फ्री! फ्री! फ्री! कह कर चिल्ला रहे लोगों के पास मैंने अक्सर देखा है; कि वह भीड़ से घिरे होते हैं। हर कोई दुनिया में मुफ्त में मिलने वाली चीजों के पीछे भाग रहा है। लेकिन, क्या असल में यह सभी चीजें मुफ्त की होती हैं? क्या हमें इसके लिए कोई मूल्य नहीं चुकाना होता? जरा गौर से सोचो! तब समझ आएगा; की इस फ्री के चीजों की चक्कर में हमने अपना कितना कुछ खोया है। आज की पोस्ट में हम आपको इस दुनिया में कुछ भी फ्री नहीं! के बारे में वैयक्तिक जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

इस दुनिया में कुछ भी फ्री नहीं - Nothing is free in this world - Technical Prajapati
Nothing is free in this world - Technical Prajapati

नमस्कार दोस्तों,
इंसान को फ्री का लालच तो बहुत पहले से है और वह समय-समय पर इसकी कीमत चुकाते रहता है। आज के डिजिटल जमाने में भी लोगों को फ्री का लालच दिया जाता है। लेकिन मुफ्त में मिलने वाली चीजों का लालच हमें बहुत महंगा पड़ता है। एक छोटी सी कहानी के जरिया आपको इस बारे में बताते हैं।

हमारे जीवन में जब पहली बार व्हाट्सएप और फेसबुक जैसी वेबसाइट ने दस्तक दी। तब उनके पास व्हाट्सएप और फेसबुक थे और हमारे पास हमारी खुशहाल जिंदगी, आजादी और निजी जानकारियां थी। उन्होंने हमसे कहा कि व्हाट्सएप और फेसबुक फ्री है और हमने अपनी आंख बंद करके उसका उपयोग करना शुरू कर दिया और जब हमारी आंख खुली तो हमने देखा; कि व्हाट्सएप और फेसबुक तो हमारे पास है। लेकिन, हमारे पास की खुशहाल जिंदगी, आजादी और निजी जानकारियां उनके पास है; जो हमारे लिए बहुत ही मूल्यवान थी। तो क्या असल में व्हाट्सएप और फेसबुक फ्री है? यह सोचने वाली बात है।

मेरे जीवन का एक अनुभव :

कुछ दिन पहले मैं गोवा के बिट्स पिलानी कॉलेज में वार्षिक समारोह में गया था। वहां बहुत सारे स्टाल लगे थे। जहां एक जगह Eye Lens का Free Trail दिया जा रहा था। हां! वह बिल्कुल फ्री था और मैं देख पा रहा था कि वहां बहुत सारे विद्यार्थियों ने भीड़ लगा रखी थी। सभी फ्री ट्रायल पाना चाहते थे।

मेरे साथ मेरे कुछ मित्र भी थे; जिनकी इच्छा हुई कि आई लेंस का फ्री ट्रायल लेना चाहिए। तभी एक मित्र ने मुझसे पूछा; क्या यह सच में फ्री है? तब मैंने उसे जवाब दिया; दोस्त इस दुनिया में कोई भी चीज मुफ्त की नहीं होती। हर एक चीज के लिए कुछ ना कुछ कीमत जरूरत तय होती है। हम सभी दोस्तों ने आई लेंस का फ्री ट्रायल लेने का निर्णय लिया और हम स्टॉल के पास गए।

जैसे तैसे करते-करते आधे घंटे के बाद हमारा नंबर आया। हमने कुछ इंक्वायरी की;

हमने पूछा कि - क्या यह लेंस लाइफटाइम यूज कर सकते हैं?
उनका जवाब - नहीं सर! यह केवल 6 घंटे के लिए आप यूज कर सकते हैं।
हमने पूछा - इसके बाद।
उन्होंने कहा - यदि आपको अच्छा लगता है तो आप ऑनलाइन हमारे वेबसाइट पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं।
हमने पूछा - आप यह फ्री ट्रायल क्यों दे रहे हैं?

***तो दोस्तों उनका जवाब सुनने लायक था। उनका जवाब था - जैसे Paytm, Phone Pe, Google Pe आदि एप्लीकेशन कैशबैक देती है। उसी प्रकार हम यह फ्री ट्रायल दे रहे हैं। हमने तुरंत कहा - तो क्या आप हमें लालच दे रहे हो? उन्होंने कहा - हां! कुछ ऐसा ही समझ लो।

दोस्तों, इस पूरे वाक्य के दरमियान - मैंने इस बात को जाना कि मुफ्त की चीजों के पीछे कम समझदार लोग तो भागते ही हैं। लेकिन, बिट्स पिलानी जो कि भारत के शीर्ष 10 कॉलेज में से एक है। उसके विद्यार्थी भी मुफ्त की चीजों के पीछे भाग रहे हैं। तो दोस्तों हमें इस बात को समझने में देरी नहीं करनी चाहिए; कि यह फ्री का लालच बहुत बुरा है। इससे कोई भी नहीं बच पाता। इसलिए, जितना हो सके अपने आप को फ्री के चीजों से दूर रखो और हमेशा याद रखो कि - इस दुनिया में कुछ भी फ्री नहीं; सब बिजनेस है।

दोस्तों आजकल के डिजिटल जमाने में free offers बहुत आते हैं। अपने दिमाग से सबसे पहले उस चीज को जांच लें कि - क्या अगर मैं इस ऑफर का उपयोग करता हूं; तो भविष्य में मुझे इससे क्या फायदा होगा और क्या नुकसान होगा? अगर आपको ऑफर सही लगती है तो ही ऑफर का फायदा उठाएं। अन्यथा ऑफर को अपनी जगह रहने दें।

सीख : इस दुनिया में कोई भी चीज फ्री में नहीं मिलती। हर चीज के लिए कुछ ना कुछ कीमत जरूर तय होती है।

***तो उम्मीद करते हैं दोस्तों - हमारे द्वारा दी गई जानकारी आप सभी दोस्तों को बेहद पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करेंगे। साथ ही साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर देंगे। क्योंकि दोस्तों कमेंट बॉक्स आपका ही है।

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