WWW ka ful form - World Wide Web, Hindi Me - विश्व व्यापी वेब होता है। इसका आविष्कार ब्रिटिश वैज्ञानिक Tim Berners Lee (TimBL; TBL) ने सन 1989 में CERN (European Council for Nuclear Research) में काम करते हुए किया था। हालांकि, बाद में उनके इस कार्य में Robert Caillieu ने भी अपना सहयोग दिया था। दुनिया का पहला वेब पेज 6 अगस्त 1991 को CERN में बना। 30 अप्रैल 1993 को, Tim Berners Lee, के कहने पर CERN ने इस Technology को मुक्त कर दिया। अब यह दुनिया के लिए न केवल मुफ्त, पर मुक्त रूप से उपलब्ध है। इसके लिए किसी को, कोई भी फीस नहीं देनी पड़ती है। आज की पोस्ट में हम आपको www के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
इंटरनेट हमारे जीवन का अविभाज्य घटक बन चुका है। आजकल हमें कोई भी जानकारी चाहिए; तो हम तुरंत इंटरनेट का सहारा लेते हैं। यूँ कहे किसी भी जानकारी के लिए हम इंटरनेट पर निर्भर रहते हैं। जैसे कि - पढ़ाई से संबंधित किसी टॉपिक को खोजना, अपने प्रियजनों से संपर्क करना, रिसर्च करना आदि। केवल हम ही नहीं बल्कि; व्यापारी वर्ग तथा सरकारें भी इंटरनेट का सहारा लेती हैं। इंटरनेट की सहायता से वित्तीय लेनदेन सेकंड में हो जाते हैं। वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। इसके बिना हमें इतने सारे कार्यों को आसानी से अंजाम देने में थोड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ता।
दोस्तों हम दिन में 1 बार तो जरूर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और यह हो नहीं सकता कि - आपकी नजर किसी वेबसाइट के एड्रेस से पहले लगने वाले WWW पर नहीं गई हो। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है? - आखिर यह इस वेबसाइट के आगे क्यों लगा है? इसका मतलब क्या होता है? आइए जानते हैं - वर्ल्ड वाइड वेब क्या है?
वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली सर्विस है।इन service के जरिए कई सारे web-server और clients एक साथ जुड़ सकते हैं।
WWW पर Images, Audio, Video, etc. को स्टोर करने के लिए Hyper Media का उपयोग किया जाता है। इसी के साथ Text Format में लिखे गए कंटेंट को स्टोर करने के लिए Hyper Text Markup language (HTML) का उपयोग किया जाता है। इन सभी डॉक्यूमेंट को हम वेब की मदद से एक्सेस कर पाते हैं।
Hypertext Document में कोई भी शब्द एक प्वाइंटर के रूप में एक अलग हाइपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट में निर्देशित किया जाता जा सकता है। जहां उस शब्द से संबंधित अधिक जानकारी मिल सकती है।
इसे हम उदाहरण के साथ समझते हैं; यदि आप ब्राउज़र पर w.w.w. सर्च करते हैं; तो आपको इससे संबंधित जानकारी वाले सभी वेब पेज दिखाए जाते हैं। जैसे.-
WWW का फुल फॉर्म क्या है?
WWW का अविष्कार किसने किया?
WWW क्या है?
WWW कैसे कार्य करता है?
WWW के लाभ क्या है? या नुकसान क्या है? आदि।
इसीलिए हमारा यह कहना गलत साबित नहीं होगा कि - दुनियाभर में जितने भी वेबसाइट और वेबपेजेस हैं; जिन्हें हम वेब ब्राउजर पर देखते हैं। वह सभी वेब से जुड़े होते हैं और इन्हें एक्सेस करने के लिए हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकोल का इस्तेमाल किया जाता है। वर्ल्ड वाइड वेब पर सभी web-server का कलेक्शन होता है। जब हम किसी ब्राउज़र के एड्रेस बार पर किसी वेबसाइट के यूआरएल से पहले WWW लगा देते हैं और हम सफलतापूर्वक उस वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं; तो इसका मतलब है कि वह वेबसाइट किसी वेब सर्वर पर स्टोर है और वह वेब से जुड़ा हुआ है। इसीलिए उस वेबसाइट तक पहुंचने के लिए WWW की मदद ली जा रही है।
www का प्राथमिक विचार - कंप्यूटर, डाटा नेटवर्क और हाइपरटेक्स्ट के विकसित टेक्नोलॉजी को ''Global Information System'' का एक शक्तिशाली और आसान उपयोग में विलय करना था।
टीम बर्नर्स-ली ने WWW के लिए पहला प्रस्ताव मार्च 1989 में तथा दूसरा प्रस्ताव मई 1990 को लिखा था। रॉबर्ट कैलीउ (Robert Cailliu) के साथ बेल्जियम के सिस्टम इंजीनियर के रूप में नवंबर 1990 को इस प्रणाली को प्रबंधन प्रस्ताव के रूप में औपचारिक रूप दिया गया था। इस डॉक्यूमेंट में हाइपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट के वेब ब्राउज़र का इस्तेमाल किया गया था। दुनिया का पहला वेब पेज 6 अगस्त 1991 को CERN में बना और 1992 में इलिनोइस विश्वविद्यालय ने पहला वेब पेज ब्राउज़र पेश किया। यह वेब ब्राउजर एक ऑनलाइन सर्च टूल है; जो वेब पर मौजूद सभी जानकारी को "surfs" करता और मैच का पता लगते ही फिर रिजल्ट्स को रैंक करता है।
FRIENDS, 30 अप्रैल 1993 को, Tim Berners Lee, के कहने पर CERN ने इस Technology को मुक्त कर दिया। अब यह दुनिया के लिए न केवल मुफ्त, पर मुक्त रूप से उपलब्ध है। इसके लिए किसी को, कोई भी फीस नहीं देनी पड़ती है।
जब भी किसी उपयोगकर्ता द्वारा वेब ब्राउज़र के एड्रेस बार में यूआरएल टाइप किया जाता है; तो उस यूआरएल के 3 भाग होते हैं।
WWW के नुकसान :
यूरोपियन देशों की नाभकीय प्रयोगशाला CERN में, टिम सन 1984 से फेलो के रूप में काम करने लग गए। वहां हर तरह के कंप्यूटर थे। उन पर अलग अलग फॉरमैट में सूचनाएं जाती थी। TIM का मुख्य काम था कि - वह सूचनाएं एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक आसानी से जा सकें। अपने कार्य को करते हुए उन्हे लगा कि - क्या कोई ऐसा तरीका हो सकता है; कि इन सभी सुचनाओं को इस तरह से पिरोया जाय कि लगे - वह सभी सूचनाएं एक ही जगह पर हैं। बस इसी का हल सोचते सोचते, उन्होने Web Technology का अविष्कार कर दिया। इस प्रकार दुनिया का पहला वेब पेज 6 अगस्त 1991 को CERN में बना।
इस तकनीक के आविष्कार के तुरंत बाद टीम अमेरिका चले गए। सन 1994 में उन्होंने मैसाचुसेटस् इंस्टिट्युट ऑफ टेकनॉलोजी में World Wide Web Consortium (W3C) की स्थापना की। यह वेब के Standardizing में कार्यरत है।
Tim Berners Lee को दिए गए सम्मान :
***उम्मीद करते हैं दोस्तों, हमारे द्वारा साझा की गई ''World Wide Web (WWW) | वर्ल्ड वाइड वेब - हिंदी में जानकारी'' आप सभी दोस्तों को बहुत पसंद आई होगी।
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World Wide Web (WWW) - वर्ल्ड वाइड वेब - हिंदी में जानकारी - Technical Prajapati |
- 1. वर्ल्ड वाइड वेब क्या है? | What Is The World Wide Web? in Hindi
- 2. वर्ल्ड वाइड वेब का इतिहास? | History of the World Wide Web? In Hindi
- 3. वर्ल्ड वाइड वेब कैसे काम करता है? | How does the World Wide Web work? in Hindi
- 4. वर्ल्ड वाइड वेब की विशेषताएं - Features of World Wide Web
- 5. WWW के फायदे और नुकसान
- 6. WWW के जन्मदाता - Tim Berners Lee
दोस्तों हम दिन में 1 बार तो जरूर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और यह हो नहीं सकता कि - आपकी नजर किसी वेबसाइट के एड्रेस से पहले लगने वाले WWW पर नहीं गई हो। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है? - आखिर यह इस वेबसाइट के आगे क्यों लगा है? इसका मतलब क्या होता है? आइए जानते हैं - वर्ल्ड वाइड वेब क्या है?
वर्ल्ड वाइड वेब क्या है? | What Is The World Wide Web? in Hindi
WWW का फुल फॉर्म World Wide Web होता है। इसे W3 या WEB भी कहा जाता है। दरअसल यह एक प्रकार का Information Space होता है। जहां पर HTML Document और WEB Resource की पहचान Uniform Resource Locator (URL) के जरिए किया जाता है। किसी भी URL में HTML Documents, Hyperlinks (HTTP or HTTPS) के जरिए आपस में जुड़े रहते हैं। उदाहरण के लिए आप इसे देख सकते हैं - https://www.example.com. इस तरह के URL को Internet की सहायता से आसानी से Access किया जा सकता है। आपको बता दें - WWW Resources को वेब ब्राउज़र के रूप में जाना जाने वाले Software Application के माध्यम से उपयोगकर्ताओं द्वारा एक्सेस किया जाता है।वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली सर्विस है।इन service के जरिए कई सारे web-server और clients एक साथ जुड़ सकते हैं।
WWW पर Images, Audio, Video, etc. को स्टोर करने के लिए Hyper Media का उपयोग किया जाता है। इसी के साथ Text Format में लिखे गए कंटेंट को स्टोर करने के लिए Hyper Text Markup language (HTML) का उपयोग किया जाता है। इन सभी डॉक्यूमेंट को हम वेब की मदद से एक्सेस कर पाते हैं।
Hypertext Document में कोई भी शब्द एक प्वाइंटर के रूप में एक अलग हाइपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट में निर्देशित किया जाता जा सकता है। जहां उस शब्द से संबंधित अधिक जानकारी मिल सकती है।
इसे हम उदाहरण के साथ समझते हैं; यदि आप ब्राउज़र पर w.w.w. सर्च करते हैं; तो आपको इससे संबंधित जानकारी वाले सभी वेब पेज दिखाए जाते हैं। जैसे.-
WWW का फुल फॉर्म क्या है?
WWW का अविष्कार किसने किया?
WWW क्या है?
WWW कैसे कार्य करता है?
WWW के लाभ क्या है? या नुकसान क्या है? आदि।
इसीलिए हमारा यह कहना गलत साबित नहीं होगा कि - दुनियाभर में जितने भी वेबसाइट और वेबपेजेस हैं; जिन्हें हम वेब ब्राउजर पर देखते हैं। वह सभी वेब से जुड़े होते हैं और इन्हें एक्सेस करने के लिए हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकोल का इस्तेमाल किया जाता है। वर्ल्ड वाइड वेब पर सभी web-server का कलेक्शन होता है। जब हम किसी ब्राउज़र के एड्रेस बार पर किसी वेबसाइट के यूआरएल से पहले WWW लगा देते हैं और हम सफलतापूर्वक उस वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं; तो इसका मतलब है कि वह वेबसाइट किसी वेब सर्वर पर स्टोर है और वह वेब से जुड़ा हुआ है। इसीलिए उस वेबसाइट तक पहुंचने के लिए WWW की मदद ली जा रही है।
वर्ल्ड वाइड वेब का इतिहास? | History of the World Wide Web? In Hindi
ब्रिटिश वैज्ञानिक Tim Berners Lee ने सन 1989 को CERN में काम करते हुए वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का आविष्कार किया। इसके आविष्कार का उद्देश्य केवल इतना ही था कि - यह दुनिया भर के Universities & Institutes में वैज्ञानिकों के बीच संचालित सूचना सांझा करण की मांग को पूरा कर सकें।आपको यह पता होना चाहिए - CERN (European Council for Nuclear Research) एक अलग प्रयोगशाला नहीं है; इसमें 100 से अधिक देशों के लगभग 17,000 वैज्ञानिक शामिल हैं।
www का प्राथमिक विचार - कंप्यूटर, डाटा नेटवर्क और हाइपरटेक्स्ट के विकसित टेक्नोलॉजी को ''Global Information System'' का एक शक्तिशाली और आसान उपयोग में विलय करना था।
टीम बर्नर्स-ली ने WWW के लिए पहला प्रस्ताव मार्च 1989 में तथा दूसरा प्रस्ताव मई 1990 को लिखा था। रॉबर्ट कैलीउ (Robert Cailliu) के साथ बेल्जियम के सिस्टम इंजीनियर के रूप में नवंबर 1990 को इस प्रणाली को प्रबंधन प्रस्ताव के रूप में औपचारिक रूप दिया गया था। इस डॉक्यूमेंट में हाइपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट के वेब ब्राउज़र का इस्तेमाल किया गया था। दुनिया का पहला वेब पेज 6 अगस्त 1991 को CERN में बना और 1992 में इलिनोइस विश्वविद्यालय ने पहला वेब पेज ब्राउज़र पेश किया। यह वेब ब्राउजर एक ऑनलाइन सर्च टूल है; जो वेब पर मौजूद सभी जानकारी को "surfs" करता और मैच का पता लगते ही फिर रिजल्ट्स को रैंक करता है।
FRIENDS, 30 अप्रैल 1993 को, Tim Berners Lee, के कहने पर CERN ने इस Technology को मुक्त कर दिया। अब यह दुनिया के लिए न केवल मुफ्त, पर मुक्त रूप से उपलब्ध है। इसके लिए किसी को, कोई भी फीस नहीं देनी पड़ती है।
वर्ल्ड वाइड वेब कैसे काम करता है? | How does the World Wide Web work? in Hindi
Web server, Website, Browser, Wpage, Http or Https, Hypertext & Hyperlink के साथ WWW कार्य करता है। किसी भी वेब डॉक्यूमेंट को खोलने के लिए एक विशिष्ट प्रकार के एप्लीकेशन की जरूरत होती है; जिसे हम वेब ब्राउज़र कहते हैं। जब भी किसी Browser में किसी Domain Name या URL को लिखा जाता है; तो ब्राउज़र HTTP के Domain Address को खोजने की रिक्वेस्ट को जनरेट करता है। वह यह इसीलिए करता है; क्योंकि हर डोमेन का अपना-अपना अलग एड्रेस होता है। इसके बाद ब्राउजर, डोमेन नेम को Server IP Address में बदल देता है। इस एड्रेस को WWW, Server में सर्च करता है। जब एड्रेस, कौनसे सर्वर जिससे डोमेन को होस्ट किया गया है; यह खोज लिया जाता है; तो सर्वर उस वेब पेज को ब्राउज़र के पास वापस भेज देता है। जिसकी मदद से हम वेब ब्राउज़र पर आसानी से किसी भी वेब पेज को देख सकते हैं।जब भी किसी उपयोगकर्ता द्वारा वेब ब्राउज़र के एड्रेस बार में यूआरएल टाइप किया जाता है; तो उस यूआरएल के 3 भाग होते हैं।
URL का हिस्सा - Part of URL - Technical Prajapati |
- Protocol
- Domain Name
- Path
वर्ल्ड वाइड वेब की विशेषताएं - Features of World Wide Web
- HyperText Information System
- Cross-Platform
- Graphical Interface
- Distributed
- Dynamic, Evolving, Interactive
- Open Source & Open Standards
- Web Browser: provides a single interface to many services
WWW के फायदे और नुकसान
WWW के फायदे :- सूचना और कनेक्टिविटी की उपलब्धता को दुनिया भर से आसानी से स्थापित किया जा सकता है।
- विभाजन की लागत को कम करता है।
- तीव्र इंटरैक्टिव संचार जिसका उपयोग विभिन्न सेवाओं के लिए किया जा सकता है।
- सूचना के आदान-प्रदान के साथ व्यावसायिक संपर्कों की स्थापना।
- प्रारंभिक कनेक्शन की कम लागत।
- सूचना के विभिन्न स्रोतों तक पहुंच को सुगम बनाता है, जिन्हें लगातार अपडेट किया जाता है।
- यह एक तरह का ग्लोबल मीडिया बन गया है।
WWW के नुकसान :
- कभी कभी ओवरलोड का खतरा।
- एक कुशल सूचना खोज रणनीति की आवश्यकता है।
- कभी कभी सर्च धीमा हो सकता है।
- कभी कभी जानकारी को फिल्टर करना और प्राथमिकता देना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
- WWW का बड़ी संख्या में उपयोग किया जाता है; इस वजह से नेट भी ओवरलोड हो जाता है।
- कभी कभी उपलब्ध डाटा इत्यादि पर गुणवत्ता का नियंत्रण करना थोड़ा कठिन हो सकता है।
WWW के जन्मदाता - Tim Berners Lee
WWW के जन्मदाता (आविष्कारक) - Tim Berners Lee वर्तमान में W3C के निर्देशक तथा एक शोधकर्त्ता है। TIM का जन्म 8 जून, सन 1955 में इंग्लैंड में हुआ था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा क्वींस कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से पूर्ण किया। सन 1976 में, उन्होने विश्विद्यालय से भौतिक शास्त्र में डिग्री प्राप्त की। हालाँकि, इस से पूर्व विश्वविद्यालय में उन्हें अपने दोस्तों के साथ हैकिंग करते हुऐ पकड़ लिया गया था। इसलिये उन्हें विश्वविद्यालय में कंप्यूटर का प्रयोग करने से मना कर दिया गया था।WWW के जन्मदाता - टिम बर्नर्स ली (Tim Berners Lee) - Technical Prajapati |
यूरोपियन देशों की नाभकीय प्रयोगशाला CERN में, टिम सन 1984 से फेलो के रूप में काम करने लग गए। वहां हर तरह के कंप्यूटर थे। उन पर अलग अलग फॉरमैट में सूचनाएं जाती थी। TIM का मुख्य काम था कि - वह सूचनाएं एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक आसानी से जा सकें। अपने कार्य को करते हुए उन्हे लगा कि - क्या कोई ऐसा तरीका हो सकता है; कि इन सभी सुचनाओं को इस तरह से पिरोया जाय कि लगे - वह सभी सूचनाएं एक ही जगह पर हैं। बस इसी का हल सोचते सोचते, उन्होने Web Technology का अविष्कार कर दिया। इस प्रकार दुनिया का पहला वेब पेज 6 अगस्त 1991 को CERN में बना।
***दोस्तों इसमें कोई शक नहीं है; कि यह टेक्नोलॉजी 21वीं सदी की सबसे लोकप्रिय टेक्नोलॉजी साबित हुई है। लेकिन क्या आप जानते हैं - TIM ने जब इस तकनीक का आविष्कार किया; तब वे सर्न में काम कर रहे थे और इस प्रकार इस टेक्नोलॉजी पर सर्न का अधिकारिक हक था। हालांकि टिम के कहने पर सर्न ने इस तकनीक को 30 अप्रैल 1993 को मुक्त कर दिया। तब से हमें इस तकनीक का उपयोग करने के लिए कोई फीस नहीं देनी पड़ती; यह हम सभी के लिए मुफ्त है।
इस तकनीक के आविष्कार के तुरंत बाद टीम अमेरिका चले गए। सन 1994 में उन्होंने मैसाचुसेटस् इंस्टिट्युट ऑफ टेकनॉलोजी में World Wide Web Consortium (W3C) की स्थापना की। यह वेब के Standardizing में कार्यरत है।
Tim Berners Lee को दिए गए सम्मान :
- 2001 में, रॉयल सोसायटी का सदस्य बनाया गया।
- 2004 में नाईटहुड की उपाधि दी गयी थी।
- 13 जून 2007 को, ऑर्डर ऑफ मेरिट [This award is given by the Queen for her significant contribution in the field of art and science.], इंग्लैंड के सबसे महत्वपूर्ण सम्मान से सम्मानित किया गया।
- टाइम पत्रिका ने उन्हें, 20वीं शताब्दी के 100 महान वैज्ञानिकों और विचारकों में चुना है।
***उम्मीद करते हैं दोस्तों, हमारे द्वारा साझा की गई ''World Wide Web (WWW) | वर्ल्ड वाइड वेब - हिंदी में जानकारी'' आप सभी दोस्तों को बहुत पसंद आई होगी।
***तो क्या जीनियस कैसा लगा आज का हमारा यह पोस्ट? कमेंट करके जरूर बताएं और हो सके तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर इस जानकारी को शेयर करें।
Perfect
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