जीनीयस कैसे बने? How Did Become Genius? in Hindi : सभी माता-पिता चाहते हैं कि - उसका बेटा या बेटी एक जीनियस हो। इसीलिए बचपन से उस बच्चे पर कई दबाव डाले जाते हैं। उन्हें लगता है कि - जीनियस बनने का केवल पढ़ाई ही एकमात्र रास्ता है। आपको बता दें - यदि आप भी यही सोचते हैं; तो आप बिल्कुल गलत है। एक बच्चे को जीनियस बनाने के लिए कई सारे फैक्टर काम करते हैं। यदि हर माता-पिता अपने बच्चे के लिए उन सभी फैक्टर को फॉलो करते हैं; तो हर बच्चा जीनियस बन सकता है। आज की इस पोस्ट में हम आपकी सहायता के लिए Genius कैसे बने? के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

जीनीयस कैसे बने - How Did Become Genius - Jankari Hindi Me! - Namaste Genius
जीनीयस कैसे बने? - How Did Become Genius? - Jankari Hindi Me! - Technical Prajapati

आप सभी माता पिता से सर्वप्रथम मेरा निवेदन है की - आप कभी भी बच्चों पर पढाई का प्रेशर न दें। यदि आप एक विद्यार्थी हैं; तो पढाई का प्रेशर न लें। जी हाँ! हम जानते हैं; आज कल कॉम्पिटिशन बहुत बढ़ गया है, जिस वजह से आप ऐसा करते है। हालांकि, प्रेशर के साथ की गई पढाई से लाख गुना अच्छा इंटरेस्ट के साथ की गई पढाई होती है। जी हां हम दावे के साथ कहते हैं; यदि आप अपने बच्चों में पढ़ाई को लेकर प्रेशर की बजाय इंटरेस्ट बढ़ाने की कोशिश करेंगे; तो आपको बेहतर रिजल्ट मिलेगा। आइए जानते हैं; बच्चों का पढ़ाई में इंटरेस्ट कैसे बढ़ाएं?

बच्चों का पढ़ाई में इंटरेस्ट कैसे बढ़ाएं?

हम अपने बच्चों को जीनियस बनाना चाहते हैं और एक जीनियस के लिए पढ़ाई में इंटरेस्ट होना बेहद जरूरी है। बच्चों का पढ़ाई में इंटरेस्ट बढ़ाने के लिए हम निचे दिए गए कामों को कर सकते हैं।

घर में शांत और खुशी का माहौल : शांत और खुशी वाले माहौल में हमारा मस्तिष्क शोर-शराबे वाले जगहों के मुकाबले कई गुना बेहतर काम करता है। या यूं कहे - शांत और खुशी वाले माहौल में हमारा मस्तिष्क नए नए अच्छे आइडियाज को जन्म देता है। यह माहौल किसी भी विद्यार्थी के लिए काफी अच्छा होता है। ऐसे माहौल में बच्चे बहुत ही अच्छे से पढाई कर सकते हैं। बच्चों में पढाई का इंट्रस्ट बढ़ाने के लिए घर में शांत और खुशी का माहौल बरकरार बनाये रखें।

बच्चों को पढ़ाई का महत्व बताएं : बच्चों को वक्त पर स्कूल भेजना और स्कूल में दिया हुआ होमवर्क करने के लिए प्रेरित करना केवल इतना ही किसी भी माता-पिता की जिम्मेदारी नहीं होती। माता पिता को इन सभी चीजों के साथ बच्चों को यह भी बताना चाहिए कि - पढ़ाई उनके लिए कितनी जरूरी है? आगे चलकर भविष्य में वह क्या-क्या बन सकते हैं? और क्या-क्या नई चीजें कर सकते हैं? इसके लिए आप किसी व्यक्ति का चरित्र उन्हें बता सकते हैं।

उदाहरण के लिए : यदि आपका बच्चा पुलिस अफसर को देख कर प्रभावित है और बड़ा होकर पुलिस बनने की इच्छा रखता है; तो आपको उसे किसी ईमानदार पुलिस ऑफिसर की छवि दिखाकर बताना होगा की - यदि आप इनके जैसे बनना चाहते हैं, तो आपको अच्छी तरह पढाई करनी होगी।

दोस्तों यदि आप अपने बच्चों को - पढ़ाई का कुछ इस तरह महत्व बताते हैं और उनमें प्रेरणा भरते हैं; तो उनका पढ़ाई में इंटरेस्ट बढ़ने लगेगा।

आपकी आदत से मिलेगी मदद : बच्चे जैसे जैसे बड़े होते हैं; वह अपने आस-पास के लोगों को कॉपी करते हैं। उनके आसपास जैसे बर्ताव करने वाले लोग होंगे बच्चे भी बिलकुल वैसे बर्ताव करने लगते हैं। अब आप, आज कल के बच्चों को ही देख लो - माता पिता को मोबाइल पर बिझी देख बच्चों में भी मोबाइल की चाहत बढ़ने लगी है। इसीलिए यदि आप रोजाना किताब पढ़ते हैं; तो बच्चे भी किताब पढ़ना शुरू कर देंगे और इस तरह बच्चों में पढाई के लिए इंट्रेस्ट को बढ़ाया जा सकता है।

मददगार है कॉमिक्स : स्कूल की  किताबें पढ़कर बच्चे बोर हो जाते हैं और उनका धीरे-धीरे पढ़ाई से मन हटने लगता है। क्यूंकि पढ़ने के लिए उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं होता। हम सभी को पता है कि - बच्चों को कॉमिक्स पढ़ना कितना पसंद होता है। इससे उनको बेहद खुशी मिलती है। आपको तो यह पता ही होगा कि - जब हमें खुशी मिलती है; तब हम रिफ्रेश हो जाते हैं और अपने अधूरे कामों को फिर एक नई ऊर्जा के साथ प्रारम्भ करते हैं।

यदि आप अपने बच्चों के लाइब्रेरी में शिक्षाप्रद कॉमिक्स की किताबें लाकर रख देते हैं और बच्चे उसे पढ़ते हैं; तो केवल हम ही नहीं, तो बड़े बड़े मनोविज्ञानिक भी इस बात को मानते हैं की - कॉमिक्स पढ़ने से बच्चों में किताबें पढ़ने की प्रबल इच्छा जाग उठती है। इसी के साथ बच्चों में अच्छी आदतें भी विकसित होती हैं। तो दोस्तों कॉमिक की मदद से भी हम बच्चों का पढ़ाई में इंटरेस्ट बढ़ा सकते हैं।

बच्चों के साथ पढ़ाई में शामिल हो : जब आप बच्चों के साथ उनके पढाई में शामिल होते हैं; तो बच्चों को इस से बेहद ख़ुशी मिलती है। जिस वजह से पढाई करते वक्त होने वाले प्रॉब्लम को वह आपसे शेयर करते हैं और आप उस समस्या का निवारण कर देते हैं। जिस वजह से उनका पढाई में मन लगने लगता है। बच्चों के अंदर यह विश्वास पैदा होता है कि - चाहे कोई भी प्रॉब्लम हो मेरे माता-पिता उसे हल कर सकते हैं।

बच्चों के साथ गुस्से से नहीं प्यार से करें बर्ताव : दोस्तों यदि आप ऊपर दिए सभी चीजों को करते हैं। लेकिन आप अपने बच्चे के साथ गुस्से से बर्ताव या डरा धमका कर रखते हैं; तो आपकी पूरी मेहनत बेकार है। जी हाँ! बच्चों को उनसे प्यार करने वाले लोग बेहद पसंद होते हैं। प्यार करने वाले लोगों से वह अपनी समस्याओं को आसानी से शेयर करते हैं और उसका हल भी निकल जाता है। हालाँकि, गुस्सा करने वाले लोग, बच्चों को बिलकुल पसंद नहीं होते। बच्चे उनसे डरते हैं; कितनी भी बड़ी समस्या हो जाए वह कभी कभी उनके साथ शेयर नहीं कर पाते। जिस वजह से समस्यायें बहुत बढ़ जाती हैं।

कहने का मतलब यही है कि - यदि बच्चों को सभी चीजें प्यार के साथ परोसी जाए; तो हमें इसका बेहतर रिजल्ट मिल सकता है। चाहे वह बच्चों में पढ़ाई का इंटरेस्ट बढ़ाना ही क्यों ना हो।

***दोस्तों हम Genius बनना चाहते हैं, इसके लिए हमने अपने अंदर पढाई का इंट्रेस्ट पैदा कर लिया है। लेकिन क्या हमारा शरीर जीनियस बनने के लिए तैयार है? क्या एक जीनियस बनने के लिए आवश्यक मानसिक तनाव को हमारा शरीर सहन कर पाएगा? अगर नहीं तो इसके लिए क्या करना होगा? आइये जानते हैं।

जीनीयस कैसे बने? How did Become a Genius? in Hindi

टिप : जीनियस बनने का सफर यदि आप छोटे हैं; तो इस सफर को आसानी से तय कर पाएंगे। लेकिन यदि आपकी उम्र 16 से अधिक हैं; तो आपके लिए यह सफर थोड़ा मुश्किल हो सकता हैं। हाँ ! नामुमकिन बुल्कुल नहीं।

जीनियस बनने के लिए शारीरिक विकास और मानसिक विकास यह दोनों फैक्टर को पूरा करना बेहद आवश्यक होता है। क्योंकि, एक जीनियस की सोचने समझने और कार्य करने की क्षमता एक आम इंसान से कई ज्यादा होती है। जब यदि बचपन से इन दोनों फैक्टर को पूरा किया जाता है; तो बच्चा बचपन से ही जीनियस बनने लगता है। आइए जानते हैं; कैसे इन दोनों फैक्टर को पूरा करके हम जीनियस बनने के सफर के लिए अपने आपको तैयार कर सकते हैं?

बच्चों को जीनियस कैसे बनाएं? - मानसिक विकास

बच्चों को जीनियस बनने के सफर के लिए तैयार करने हेतु - बच्चों के मानसिक विकास को बढ़ाना बेहद आवश्यक होता है। इसके लिए आप नीचे दिए गए कार्यों को कर सकते हैं।

दिमागी खेल वाले खिलौने : बच्चों के दिमाग का विकास और उन्हें बुद्धिमान बनाने के लिए - बच्चों को दिमागी खेल वाले खिलौने लाकर देना चाहिए और उनके साथ उस खेल को खेलना चाहिए। जब यदि बच्चा खेल खेलते वक्त कोई गलती करता है; तो आपको उस गलती को सही करके बताना चाहिए। जिस वजह से बच्चा अगली बार गलती करने से बचेगा और उसके दिमाग का तेजी से विकास होगा।

बच्चों को दें लाड और दुलार : दोस्तों मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि - जब एक मां अपने बच्चे को प्यार और दुलार देती है; तो बच्चों के दिमाग में नर्व कोशिकाएं बनती है। इन कोशिकाओं की वजह से बच्चे का दिमाग तेज होता है। मां से लगाव होने पर बच्चे के दिमाग पर काफी अच्छा असर पड़ता है। इसीलिए यदि आप चाहते हैं कि - आपके बच्चे का मानसिक विकास अच्छी तरह से हो; तो आप अपने बच्चे को लाड, प्यार और दुलार देते रहें। डांट फटकार का काम पिताजी पर छोड़ दें। 😅😅😅

पर्याप्त नींद : छोटे बच्चों में मानसिक विकास के लिए मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि - छोटे बच्चे को कम से कम 6 से 7 घंटे की गहरी नींद लेनी चाहिए। आजकल स्कूल से घर आने के बाद बच्चे इतने ज्यादा थक जाते हैं; कि उन्हें खाना खाने का भी मन नहीं करता। ऐसे में आप उन्हें खाना खिला कर कम से कम एक - दो  घंटे की नींद लेने दें। ताकि, वह आगे रिफ्रेश होकर अपने कार्य को अच्छे से करें। एक अच्छी नींद लेने से हमारा दिमाग हमेशा फ्रेश रहता है।

पौष्टिक आहार एक जीनियस के लिए एक ऐसा अमृत है; जिसकी वजह से उसका मानसिक और शारीरिक दोनों विकास बेहद ही अच्छी तरह से होता है। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।

पौष्टिक आहार : पौष्टिक आहार से मानसिक तथा शारीरिक विकास में काफी अच्छी मदद मिलती है। इसमें आप अपने बच्चों को हरी सब्जियां, फल, दूध, ड्राई फूड्स, अंडे आदि दे सकते हैं। आप जितना हो सके उतना अपने बच्चों को जंक फूड से दूर रखें। बच्चों के दिमागी विकास के लिए यदि आप बच्चों को रोज दो या तीन बादाम भिगोकर खाने के लिए देते हैं, तो इससे भी उनका दिमाग तेज होता है।

बच्चों को जीनियस कैसे बनाएं? - शारीरिक विकास

बच्चों के मानसिक विकास को सही तरीके से पूर्ण करने के लिए बच्चों का शारीरिक विकास भी अच्छी तरह से होना चाहिए। इसके लिए बच्चों के दिमाग को पोषक तत्वों की आवश्यक आवश्यकता होती है। यहां हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं; जिसके सेवन से बच्चों का शारीरिक विकास तो होगा ही; इसी के साथ दिमाग के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की भी पूर्ति हो जाएगी। हालांकि, सही शारीरिक विकास के लिए ऊपर दिए गए पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है।

ड्राई फूड्स का सेवन : अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमेशा डॉक्टरों द्वारा ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह दी जाती है। यदि आप अपने बच्चों को ड्राई फूड देते हैं; तो उनका स्वास्थ्य भी अच्छा होता है। इसी के साथ इन ड्राई फ्रूट्स में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं ;जो शरीर के लिए काफी लाभदायक होते हैं। यदि आप अपने बच्चों को अखरोट खाने के लिए देते हैं; तो अखरोट में भरपूर मात्रा में omega 3 fatty acids होता है, जो दिमाग में उचित न्यूरॉन और तंत्रिकाओं को सुरक्षित रखने में मदद करता है।

दोस्तों ड्राई फ्रूट्स की बात हो रही है और हम बादाम को भूल जाएं ऐसा तो हो नहीं सकता। बादाम दिमाग के लिए काफी लाभदायक है। रोजाना 2-3 बदाम भीगोकर खाने से हमें लाभ होता है।

केले का सेवन : केले में भरपूर मात्रा में vitamin B-complex, B6 and magnesium होता है; जो नर्वस सिस्टम को शांत करता है। इसी के साथ इसमें भारी मात्रा में ट्रिप्टोफन भी पाया जाता है; जो सेरोटोनिन में परिवर्तित हो जाता है। जिससे हमारा मूड अच्छा होता है। केला खाने से दिमाग काफी तेज लने लगता है।

मछली का सेवन : यदि आप मांसाहारी हैं; तो आप पौष्टिक तत्वों के लिए मछली का आहार भी ले सकते हैं। मछली में फैटी एसिड मौजूद होता है; जिसकी वजह से दिमाग तेज काम करता है और हमारी स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। इसी के साथ इसमें प्रोटीन भी मौजूद होता है; जो मस्तिष्क की नई कोशिकाओं का निर्माण करता है।

हल्दी वाला दूध का सेवन : हल्दी को एक आयुर्वेदिक दवा के लिए हम हमेशा से जानते हैं। इसी के साथ हम यह भी जानते हैं कि - दूध में पौष्टिक तत्वों की कोई कमी नहीं रहती। यदि हम हल्दी वाला दूध पीते हैं; तो यह हमारे दिमाग तथा शरीर के लिए काफी अच्छा पाया गया है। यह हमारे दिमाग को बूढ़ा होने से रोकती है और इसमें पाया जाने वाला तत्व curcumin free radicals का सफाया करता है।

कॉफी का सेवन : कॉफी में फ्लेवोनॉल्स पाया जाता है; जो दिमाग में रक्त संचार दुरुस्त करता है और ध्यान केंद्रित रखने की क्षमता को बढ़ाता है। इसी के साथ इसमें मैग्नीशियम खनिज भी भरपूर मात्रा में होता है, जो हमारे शरीर में सेरोटोनिन के निर्माण के अलावा 300 से अधिक मेटाबॉलिज्म क्रियाओं के लिए जरूरी होता है।

दोस्तों यदि आपको अपने बच्चे को जीनीयस बनाना है; तो पढ़ाई आवश्यक है। लेकिन अगर पढ़ाई बच्चों के रूचि के अनुसार हो; तो वह पढ़ाई और भी मजेदार तरीके से हो सकती है। बच्चों में पॉजिटिव एनर्जी तैयार करें। उन्हें हमेशा प्रोत्साहित करते रहें। यदि कभी वह हार गए; तो उस हार से कैसे उभरना है? उसके लिए उन्हें तैयार करें। एक जीनियस बनने की सफर में ऐसे कई सारे उतार-चढ़ाव आएंगे। उन्हें आने वाली समस्याओं का डटकर सामना करना सिखाए। एक जीनियस किसी भी कार्य को उत्साहपूर्वक करता है और वह कभी भी हार नहीं मानता।

दोस्तों इस छोटे से आर्टिकल में हमने आपको जीनीयस कैसे बने? के बारे में जो भी कुछ बताया है; वह सभी फैक्टर जीनीयस बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस आर्टिकल को पढ़ने वाले यदि आप एक माता पिता है और आप अपने बच्चों के लिए - यदि ऊपर दिए गए सभी फैक्टर को फॉलो करते हैं; तो आपके बच्चे को एक जीनियस बनने से कोई नहीं रोक सकता।

***तो क्या जीनियस कैसा लगा आज का हमारा यह पोस्ट? कमेंट करके जरूर बताएं और हो सके तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर इस जानकारी को शेयर करें।

1 Comments

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  1. Aap ese Hamer Shere kare. Aapke vichar ham padte rahenge

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