अबेकस क्या है? | What is Abacus : इसका हिंदी मीनिंग ''गिनतारा'' होता है। ऐसा माना जाता है की इसका आविष्कार चाइना ने ईसा पूर्व 450 में जोड़ने-घटाने (Addition & Subtraction) के उपयोग के लिए किया था। अबैकस एक आयताकार लकड़ी का फ्रेम है; जो छड़ से बना होता है, जिसमें एक विभाजन पट्टी होती है। धातु के तारों को मध्य पट्टी के पार तय किया जाता है और प्रत्येक तार में मोती होते हैं। इन्हीं की मदद से जोड़ने तथा घटाने की क्रिया की जाती है। आज की पोस्ट में हम आपको ''अबेकस'' के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
दोस्तों, बुनियादी गणितीय धारणाओं को सीखने के लिए गिनतारा (Abacus) सबसे आम तरीका है। इसका उपयोग दिमाग को तेज करने के लिए कई देशों में एक खिलौना के रूप में किया जाता है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों से यह विवाद में है। इसका कारण कंप्यूटर और डिजिटल सिस्टम द्वारा उत्पन्न डिजिटल क्रांति जिम्मेदार है। क्योंकि, हर दिन गणना के लिए कैलकुलेटर तथा स्मार्टफोन का उपयोग किया जाता है। ऐसे में इसकी पहचान कहीं छुप सी गई है। आइए दोस्तों, इस टॉपिक को अच्छी तरह से समझने के लिए शुरुआत करते हैं; इसके इतिहास के साथ।
दोस्तों अबेकस का आविष्कार मेसोपोटामिया के प्राचीन साम्राज्य में लगभग 3000 ईसा पूर्व में किया गया था। जी हाँ! इसके आविष्कारक नहीं होने के बावजूद, चीन 600 साल पहले मिंग राजवंश की ऊंचाई के दौरान इसके लोकप्रिय होने के लिए जिम्मेदार है। यही कारण है कि - लोग अबेकस के आविष्कार का श्रेय चाइना को देते हैं।
दोस्तों आपको बता दें - अबेकस के कई अलग-अलग मॉडल होते हैं; जो उस संस्कृति के आधार पर अलग हो सकते हैं, जहां वे बनाए गए थे। इसी के साथ पश्चिमी देशों में विपणन किया जाने वाला पारंपरिक अबेकस रोमन दार्शनिक बोथियस के डिजाइन से मेल खाता है।
अबेकस संख्या 10 के आधार वाली हिंदू-अरेबिक संख्या प्रणाली के लिए विकसित किया गया था। इसकी हर छड़ में 0 से 9 तक की मोती होते हैं। इन्हीं की सहायता से पहले आसान तथा कठिन गणितीय क्रियाओं को अंजाम दिया जाता था।
Abacus Meaning in English :
अबेकस किट में 2 पॉइंट लाइन होते हैं। पहली लाइन में 4 बिड्स होते है और सभी के लिए 1 नंबर काउंट किया जाता है। दूसरी लाइन में केवल 1 बिड होती है जो 5 नंबर होती है। यदि अबेकस किट की सहायता से 9 अंक बताना है; तो पहली लाइन की 4 बिड्स तथा दूसरी लाइन की 1 बिड को सरका दिया जाता है (4 + 5 = 9). इसी तरह बड़े-बड़े अंको को गृहीत पकड़ कर गणितीय क्रियाओं को किया जाता है।
दोस्तों, अबाकस सीखने के बाद अगर कोई विद्यार्थी नियमित इसके टच में रहे; तो भविष्य में वह कभी भी इसे नहीं भूलता। इसी के साथ लगातार प्रैक्टिस के बाद किसी भी विद्यार्थी को गणितीय क्रियाओं को हल करने हेतु केलकुलेटर तथा पेन, कागज या कॉपी की जरूरत नहीं होती।
दोस्तों आपको बता दें - UKG से लेकर सातवीं कक्षा के विद्यार्थी अबेकस सीखते हैं। हालांकि, इन्हें अबेकस कुछ लेवल से गुजर ना होता है, आइए आपको बताते हैं।
सुपर जूनियर लेवल (Super Junior Level) : UKG से पहली कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए अबेकस की यह पहली लेवल होती है। सुपर जूनियर यह 6 महीने का कोर्स 3 लेवल में पूरा होता है। इस लेवल में विद्यार्थियों को अबाकस के साथ घुलना मिलना तथा अन्य छोटे-मोटे गणिती क्रियाएं सिखाई जाती है। हालांकि बच्चों के लिए यह एक खिलौने की तरह ही होता है।
जूनियर लेवल (Junior Level) : दूसरी कक्षा से चौथी कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए अबाकस की यह दूसरी लेवल होती है। इस लेवल में विद्यार्थियों को अबाकस किट की मदद से जोड़ने, घटाने, गुणाकार तथा भागाकार की गणिती क्रियाओं को हल करना सिखाया जाता है। यह कोर्स 18 महीने तथा 6 लेवल का होता है।
सीनियर लेवल (Senior level) : अबाकस की यह आखरी लेवल होती है। इस लेवल के लिए पांचवी कक्षा से सातवीं कक्षा के विद्यार्थी कोर्स को करते हैं। इस कोर्स में विद्यार्थियों को बिना अबाकस किट के जोड़ने, घटाने, गुणाकार तथा भागाकार जैसी गणितीय क्रियाओं को हल करना साथ ही साथ भिन्न और वर्गमूल जैसे कठिन गणिती क्रियाओं को करना भी सिखाया जाता है। यह कोर्स 30 महीने का होता है और इसमें 10 लेवल होती हैं।
दोस्तों दुनिया में बढ़ते हुए कंपटीशन को देखते हुए अबाकस कोर्स को विद्यार्थियों के लिए काफी मददगार माना जाता है। आइए अब हम - अबाकस के फायदे जानते हैं।
🅿 बिना कॉपी, पेन, केलकुलेटर के गणितीय क्रियाओं को आसानी से हल कर सकते हैं।
🅿 गणित विषय को लेकर मन में बैठा डर हमेशा के लिए निकल जाता है। इसी के साथ गणित विषय में रुचि बढ़ने लगती है।
🅿 हमारी पर्सनालिटी इम्प्रूव होती है।
🅿 एकाग्रता और सुनने की शक्ति बढ़ती है।
🅿 मस्तिष्क की सक्रियता और याददाश्त मजबूत होती है।
🅿 आगे चलकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए भी यह बेहद फायदेमंद होता है।
दोस्तों अबेकस से हमारा दिमाग तेजी से काम करने लगता है। इससे बच्चे को कोेई नुकसान नहीं होता और ना ही यह बच्चे को इसका आदि बनाती है। बल्कि इसकी वजह से बच्चों में कॉन्फिडेंस बढ़ता है और माइंड पावर भी इंप्रूव होती है।
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अबेकस क्या है? - What is Abacus in Hindi? - Technical Prajapati |
अबेकस का इतिहास | History of Abacus in Hindi
अबेकस का आविष्कार किसने किया? किसी विशिष्ट व्यक्ति को इसके आविष्कार या निर्माण के लिए श्रेय देने हेतु अभी तक कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन, इसके आविष्कार का श्रेय सामान्य रूप से मेसोपोटामिया संस्कृति को दिया जाता है। हालांकि, अक्सर यह माना जाता है कि - इसका आविष्कार चीन द्वारा ईसा पूर्व 450 में किया गया। यदि हम इतिहास में झांक कर देखते हैं; तो हमारा यह मानना गलत साबित होता है।दोस्तों अबेकस का आविष्कार मेसोपोटामिया के प्राचीन साम्राज्य में लगभग 3000 ईसा पूर्व में किया गया था। जी हाँ! इसके आविष्कारक नहीं होने के बावजूद, चीन 600 साल पहले मिंग राजवंश की ऊंचाई के दौरान इसके लोकप्रिय होने के लिए जिम्मेदार है। यही कारण है कि - लोग अबेकस के आविष्कार का श्रेय चाइना को देते हैं।
दोस्तों आपको बता दें - अबेकस के कई अलग-अलग मॉडल होते हैं; जो उस संस्कृति के आधार पर अलग हो सकते हैं, जहां वे बनाए गए थे। इसी के साथ पश्चिमी देशों में विपणन किया जाने वाला पारंपरिक अबेकस रोमन दार्शनिक बोथियस के डिजाइन से मेल खाता है।
अबेकस क्या है? | What is Abacus in Hindi
दोस्तों जैसे कि अभी तक हमने जाना - अबेकस एक गणन उपकरण (Scorer Device) होता है। अबेकस किट में प्वाइंट लाइन और एक नंबर के चार बीड्स ऊपर तथा पांच नंबर का एक बीड नीचे होती है। अंगूठे और हाथ की पहली अंगुली सहायता से इस किट को हैंडल किया जाता है। इसकी सहायता से गुणा तथा भाग (Division & Multiplication) जैसे आसान गणितीय क्रियाओं को आसानी से कर सकते हैं। इसी के साथ भिन्न और वर्गमूल (Fractions & Square Root) जैसे कठिन गणिती क्रियाओं को भी आसानी से किया जा सकता है। नीचे आप अबेकस (गिनतारा) की इमेज देख सकते हैं।अबेकस के लिए छवि - Image for Abacus - Technical Prajapati |
अबेकस संख्या 10 के आधार वाली हिंदू-अरेबिक संख्या प्रणाली के लिए विकसित किया गया था। इसकी हर छड़ में 0 से 9 तक की मोती होते हैं। इन्हीं की सहायता से पहले आसान तथा कठिन गणितीय क्रियाओं को अंजाम दिया जाता था।
अबेकस की परिभाषा | Definition of Abacus In Hindi / English
Abacus Meaning in Hindi :अबैकस एक आयताकार लकड़ी का फ्रेम है; जो छड़ से बना होता है, जिसमें एक विभाजन पट्टी होती है। धातु के तारों को मध्य पट्टी के पार तय किया जाता है और प्रत्येक तार में मोती होते हैं। इसका उपयोग गणितीय क्रियाओं (जोड़, घटाव, विभाजन, गुणन, भिन्न और वर्गमूल) को आसानी से करने के लिए पुराने किया जाता था।
Abacus Meaning in English :
Abacus is a rectangular wooden frame composed of rods, having a partition mid bar. metallic wires are fixed across the mid bar and each wire has beads. It was used to easily perform mathematical operations (addition, subtraction, division, multiplication, fraction and square root).
अबेकस का फुल फॉर्म | Abacus full form
अबेकस का फुल फॉर्म
Abundant Beads, Addition and Calculation Utility System
जिसका हिंदी में मतलब
प्रचुर मात्रा में मोती, जोड़ और गणना उपयोगिता प्रणाली
अबेकस कैसे सीखे? | How to learn abacus? in Hindi
अबेकस सीखने की शुरुआत अबेकस किट (जो मोतियों से बनी होती है) की सहायता से किया जाता है। शुरुआत में अंगूठे और हाथ की पहली उंगली के जरिए इस कीट को हैंडल करने के बारे में बताया जाता है। इसी के साथ इस कीट की मदद से विद्यार्थियों को जोड़ने तथा घटाने की गणिती क्रिया को सिखाया जाता है। इसके पश्चात धीरे-धीरे अबेकस किट को हटाकर हवा में ही गणितीय क्रियाओं को हल करना सिखाया जाता है।अबेकस किट में 2 पॉइंट लाइन होते हैं। पहली लाइन में 4 बिड्स होते है और सभी के लिए 1 नंबर काउंट किया जाता है। दूसरी लाइन में केवल 1 बिड होती है जो 5 नंबर होती है। यदि अबेकस किट की सहायता से 9 अंक बताना है; तो पहली लाइन की 4 बिड्स तथा दूसरी लाइन की 1 बिड को सरका दिया जाता है (4 + 5 = 9). इसी तरह बड़े-बड़े अंको को गृहीत पकड़ कर गणितीय क्रियाओं को किया जाता है।
दोस्तों, अबाकस सीखने के बाद अगर कोई विद्यार्थी नियमित इसके टच में रहे; तो भविष्य में वह कभी भी इसे नहीं भूलता। इसी के साथ लगातार प्रैक्टिस के बाद किसी भी विद्यार्थी को गणितीय क्रियाओं को हल करने हेतु केलकुलेटर तथा पेन, कागज या कॉपी की जरूरत नहीं होती।
दोस्तों आपको बता दें - UKG से लेकर सातवीं कक्षा के विद्यार्थी अबेकस सीखते हैं। हालांकि, इन्हें अबेकस कुछ लेवल से गुजर ना होता है, आइए आपको बताते हैं।
अबेकस के लेवल | Abacus levels in Hindi
दोस्तों अगर अबेकस सीखने के लिए लेवल की बात करें; तो इसमें कुल 3 लेवल होते हैं सुपर जूनियर, जूनियर और सीनियर। आइए जानते हैं इनके बारे में.-सुपर जूनियर लेवल (Super Junior Level) : UKG से पहली कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए अबेकस की यह पहली लेवल होती है। सुपर जूनियर यह 6 महीने का कोर्स 3 लेवल में पूरा होता है। इस लेवल में विद्यार्थियों को अबाकस के साथ घुलना मिलना तथा अन्य छोटे-मोटे गणिती क्रियाएं सिखाई जाती है। हालांकि बच्चों के लिए यह एक खिलौने की तरह ही होता है।
जूनियर लेवल (Junior Level) : दूसरी कक्षा से चौथी कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए अबाकस की यह दूसरी लेवल होती है। इस लेवल में विद्यार्थियों को अबाकस किट की मदद से जोड़ने, घटाने, गुणाकार तथा भागाकार की गणिती क्रियाओं को हल करना सिखाया जाता है। यह कोर्स 18 महीने तथा 6 लेवल का होता है।
सीनियर लेवल (Senior level) : अबाकस की यह आखरी लेवल होती है। इस लेवल के लिए पांचवी कक्षा से सातवीं कक्षा के विद्यार्थी कोर्स को करते हैं। इस कोर्स में विद्यार्थियों को बिना अबाकस किट के जोड़ने, घटाने, गुणाकार तथा भागाकार जैसी गणितीय क्रियाओं को हल करना साथ ही साथ भिन्न और वर्गमूल जैसे कठिन गणिती क्रियाओं को करना भी सिखाया जाता है। यह कोर्स 30 महीने का होता है और इसमें 10 लेवल होती हैं।
दोस्तों दुनिया में बढ़ते हुए कंपटीशन को देखते हुए अबाकस कोर्स को विद्यार्थियों के लिए काफी मददगार माना जाता है। आइए अब हम - अबाकस के फायदे जानते हैं।
अबाकस के फायदे | Benefits of Abacus in Hindi
यदि कोई विद्यार्थी अबाकस के तीनों लेवल को पूरा कर लेता है; तो उसे बहुत फायदा होता है। आपको बताते हैं - उनमें कौन कौन से फायदे होते हैं?🅿 बिना कॉपी, पेन, केलकुलेटर के गणितीय क्रियाओं को आसानी से हल कर सकते हैं।
🅿 गणित विषय को लेकर मन में बैठा डर हमेशा के लिए निकल जाता है। इसी के साथ गणित विषय में रुचि बढ़ने लगती है।
🅿 हमारी पर्सनालिटी इम्प्रूव होती है।
🅿 एकाग्रता और सुनने की शक्ति बढ़ती है।
🅿 मस्तिष्क की सक्रियता और याददाश्त मजबूत होती है।
🅿 आगे चलकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए भी यह बेहद फायदेमंद होता है।
दोस्तों अबेकस से हमारा दिमाग तेजी से काम करने लगता है। इससे बच्चे को कोेई नुकसान नहीं होता और ना ही यह बच्चे को इसका आदि बनाती है। बल्कि इसकी वजह से बच्चों में कॉन्फिडेंस बढ़ता है और माइंड पावर भी इंप्रूव होती है।
***तो क्या जीनियस कैसा लगा आज का हमारा यह पोस्ट? कमेंट करके जरूर बताएं और हो सके तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर इस जानकारी को शेयर करें।
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ReplyDeleteGood
DeleteWonderful sir
ReplyDeleteThank you so much sir 🙏 it's really very helpful 🙂
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