भारत के नोबेल पुरस्कार प्राप्त विजेताओं की सूची - List Of Winners Of India'S Nobel Prize Winners भारत के नोबेल पुरस्कार प्राप्त विजेताओं की सूची - List Of Winners Of India'S Nobel Prize Winners जब आप इसे गूगल पर सर्च करते हैं। तब आपके बारे में यह पता लगता है कि आप कितना गर्व करते हैं भारतीय होने पर।

नमस्कार दोस्तों,
नोबेल पुरस्कार या नोबेल प्राइज शांति, साहित्य, भौतिक, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है। आज की इस पोस्ट में हम आपको इसी बारे में जानकारी देंगे की भारत के कौन से महान व्यक्तिओं को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है। साथ ही साथ हम नोबेल पुरस्कार के बारे में भी जानकारी लेंगे आइए जानते हैं।


भारत के नोबेल पुरस्कार प्राप्त विजेताओं की सूची - List Of Winners Of India'S Nobel Prize Winners

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नोबेल पुरस्कार क्या है और इसकी शुरुआत कैसे हुई?

दोस्तों जैसे कि हमने ऊपर जाना कि नोबेल पुरस्कार या नोबेल प्राइज शांति, साहित्य, भौतिक, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है। स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल [ Alfred Nobel ] की याद में नोबेल फाउंडेशन द्वारा वर्ष १९०१ में शुरू किया गया था। इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले व्यक्ति को प्रशस्ति पत्र के साथ $1.4 Million Dollar की राशि प्रदान की जाती है। 

किसी भी आम व्यक्ति के मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है कि पुरस्कार के तौरपर पर दी जाने वाली $1.4 Million Dollar राशि आती कहां से है?




अल्फ्रेड नोबेल ने अपने जीवकाल में कुल 355 आविष्कार किए जिनमें डायनामाइट का आविष्कार जो 1867 में किया गया वह भी शामिल था। उन्हें डायनामाइट तथा इसी तरह के विज्ञान के अनेक आविष्कारों की विध्वंसक शक्ति की खूब समझ थी। साथ ही उन्हें विकास के लिए लगातार नए अनुसंधान की जरूरत का भी पूर्ण अहसास था। दिसंबर 1896 में मृत्यु के पहले उन्होंने अपनी विपुल संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया था। उनकी यह इच्छा थी कि इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जिनका कार्य मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी पाया जाए।

स्वीडिश बैंक में जमा इसी राशि के ब्याज से नोबेल फाउंडेशन जिसकी की स्थापना 29 जून 1900 को हुई थी। 1901 से नोबेल पुरस्कार देने लगी।

***आपके जानकारी के लिए बता दें,
  • पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में रेड क्रॉस के संस्थापक ज्यां हैरी दुनांत और फ़्रेंच पीस सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष फ्रेडरिक पैसी को संयुक्त रूप से दिया गया।
  • अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की शुरुआत 1968 से की गई।
दोस्तों अब आपको पता चल गया होगा कि नोबेल पुरस्कार क्या है और इसकी शुरुआत कैसे की गई? आइए जानते हैं कि भारत के किन व्यक्तियों को अब तक [2019] नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


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भारत के नोबेल पुरस्कार प्राप्त विजेताओं की सूची

दोस्तों जैसे कि हमें पता है नोबेल पुरस्कार या नोबेल प्राइज शांति, साहित्य, भौतिक, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है। और भारत में 6 व्यक्तिओं ने इसे हासिल किया है जो की हमारे लिए गर्व की बात है। आइए जानते है, कौंन हैं वह 6 व्यक्ति?


नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय

नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय-रवीन्द्रनाथ टैगोर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर [ रवीन्द्रनाथ टैगोर ] (1861-1941) : नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय जिन्हें साहित्य के लिए यह पुरस्कार दिया गया उनका नाम है रवीन्द्रनाथ ठाकुर। उन्हें उनकी कविताओं की पुस्तक "गीतांजलि" के लिए 1913 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 

रवीन्द्रनाथ ठाकुर "गुरुदेव" के नाम से प्रसिद्ध थे। इनका जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता में हुआ। उन्होने अनेक प्रेमगीत भी लिखे हैं लेकिन गीतांजलि और साधना उनकी महत्वपूर्ण कृतियां हैं। रवीन्द्रनाथ ठाकुर महान कवि, नाटककार और उपन्यासकार के रूप में जाने जाते थे। इन्होंने भारत के राष्ट्र गान का भी प्रणयन किया था। इन्ही के द्वारा सन 1901 में उन्होंने शांतिनिकेतन की स्थापना हुई जो बाद में विश्वभारती विश्वविद्यालय के नाम से प्रसिद्ध हुआ।


नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले दूसरे भारतीय

नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले दूसरे भारतीय - डॉ.चंद्रशेखर वेंकटरमन

डॉ.चंद्रशेखर वेंकटरमन (1888-1970) : भौतिक शास्त्र के लिए भारत को मिला दूसरा नोबेल पुरस्कार। जो दिलाया डॉ.चंद्रशेखर वेंकटरमन ने जो कि भारत का भौतिक शास्त्र में पहला नोबेल पुरस्कार था। इन्हें 1930 में यह पुरस्कार प्राप्त हुआ। डॉ.चंद्रशेखर वेंकटरमन को यह पुरस्कार प्रकाशकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अनुसंधान के लिए दिया गया था। उन्होंने अपने इस अनुसंधान में इस बात का पता लगाया कि किस तरह अपसरित प्रकाश में अन्य तरंग, लंबाई की किरणें भी मौजूद रहती हैं। उनकी इस खोज को रमन प्रभाव के नाम से भी जाना जाता है। सन 1928 में की गई इस खोज से - पारदर्शी माध्यम से होकर गुजरने वाली प्रकाश किरणों में आवृत्ति परिवर्तन की व्याख्या की गई है।

डॉ.चंद्रशेखर वेंकटरमन का जन्म तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली के पास तिरुवाइक्कावल में हुआ था। उन्होंने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की। बाद में वह कोलकाता विश्वविद्यालय में भौतिक शास्त्र के प्रोफेसर बने।इन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए। डॉ.चंद्रशेखर वेंकटरमन को "सर" की उपाधि से भी सम्मानित किया गया है।


नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले तीसरे भारतीय

नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले तीसरे भारतीय - डॉ.हरगोबिंद खुराना

डॉ.हरगोबिंद खुराना (1922-2011) : चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए डॉ.हरगोबिंद खुराना को नोबेल पुरस्कार दिया गया। आनुवांशिक कोड की व्याख्या और प्रोटीन संश्लेषण में इसकी भूमिका का पता लगाने की इस खोज के लिए इन्हे यह पुरस्कार दिया गया। डॉ.हरगोबिंद खुराना का जन्म पंजाब में रायपुर (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। उन्होंने लिवरपूल विश्वविद्यालय से रसायन शास्त्र में डाक्टरेट की डिग्री ली। सन 1960 में वह विस्कौसिन विश्वविद्यालय में प्राध्यापक बने थे। इसी दौरान इन्होने इस खोज को अंजाम दिया था।


नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली चौथी भारतीय

नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली चौथी भारतीय - मदर टेरेसा

मदर टेरेसा (1910-1997) : 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मदर टेरेसा को मिला। उन्हीं की बदौलत भारत शांति के लिए अपने एक नागरिक द्वारा नोबेल प्राप्त करने का गौरव प्राप्त कर सका है। 

मदर टेरेसा का जन्म अल्बानिया में स्कोपजे नामक स्थान पर हुआ था, जो अब यूगोस्लाविया में स्थित है। उनका बचपन का नाम एग्नस गोंक्सहा बोजाक्सिऊ था। सन 1928 में वह आयरलैंड की संस्था सिस्टर्स आफ लोरेटो में शामिल हुईं और मिशनरी बनकर 1929 में कोलकाता आ गईं। उन्होंने बेसहारा और बेघरबार लोगों के दुख दूर करने का महान व्रत लिया। निर्धनों और बीमार लोगों की सेवा के लिए उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी नाम की संस्था बनाई और कुष्ठ रोगियों, नशीले पदार्थों की लत के शिकार बने लोगों तथा दीन-दुखियों के लिए निर्मल हृदय नाम की संस्था बनाई। यह संस्था उनकी गतिविधियों का केंद्र बनी। उन्होंने पूरी निष्ठा से न सिर्फ बेसहारा लोगों की निःस्वार्थ सेवा की, बल्कि विश्व शांति के लिए भी प्रयास जारी रखे।


नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पांचवें भारतीय

नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पांचवें भारतीय - डॉ.सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर

डॉ.सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर (1910-1995) : खगोल भौतिक शास्त्री डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर को सन 1983 में भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर की शिक्षा चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में हुई थी। बाद में चंद्रशेखर अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने खगोल भौतिक शास्त्र तथा सौरमंडल से संबंधित विषयों पर अनेक पुस्तकें लिखीं। उन्होंने "व्हाइट ड्वार्फ" यानी श्वेत बौने नाम के नक्षत्रों के बारे में सिद्धांत का प्रतिपादन किया। चंद्रशेखर सीमा कहे जाने वाले नक्षत्रों के लिए उन्होंने सीमा निर्धारित की उनके सिद्धांत से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में अनेक रहस्यों का पता चल सका।


नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले छठे भारतीय

नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले छठे भारतीय - प्रो.अमर्त्य सेन

प्रो.अमर्त्य सेन (जन्मः 1933) : प्रोफेसर अमर्त्य सेन पहले एशियाई हैं जिन्हे अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार उन्हें लोक कल्याणकारी अर्थशास्त्र की अवधारणा का प्रतिपादन करने के लिए 1998 में दिया गया। 

प्रो.अमर्त्य सेन का जन्म शांतिनिकेतन में हुआ था। कल्याण और विकास के विभिन्न पक्षों पर इन्होने अनेक पुस्तकें तथा पर्चे लिखे हैं। उन्होंने, अकाल, गरीबी, लोकतंत्र, स्त्री-पुरुष असमानता और सामाजिक मुद्दों पर जो पुस्तकें लिखी हैं, वे अपने-आप में बेजोड़ हैं। इसी से पता चलता है की, प्रो.सेन आम अर्थशास्त्रियों के समान नहीं हैं। वह अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ, एक मानववादी भी हैं। प्रोफेसर सेन ने गणितीय आधार पर यह सिद्ध किया है कि "समझिए" इस तरह के नतीजों के असर को करने के उपाय ढूंढ सकता है।


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***तो दोस्तों यह थे भारत के छः व्यक्ति जिन्होंने नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया है।

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