ज्ञानपीठ पुरस्कार - सवाल जवाब [Jnanpith Award - Questions and Answers] : इस पोस्ट के जरिए हम आपके सामने प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाने वाले ज्ञानपीठ पुरस्कार पर आधारित सवाल तथा उनके जवाब प्रस्तुत कर रहे हैं।

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ज्ञानपीठ पुरस्कार - सवाल जवाब - Technical Prajapati

ज्ञानपीठ पुरस्कार - सवाल जवाब

दोस्तों, इस पोस्ट के जरिए हम ज्ञानपीठ पुरस्कार पर पूछे जाने वाले लगभग सभी सवालों और उनके जवाब जानने वाले हैं।

ज्ञानपीठ पुरस्कार कितनी भाषाओं में दिया जाता है?

 2015 तक ज्ञानपीठ पुरस्कार आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं के लिए दिया जाता था। लेकिन 2015 के बाद इस सूची में अंग्रेजी भाषा को भी सम्मिलित कर लिया गया। इस वजह से अब “ज्ञानपीठ पुरस्कार कुल 23 भाषाओं के लिए” दिया जाता है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार कौन प्रदान करता है?

 भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला ज्ञानपीठ पुरस्कार सर्वोच्च पुरस्कार है। इस पुरस्कार को “भारतीय ज्ञानपीठ न्यास” द्वारा प्रदान किया जाता है।

हिंदी भाषा के लिए प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे दिया गया?

 सन 1968 में कृति “चिदंबरा” के लिए “सुमित्रानंदन पंत” को सर्वप्रथम हिंदी भाषा के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।

ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली महिला कौन थी?

 बांग्ला भाषा की कवयित्री और उपन्यासकार “आशापूर्णा देवी” को 1976 में “प्रथम प्रतिश्रुति” इस कृति के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली वह पहली महिला थीं।

अंग्रेजी के लिए सर्वप्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले लेखक कौन हैं?

 2015 में ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए अंग्रेजी भाषा को मान्यता दी गई। उसके 3 वर्ष बाद यानी 2018 को 54 वे ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए अंग्रेजी भाषा के साहित्यकार / लेखक “अमिताव घोष” को ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। अंग्रेजी भाषा के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले वह पहले साहित्यकार / लेखक हैं। उनके द्वारा रचित एक उपन्यास “द शैडो लाइंस” के लिए उन्हें सन 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चूका है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना कब हुई?

 ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना के लिए कोई निश्चित दिवस नहीं है, क्योंकि 22 मई 1961 को भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद के 50 वें जन्म दिवस के अवसर पर उनके परिवार के सदस्यों में यह विचार आया था। 16 सितंबर 1961 को भारतीय ज्ञानपीठ की संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती रमा जैन ने न्यास की गोष्ठी में इस पुरस्कार का प्रस्ताव रखा। 2 अप्रैल 1962 को दिल्ली में भारतीय ज्ञानपीठ और टाइम्स ऑफ़ इंडिया के संयुक्त तत्त्वावधान में देश की सभी भाषाओं के 300 मूर्धन्य विद्वानों ने एक गोष्ठी में इस विषय पर विचार किया। इस पुरस्कार का स्वरूप कैसा हो इसे तय करने के लिए अनेक गोष्ठियाँ होती रहीं और 1965 में पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार का निर्णय लिया गया।

2019 के लिए (55 वां) ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे दिया गया?

 2019 के लिए (55 वां) ज्ञानपीठ पुरस्कार “अक्कितम अच्युतन नंबूदरी” को दिया गया। अक्कितम मलयालम कविता जगत में एक प्रसिद्ध लेखक हैं। कविता के अलावा अक्कितम ने नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं। उनकी अधिकांश काव्य रचनाओं में एक विशिष्ट भविष्यसूचक चरित्र है। वह अपनी कविता में सामाजिक-राजनीतिक विकास की छाप छोड़ते नजर आते हैं।  अक्कितम अपनी कविताओं के माध्यम से आधुनिकता का प्रसार करने के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अब तक 55 किताबें लिखी हैं और उनमें से 45 कविता संग्रह हैं।

ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता को कितनी राशि प्रदान की जाती है?

 1965 में इस पुरस्कार की शुरुआत हुई थी। तब इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले साहित्यकार को ₹100000 पुरस्कार स्वरूप दिया जाता था। 2005 में इस राशि को बढ़ाकर ₹700000 कर दिया गया तथा 2012 से इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले साहित्यकार को “₹1100000 की धनराशि” दी जाती है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता को प्रतीक स्वरूप किस देवी की प्रतिमा दी जाती है?

 ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता को प्रतीक स्वरूप वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है।  मूलतः धार, मालवा के सरस्वती मंदिर में स्थित प्रतिमा की यह अनुकृति है। इस मंदिर की स्थापना विद्याव्यसनी राजा भोज ने इसवी सन 1035 में की थी। वर्तमान में यह प्रतिमा ब्रिटिश म्यूजियम लंदन में है।

अब तक कुल कितने ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जा चुके हैं?

 जैसे कि ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाता है। सन 1965 से 2019 तक कुल 55 बार ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जा चुका हैं और इसे कुल 60 साहित्यकारों को प्रदान किया गया है।

अब तक कुल कितनी दफा ज्ञानपीठ पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया गया है?

 सन 1965 से 2019 तक कुल 55 बार ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जा चुका है, जिनमें से 5 बार इस पुरस्कार को संयुक्त रूप से दिया गया है। वर्ष 1967, 1973, 1999, 2006 तथा 2009 इनमे शामिल है।

2005 में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता को कितनी राशि प्रदान की गई थी?

 सन 1965 से 2004 तक ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता को पुरस्कार स्वरूप ₹100000 की धनराशि दी जाती थी। जिसे 2005 में बढ़ाकर ₹700000 कर दिया गया। इस वजह से 2005 में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता को ₹700000 की धनराशि प्रदान की गई थी। हिंदी के लिए चुने गए साहित्यकार कुंवर नारायण वह पहले व्यक्ति थे, जिन्हें ₹700000 का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ।

ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए अंग्रेजी भाषा को मान्यता किस वर्ष प्राप्त हुई?

 सन 2014 तक ज्ञानपीठ पुरस्कार आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं के लिए दिया जाता था। लेकिन 2015 को ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए अंग्रेजी भाषा को भी मान्यता दी गई।

भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन का पचासवां जन्मदिवस कब था?

 22 मई 1961 को भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन का 50 वा जन्मदिवस था और इसी अवसर पर उनके परिवार के सदस्यों के मन में यह विचार आया कि साहित्यिक या सांस्कृतिक क्षेत्र में कोई ऐसा महत्वपूर्ण कार्य किया जाए जो राष्ट्रीय गौरव तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतिमान के जैसा हो और इसी का नतीजा - ज्ञानपीठ पुरस्कार है।

किस वर्ष से ज्ञानपीठ पुरस्कार साहित्यकारों के भारतीय साहित्य में दिए गए योगदान के लिए दिया जाने लगा?

 जब ज्ञानपीठ पुरस्कार की शुरुआत की गई थी तब यह पुरस्कार किसी भी साहित्यकार के एकल कृति के लिए दिया जाता था। 1965 से 1982 तक यह पुरस्कार एकल कृति के लिए दिया गया। लेकिन 1983 के बाद यह पुरस्कार साहित्यकारों के भारतीय साहित्य में दिए गए योगदान के लिए दिया जाने लगा। किसी भी साहित्यकार को इस पुरस्कार को देने से पूर्व पुरस्कार वर्ष को छोड़कर पिछले 20 वर्ष की अवधि में प्रकाशित कृतियों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।

भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार के किस पुरस्कार नियम में संशोधन किया गया?

 ज्ञानपीठ पुरस्कार किसी भी साहित्यकार के एकल कृति के लिए न देते हुए भारतीय साहित्य में दिए गए योगदान के लिए दिया जाए। इसलिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार के 28 वें पुरस्कार नियम में संशोधन किया गया।

अब ज्ञानपीठ पुरस्कार देने से पूर्व पुरस्कार वर्ष को छोड़कर पिछले कितने वर्ष की अवधि में प्रकाशित कृतियों के आधार पर लेखक का मूल्यांकन किया जाता है?

 सन 1983 से किसी भी साहित्यकार को ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान करने से पूर्व पुरस्कार वर्ष को छोड़कर पिछले 20 वर्ष की अवधि में प्रकाशित कृतियों के आधार पर लेखक का मूल्यांकन किया जाता है।

अब तक सबसे अधिक किस भाषा को ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ है?

 वर्ष 2019 तक कुल 55 ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए गए हैं और इस पुरस्कार को कुल 60 साहित्यकारों ने प्राप्त किया है। जिनमें से सर्वाधिक 11 बार यह पुरस्कार हिंदी भाषा के लिए दिया गया है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता को पुरस्कार के रूप में क्या दिया जाता है?

 वर्तमान में [2012 से 2019 तक] ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले साहित्यकार को ₹1100000 की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है।

प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार कब दिया गया?

 22 मई 1961 को भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद के 50 वें  जन्म दिवस के अवसर पर उनके परिवार के सदस्यों में यह विचार आया था। 16 सितंबर 1961 को भारतीय ज्ञानपीठ की संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती रमा जैन ने न्यास की गोष्ठी में इस पुरस्कार का प्रस्ताव रखा। 2 अप्रैल 1962 को दिल्ली में भारतीय ज्ञानपीठ और टाइम्स ऑफ़ इंडिया के संयुक्त तत्त्वावधान में देश की सभी भाषाओं के 300 मूर्धन्य विद्वानों ने एक गोष्ठी में इस विषय पर विचार किया। इस पुरस्कार का स्वरूप कैसा हो इसे तय करने के लिए अनेक गोष्ठियाँ होती रहीं और 1965 में पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार का निर्णय लिया गया और प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में प्रदान किया गया।

दोस्तों ज्ञानपीठ पुरस्कार किस वर्ष किसे दिया गया या किसे किस वर्ष ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। इस तरह के सवालों के लिए आप ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की सूची 1965 से 2020 देखे। 

तो दोस्तों यह है - ज्ञानपीठ पुरस्कार पर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब। 

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