) : फाइनेंशियल ईयर वर्ष 2018-19 से होने वाले आमदनी पर अब टेक्स्ट के साथ-साथ आपको 4% शिक्षा और स्वास्थ आधार भी देना होगा।

दोस्तों इन नियमों के साथ आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा। आइए, अब जानते हैं, इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म के बारे में।

इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म - ITR Form

आइटीआर फॉर्म 7 प्रकार के होते हैं। हालांकि, हर करदाता को यह पता होना चाहिए कि - उसे कौन सा आइटीआर फॉर्म भरना है? नीचे दी गई जानकारी को पढ़कर आप आसानी से जान पाएंगे कि - आपको आइटीआर कौन-सा आइटीआर फॉर्म भरना है?

Income Tax Return 1 (ITR-1) : यदि आप की कमाई सैलरी, पेंशन या ब्याज से हो रही है। इसी के साथ आपके पास एक घर है और उसके लिए आपने होम लोन लिया है तो आपको Income Tax Return 1 (ITR-1) FORM भरना होगा।

Income Tax Return 2 (ITR-2) : यह फार्म उन लोगों तथा HUFs (Hindu Undivided Family) भर सकते हैं; जिन्हें अपने व्यापार तथा प्रोफेशन से किसी तरह का फायदा या कमाई नहीं होती। इसी के साथ जो लोग ITR 1 के लिए योग्य नहीं हैं; वह भी इस फॉर्म को भर सकते हैं।

यदि हमारी कमाई पेंशन या ब्याज के अलावा हमारे अन्य घरों से मिलने वाले किराए से हो रही है तो हमें इस फॉर्म को भरना होगा। आपको बता दें - यदि आपको लॉटरी लगी है; तो लॉटरी से होने वाली कमाई के लिए भी आपको इस फॉर्म को भरना होता है।

Income Tax Return 3 (ITR-3) : यदि आप किसी कंपनी या बिज़नस में भागीदार हैं और आपकी कमाई का स्त्रोत कंपनी को होने वाले फायदे, वेतन, पेंशन या अन्य माध्यम से हो रही है; तो आपको Income Tax Return 3 फॉर्म भरना होगा।

Income Tax Return 4 (ITR-4) : इस फॉर्म को वह लोग (HUFs तथा कंपनी वाले) भर सकते हैं; जिनके पास एक से ज्यादा घर संपत्ति है, खेती है और खेती से 5000 से ज्यादा कमाई हो रही है। इसी के साथ आयकर कानून के सेक्शन 44AD, 44ADA & 44AE के तहत कंप्यूटेड, कमीशन और विदेशी स्त्रोत से होने वाली कमाई के लिए भी Income Tax Return 4 (ITR-4) फॉर्म को भरना होता है।

Income Tax Return 5 (ITR-5) : यह फॉर्म उन लोगों तथा HUFs (ITR-1 से लेकर ITR 4 तक भरने वाले), companies (ITR-6 भरने वाली), या Charitable Trust / Institutions (ITR-7 भरने वाले) से अलग taxpayers के लिए है। इसका मतलब ITR 5, ITR-4 के लिए योग्य भागीदारी कंपनी से अलग भागीदारी कंपनी के लिए, LLPs, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स, बॉडी ऑफ इंडीविजुअल्स आदि जैसे टैक्सपेयर के लिए है। आपको बता दें इनके लिए कोई और फॉर्म लागू नहीं होता।

दोस्तों आपको यदि किसी संभावित क्षेत्र से या किसी बिजनेस से कमाई हो रही है; तो आपको भी इस फॉर्म को भरना होगा।

Income Tax Return 6 (ITR-6) : आयकर कानून सेक्शन 11 के तहत एग्जेंप्शन क्लेम करने वाली कंपनियों से अलग कंपनियों के लिए फॉर्म होता है।

Income Tax Return 7 (ITR-7) : इस फॉर्म को कंपनियों के साथ-साथ उन लोगों को बिल भरना आवश्यक होता है; जिन्हें केवल 139(4A), 139(4B), 139(4C) तथा 139(4D) के तहत रिटर्न फर्निश करने की जरूरत होती है।

तो दोस्तों अब आपको पता चल ही गया होगा कि - अगर आप करदाता हैं; तो आपको कौन सा आइटीआर फॉर्म भरना होगा? आइए अब जानते हैं - Income Tax Return फॉर्म कैसे भरा जाता है?

आईटीआर फॉर्म कैसे भरा जाता है? - How is the ITI form filled?

आईटीआर फॉर्म को ऑनलाइन बहुत ही आसानी से बस कुछ आसान तरीकों को फॉलो करके भरा जा सकता है, आइए जानते हैं।

👉 Income Tax की Website पर अपना अकाउंट बनानाIncome Tax Department, Government of India यहां क्लिक करने के पश्चात आप इनकम टैक्स की अधिकृत वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे। वहां पर आपको Registered Your Self पर क्लिक करना है। इसके बाद अपनी व्यक्तिगत जानकारी को भरकर अपना अकाउंट बना लेना है। आपको बता दें User Id की जगह आपको अपना पैन नंबर डालना होता है तथा पासवर्ड आप जो भी देना चाहे दे सकते हैं। इस तरह आपका अकाउंट बन जाएगा।

👉 Income Tax की Website पर लॉगइन करना : एक बार जब आपका अकाउंट इनकम टैक्स वेबसाइट पर बन जाता है। इसके पश्चात आपको अपने अकाउंट में लॉग इन करने के लिए लॉग इन पर क्लिक करके वहां यूजर आईडी, पासवर्ड तथा जन्म तारीख डालकर आगे के लिए प्रोसेस कर दें, आप सफलतापूर्वक लॉगिन हो जाएंगे।

👉 Income Tax डैशबोर्ड : लॉग इन करने के पश्चात आप इनकम टैक्स की वेबसाइट पर अपने डैशबोर्ड पर आ जाएंगे। होम स्क्रीन पर राइट साइड ऊपर की ओर आप अपने नाम को देख सकते हैं।

👉 Quick E-File ITR : डैशबोर्ड पर लेफ्ट साइड पर आपको Quick E-File ITR का ऑप्शन दिखाई दे रहा होगा। Return File करने के लिए वहां क्लिक करें।

***यहां हम आपको ITR1 form के बारे में बता रहे हैं। बिल्कुल इसी तरह आप बाकी के फॉर्म भी भर सकते हैं।

👉 ITR-1 विकल्प का चुनाव : अब आपके सामने एक नया पेज खुल कर आ जाएगा; जहां आपको आपका Pan Card Number लिखा हुआ दिखाएं देगा। ITR Form Name के लिए आपको ITR-1 (Salaried Employees) विकल्प का चुनाव करना है और Assessment Year वर्तमान में 2020—21 सिलेक्ट करना है।

👉 Fill Up Your Address : Address Fill Up के लिए आपके सामने तीन विकल्प होंगे। उनमें से आप पैन कार्ड में दिया गया एड्रेस उसे सिलेक्ट करें।

👉 हस्ताक्षर और सबमिट करें : यदि आपके पास डिजिटल हस्ताक्षर हैं; तो Yes पर क्लिक करें; अन्यथा No पर क्लिक करके अंत में दिए गए सबमिट बटन पर क्लिक करें।

👉 इंस्ट्रक्शन को पढ़ें : सबमिट बटन पर क्लिक करने के तुरंत बाद आपके सामने इंस्ट्रक्शन का एक पेज खुल जाएगा। यहां दिए गए सभी इंस्ट्रक्शन को अच्छे से पढ़ लें; अन्यथा आगे जाने के बाद यदि आपको रिटर्न फाइल करने में कुछ समस्या का सामना करना पड़ता है; तो आपको वापस इस पेज पर प्रॉब्लम बटन पर क्लिक करके आना होगा।

👉 सबमिट बटन पर क्लिक ना करें : इस पेज पर आपको सबमिट बटन दिया गया होगा; उस पर अभी क्लिक नहीं करें। यदि आप इस पर क्लिक कर देते हैं; तो इसका मतलब है कि - आप अपने रिटर्न फाइल को सबमिट कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक आपने रिटर्न फाइल की कोई भी डिटेल नहीं दी है।

👉 वैयक्तिक जानकारी : यहां अब से पर्सनल इंफॉर्मेशन यानी व्यक्तिगत जानकारी के बारे में डिटेल पूछा जाएगा; आइए विस्तार से जानते हैं।

👊 एरो बटन पर क्लिक करने के पश्चात अगले पेज पर पर्सनल इंफॉर्मेशन की टैब आपको दिखाई देगी; उस पर क्लिक करें। वहां आपको शुरुआत में दी गई सभी फील्ड को भरना है। जिसमें.- लोकेलिटी, ईमेल एड्रेस, मोबाइल नंबर भरे। इसके पश्चात Employer की कैटेगरी सिलेक्ट करें। यहां आपको दो ऑप्शन दिखाई देंगे। PSU or Govt आप जहां काम करते हैं; उसे सिलेक्ट करें।

👊 अब आपको Tax Status सिलेक्ट करके, वहां अपनी कमाई के हिसाब से Tax Payable को सिलेक्ट करना है। यदि आपके Tax Payable के आंकड़े TDS Amount से अधिक या बराबर या कम है; तो आप उसके अनुसार विकल्पों को चुन सकते हैं।

👊 Return File Under Section वाले ऑप्शन में - यदि आप अंतिम तारीख से पहले रिटर्न फाइल कर रहे हैं; तो इसके लिए On और Due Date Before सिलेक्ट करें। यदि आप अंतिम तारीख के बाद रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो After Due Date को सिलेक्ट करें।

👊 Whether Person Govt By Under Section Code अपने यहां लागू नहीं होता; इसीलिए यहां आप No सिलेक्ट करें।

👊 आधार नंबर वाले ऑप्शन में आप Yes करके अपना आधार नंबर डालें और Next पर क्लिक करें।

💰 Income Details इस पेज पर आपको अपने कमाई की डिटेल डालनी है; इस पेज पर डाटा को डालने के लिए आपको 16b का फॉर्म चाहिए। जब आप उस डाटा को वहां डाल देते हैं; उसके बाद आप नेक्स्ट बटन पर क्लिक करें। नीचे फॉर्म नंबर 16b का स्क्रीनशॉट है। यह फॉर्म आपको यहां मिलेगा - TDS Centralised Processing Cell

TDS Centralised Processing Cell - Form Number 16b
TDS Centralised Processing Cell - Form Number 16b


💰 इसके बाद आपके द्वारा किए गए Tds Deduct की पूरी डिटेल आपके सामने आज आएगी। उस पर क्लिक करके सिलेक्ट करें और नेक्स्ट बटन पर क्लिक करें।

💰 अब आप Taxes Paid इस पेज पर आ गए हैं; यहां आपको आप के जितने भी बैंक अकाउंट है; उनकी संख्या, तथा बैंक का नाम, IFSC कोड, बैंक अकाउंट नंबर डालकर अकाउंट टाइप सिलेक्ट करके नेक्स्ट बटन पर क्लिक कर देना है।

💰 अब आप Section 80g पेज पर आ गए हैं। इस पेज पर आपको डोनेशन की डिटेल डालनी है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में यदि आपने कि किसी संस्था को डोनेशन दिया है; तो इस सेक्शन में आपको उसके बारे में जानकारी देनी है; अन्यथा आप Skip करके आगे नेक्स्ट बटन पर क्लिक कर दें।

💰 अब आप Assets And Liabilities Details पेज पर आ गए हैं। आपको बता दें - यह पेज केवल उन लोगों के लिए होता है जिनकी कमाई एक फाइनेंशियल ईयर में 50 लाख से ज्यादा होती है। यदि आप की कमाई इतनी नहीं है; तो आप इस पेज को अनदेखा करके अपनी सारी भरी हुई जानकारियों को सभी तब पर क्लिक करके चेक करें।

💰 दोस्तों आखिरकार हमने टैक्स रिटर्न फॉर्म को सफलतापूर्वक भर दिया है। अब इसे हमें सफलतापूर्वक सबमिट भी करना है। इसीलिए, सबमिट बटन पर क्लिक कर दें। अब हमारा रिटर्न फाइल सफलतापूर्वक सबमिट हो चूका है। हालांकि, इसे हमें वेरीफाई करना होगा। इसके लिए हमारे पास तीन ऑप्शन आ जाएंगे। हालांकि, आजकल सभी के मोबाइल नंबर आधार कार्ड के साथ जुड़े हुए हैं। इसीलिए इ-वेरिफिकेशन के लिए Aadhaar OTP का ऑप्शन चुनें। इसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक Aadhaar OTP आपको प्राप्त होगा। उसे वहां डालकर सबमिट कर दें; इस तरह आपका ITR file सफलतापूर्वक सबमिट हो जाएगा।

***तो दोस्तों इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म कैसे भरें? यह तो हमने जान लिया। आइए अब आपको बताते हैं - इनकम टैक्स रिटर्न की सीमा क्या होती है?

आयकर रिटर्न की सीमा - Income tax return limit

❱ 2.5 लाख रुपए कमाने वाले व्यक्ति को कोई टैक्स नहीं भरना होता।
❱ 2.5 लाख से 5 लाख तक की कमाई पर 0-5% Tax होता है
❱ 5 लाख से 10 लाख तक की कमाई के लिए 20% Tax है।

***तो दोस्तों लगभग सभी जानकारी ''Income Tax Return (ITR) क्या है और कैसे भरते है?'' के बारे में हमने आपको इस पोस्ट में दे दी है।

उम्मीद करते हैं दोस्तों, हमारे द्वारा दी गई जानकारी यह आप सभी दोस्तों को बेहद पसंद आई होगी और इसे आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करेंगे। साथ ही साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर देंगे। क्योंकि, दोस्तों कमेंट बॉक्स आपका ही है।

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