डायोड क्या है? कैसे काम करता है? और उसके प्रकार कौनसे हैं? : इलेक्ट्रॉनिक फील्ड में कई सारे कंपोनेंट का उपयोग किया जाता है। उन्हीं में से एक डायोड भी है। डायोड एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट है; जो करंट को सिर्फ एक ही दिशा में बहने की अनुमति देता है। अगर आप इलेक्ट्रॉनिक के विद्यार्थी हैं; तो आज की यह पोस्ट आपको बहुत पसंद आएगी। आज कि इस पोस्ट में हम डायोड के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको प्रदान कर रहे हैं।
What is a Diade - In English!
***इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट डायोड तथा उसके सिंबल को आप नीचे दिए गए इमेज में देख सकते हैं।
दोस्तों अक्सर विद्यार्थियों में एनोड और कैथल को लेकर समस्याएं उत्पन्न होती हैं; कि - आखिर डायोड का एनोड (+) और कैथोड (-) पॉइंट कौन सा है? तो यदि हम सिंबल की बात करें तो - सिंबल में त्रिकोण के कोण के पास जो लाइन है; वह हमेशा कैथोड होती है और यदि हम वास्तविक चित्र की बात करें; तो जहां डायोड पर जहां सिल्वर लाइन होती है, उसके पास वाला इलेक्ट्रोड कैथोड होता है।
डायोड कैसे बनाया जाता है? कि बारे में अगर बात करें; तो आपको बता दें - ज्यादातर डायोड अर्धचालक सामग्री यानी semiconductor material से बनाया जाता है। जैसे कि.- सिलिकॉन, जर्मेनियन, सेलेनियम आदि। सेमीकंडक्टर डायोड P type semiconductor और N type semiconductor से बने होते हैं। इसीलिए हम इसे P-N junction diode कहते हैं। आपको बता दें कि - P type semiconductor और N type semiconductor को डोपिंग द्वारा जोड़ा जाता है।
दोस्तों आपको बता दें - डायोड साइज में जितना ज्यादा होगा; उसकी करंट रेटिंग उतनी ही अधिक होगी। 6 एम्पीयर से अधिक के डायोड को मैटल कवर के अंदर बनाया जाता है। इसी लिए अधिक एम्पीयर के डायोड को मैटल डायोड या पावर डायोड के नाम से भी जानते है। मैटल डायोड 5 एम्पीयर से लेकर हजारो एम्पीयर तक हो सकते है
दोस्तों भले ही डायोड दिखने में हमें छोटा दिखाई दे रहा हो; लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स फील्ड में इसके कार्य बहुत बड़े हैं। आइए आपको बताते हैं, डायोड कैसे काम करता है? और क्या काम करता है?
फॉरवर्ड बायस : करंट फ्लो कराने हेतु डायोड के कैथोड टर्मिनल से नेगेटिव वोल्टेज तथा एनोड टर्मिनल से पॉजिटिव वोल्टेज जोड़ने के बाद करंट फ्लो होने लगता है; इसे फॉरवर्ड बायस कहते हैं।
रिवर्स बायस : वोल्टेज को आगे जाने से रोकने के लिए डायोड के कैथोड टर्मिनल से पॉजिटिव वोल्टेज तथा एनोड टर्मिनल से नेगेटिव वोल्टेज जोड़ने के पश्चात वोल्टेज आगे की ओर नहीं जाता; इसे रिवर्स बायस कहते हैं।
**तो दोस्तों इन्हीं दो तरीकों के साथ डायोड काम करता है। एक डायोड का कार्य करंट को केवल एक ही दिशा में फ्लो या वोल्टेज को रोकने के लिए किया जाता है।
एक डायोड rectifiers, signal limiters, voltage regulators, switches, signal modulators, signal mixers, signal demodulators और oscillators आदि के रूप में काम करता है।
इस प्रकार डायोड के लगभग 9 प्रकार होते हैं; आइए एक एक करके जानते हैं।
दोस्तों, अचानक से आने वाली high voltage pulse से बचने के लिए जिनर डायोड का आविष्कार सन 1934 में Clarence Zener ने किया था। आपको बता दें - इस जिनर डायोड का उपयोग एक voltage regulator की तरह किया जाता है।
इस डायोड के शुरुआती दौर में इसका उपयोग इंडक्टर लैंप में किया जाता था। हालांकि, वर्तमान में इसका उपयोग अधिक मात्रा में होने लगा है। इसी के साथ इसे ट्रैफिक सिग्नल, कैमरा फ्लैश, LED TV आदि में इस्तेमाल किया जाता है।
दोस्तों इस डायोड को कई सारे नामों के साथ जाना जाता है। Eg- current regulating diode / constant current diode / current limiter diode / diode connector transistor etc.
दोस्तों यह डायोड, सेमीकंडक्टर और धातु के जंक्शन से बने होने के कारण इसमें वोल्टेज बहुत कम ब्लॉक होता है और इस वजह से इस डायोड की परफॉर्मेंस बढ़ जाती है। इस डायोड का इस्तेमाल हाई फ्रिकवेंसी वाले रेक्टिफायर उपकरण में किया जाता है।
इस डायोड में जब फोटो absorbed होते हैं; तब यह डायोड करंट पैदा करता है। इस डायोड का Response Time बहुत कम होता है। इसका उपयोग ज्यादातर सोलर पावर के लिए किया जाता है।
दोस्तों यह डायोड बहुत तेजी से स्विच करने के लिए उपयोग में आता है। जिस जगह पर कोई कार्य नैनों सेकंड में शुरू करवाना हो; वहां पर इस डायोड का उपयोग किया जाता है। Eg - oscillatory circuits, microwave circuits, resistance to nuclear radiation, etc.
इस डायोड का उपयोग - वोल्टेज कंट्रोल कैपेसिटर, वोल्टेज कंट्रोल ऑस्किलेटर, पैरामेट्रिक एंपलीफायर, फ्रीक्वेंसी मल्टीप्लेयर, रेडिओ में FM Transmitters & Phase Locked Loops, टेलीविज़न सेट, Cellular Telephone & Cell Phone, सॅटॅलाइट प्री-फिल्टर्स में वोल्टेज कंट्रोल ऑस्किलेटर आदि के लिए / में किया जाता है।
वर्तमान में लेजर डायोड का इस्तेमाल - fiber optic communication, barcode reader, laser pointer, CD / DVD / Blu-ray disc reading or recording, laser printing, laser scanning, light beam illumination आदि सभी लेजर से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में किया जाता है।
***तो दोस्तों आज की पोस्ट में हमने डायोड के बारे में - Diode क्या है? कैसे काम करता है? और उसके प्रकार कौनसे हैं? तथा सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त की।
***तो क्या जीनियस कैसा लगा आज का हमारा यह पोस्ट? कमेंट करके जरूर बताएं और हो सके तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर इस जानकारी को शेयर करें।
What is a diode? How does a diode work? And what are the types of diodes - Technical Prajapati |
डायोड क्या है? | What is Diode in Hindi
Diode Kya Hai - Hindi mein!डायोड एक ऐसा खास तरह का इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट होता है; जो करंट को सिर्फ एक ही दिशा में फ्लो होने की अनुमति देता है। एक डायोड में दो इलेक्ट्रोड होते हैं - एनोड और कैथोड। डायोड पर जहां सिल्वर कलर की लाइन होती है - उस तरफ के इलेक्ट्रोड को कैथोड (-) तथा विपरीत दिशा में रहने वाले इलेक्ट्रोड को एनोड (+) कहा जाता है।
What is a Diade - In English!
A diode is such a special electronic component; Which allows the current to flow in only one direction. A diode has two electrodes - anode and cathode. On the diode where there is a line of silver color - the electrode on that side is called cathode (-) and the electrode in the opposite direction is called anode (+).
***इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट डायोड तथा उसके सिंबल को आप नीचे दिए गए इमेज में देख सकते हैं।
Diode - Symbol & Actual Picture - Technical Prajapati |
दोस्तों अक्सर विद्यार्थियों में एनोड और कैथल को लेकर समस्याएं उत्पन्न होती हैं; कि - आखिर डायोड का एनोड (+) और कैथोड (-) पॉइंट कौन सा है? तो यदि हम सिंबल की बात करें तो - सिंबल में त्रिकोण के कोण के पास जो लाइन है; वह हमेशा कैथोड होती है और यदि हम वास्तविक चित्र की बात करें; तो जहां डायोड पर जहां सिल्वर लाइन होती है, उसके पास वाला इलेक्ट्रोड कैथोड होता है।
डायोड कैसे बनाया जाता है? कि बारे में अगर बात करें; तो आपको बता दें - ज्यादातर डायोड अर्धचालक सामग्री यानी semiconductor material से बनाया जाता है। जैसे कि.- सिलिकॉन, जर्मेनियन, सेलेनियम आदि। सेमीकंडक्टर डायोड P type semiconductor और N type semiconductor से बने होते हैं। इसीलिए हम इसे P-N junction diode कहते हैं। आपको बता दें कि - P type semiconductor और N type semiconductor को डोपिंग द्वारा जोड़ा जाता है।
दोस्तों आपको बता दें - डायोड साइज में जितना ज्यादा होगा; उसकी करंट रेटिंग उतनी ही अधिक होगी। 6 एम्पीयर से अधिक के डायोड को मैटल कवर के अंदर बनाया जाता है। इसी लिए अधिक एम्पीयर के डायोड को मैटल डायोड या पावर डायोड के नाम से भी जानते है। मैटल डायोड 5 एम्पीयर से लेकर हजारो एम्पीयर तक हो सकते है
दोस्तों भले ही डायोड दिखने में हमें छोटा दिखाई दे रहा हो; लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स फील्ड में इसके कार्य बहुत बड़े हैं। आइए आपको बताते हैं, डायोड कैसे काम करता है? और क्या काम करता है?
डायोड कैसे काम करता है? और क्या काम करता है?
दोस्तों डायोड दो तरीकों से काम करता है; एक फॉरवर्ड बायस और दूसरा रिवर्स बायस। डायोड का उपयोग करंट फ्लो करने के लिए तथा वोल्टेज को रोकने के लिए किया जाता है। इसके लिए फॉरवर्ड बायस और रिवर्स बायस का उपयोग किया जाता है। आइए जानते हैं, कैसे?फॉरवर्ड बायस : करंट फ्लो कराने हेतु डायोड के कैथोड टर्मिनल से नेगेटिव वोल्टेज तथा एनोड टर्मिनल से पॉजिटिव वोल्टेज जोड़ने के बाद करंट फ्लो होने लगता है; इसे फॉरवर्ड बायस कहते हैं।
रिवर्स बायस : वोल्टेज को आगे जाने से रोकने के लिए डायोड के कैथोड टर्मिनल से पॉजिटिव वोल्टेज तथा एनोड टर्मिनल से नेगेटिव वोल्टेज जोड़ने के पश्चात वोल्टेज आगे की ओर नहीं जाता; इसे रिवर्स बायस कहते हैं।
**तो दोस्तों इन्हीं दो तरीकों के साथ डायोड काम करता है। एक डायोड का कार्य करंट को केवल एक ही दिशा में फ्लो या वोल्टेज को रोकने के लिए किया जाता है।
एक डायोड rectifiers, signal limiters, voltage regulators, switches, signal modulators, signal mixers, signal demodulators और oscillators आदि के रूप में काम करता है।
डायोड के प्रकार | Type of Diode in Hindi
डायोड के अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग प्रकार के डायोड होते हैं। इन सभी डायोड का काम एक दूसरे से बिल्कुल अलग होता है।- Zener Diode
- Light Emitting Diode (LED)
- Constant Current Diode
- Schottky Diode
- Shockley Diode
- Photodiode
- Tunnel Diode
- Varactor Diode
- Laser Diode
इस प्रकार डायोड के लगभग 9 प्रकार होते हैं; आइए एक एक करके जानते हैं।
Zener Diode
जिनर डायोड का काम एक साधारण डायोड की तरह ही करंट को सिर्फ एक ही दिशा में बहने की अनुमति देता है। लेकिन, जब वोल्टेज , Breakdown Voltage से ज्यादा हो जाता है; तो यह करंट को विपरीत / उलटी दिशा (Reverse Direction) में भेज देता है।Zener Diode |
दोस्तों, अचानक से आने वाली high voltage pulse से बचने के लिए जिनर डायोड का आविष्कार सन 1934 में Clarence Zener ने किया था। आपको बता दें - इस जिनर डायोड का उपयोग एक voltage regulator की तरह किया जाता है।
Light Emitting Diode (LED)
इस डायोड का आविष्कार सन 1968 में हुआ था। यह डायोड electric energy को light energy में बदलने का काम करता है। जब इस डायोड को फॉरवर्ड बायस स्थिति में सही तरीके से वोल्टेज सप्लाई दिया जाता है; तो इस डायोड में एक electroluminescence क्रिया के कारण होल्स और इलेक्ट्रॉन आपस में दोबारा जोड़ कर लाइट की फॉर्म में एनर्जी बनाते हैं।Light Emitting Diode (LED) |
इस डायोड के शुरुआती दौर में इसका उपयोग इंडक्टर लैंप में किया जाता था। हालांकि, वर्तमान में इसका उपयोग अधिक मात्रा में होने लगा है। इसी के साथ इसे ट्रैफिक सिग्नल, कैमरा फ्लैश, LED TV आदि में इस्तेमाल किया जाता है।
Constant Current Diode
इस डायोड का मुख्य काम - वोल्टेज को विशेष करंट पर भी स्थिर रखना होता है। यह डायोड Two Terminal Current Limiter की तरह कार्य करता है। इसी के साथ इसमें लगा JFET हाई इनपुट इंपेडेंस को पाने के लिए करंट लिमिटर की तरह कार्य करता है।Constant Current Diode |
दोस्तों इस डायोड को कई सारे नामों के साथ जाना जाता है। Eg- current regulating diode / constant current diode / current limiter diode / diode connector transistor etc.
Schottky Diode
इस डायोड का नाम जर्मनी के भौतिक वैज्ञानिक Walter H. Schottky के नाम पर रखा गया है। यह डायोड सेमीकंडक्टर मैटेरियल तथा धातु के जंक्शन द्वारा बनाया जाता है। इस डायोड में Dropdown Voltage बहुत ही कम होता है। इसी के साथ यह बहुत तेज Switching का कार्य करता है।Schottky Diode |
दोस्तों यह डायोड, सेमीकंडक्टर और धातु के जंक्शन से बने होने के कारण इसमें वोल्टेज बहुत कम ब्लॉक होता है और इस वजह से इस डायोड की परफॉर्मेंस बढ़ जाती है। इस डायोड का इस्तेमाल हाई फ्रिकवेंसी वाले रेक्टिफायर उपकरण में किया जाता है।
Shockley Diode
PNPN लेयर वाला यह पहला सेमीकंडक्टर डायोड था। जिसका आविष्कार सन 1950 के दशक में William Schockly ने किया था। इसीलिए, इस डायोड का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया।Photodiode
फोटोडायोड, लाइट एमिटिंग डायोड के बिल्कुल विपरीत कार्य करता है। यह डायोड लाइट को इलेक्ट्रिकल करंट में बदल देता है।PhotoDiode |
इस डायोड में जब फोटो absorbed होते हैं; तब यह डायोड करंट पैदा करता है। इस डायोड का Response Time बहुत कम होता है। इसका उपयोग ज्यादातर सोलर पावर के लिए किया जाता है।
महत्वपूर्ण : अक्सर कई विद्यार्थी लाइट एमिटिंग डायोड तथा फोटोडायोड के सिंबल में अंतर नहीं कर पाते। इसका एक बेहद आसान तरीका है -
लाइट एमिटिंग डायोड, लाइट को जनरेट करता है और उससे ऊपर की ओर फेंकता है। इसीलिए इसके सिंबल में अपने डायोड के ऊपर दो तीर ऊपर की ओर जाते हुए देखे होंगे।
फोटो डायोड, प्रकाश को ग्रहण करके उसका रूपांतर इलेक्ट्रिक करंट में कर देता है। इसलिए इसके सिंबल में डायोड के ऊपर, नीचे की ओर आते हुए दो तीर दिखाए जाते हैं।
Tunnel Diode
इस डायोड को Esaki Diode के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि, इसका आविष्कार Leo Esaki ने अगस्त, सन 1957 में किया था।Tunnel Diode |
दोस्तों यह डायोड बहुत तेजी से स्विच करने के लिए उपयोग में आता है। जिस जगह पर कोई कार्य नैनों सेकंड में शुरू करवाना हो; वहां पर इस डायोड का उपयोग किया जाता है। Eg - oscillatory circuits, microwave circuits, resistance to nuclear radiation, etc.
Varactor Diode
यह डायोड रिवर्स बायस स्टेट में कार्य करने के अलावा वेरिएबल कैपेसिटर की तरह कार्य करते हैं। यह डायोड किसी भी सर्किट में स्थिर वोल्टेज के कारण कम हुए कैपेसिटेंस को काफी अधिक वैल्यू तक बढ़ा सकते हैं। इसी अनोखे कार्य के लिए इस डायोड का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक के बहुत सारे उपकरण में किया जाता है।Varactor Diode |
इस डायोड का उपयोग - वोल्टेज कंट्रोल कैपेसिटर, वोल्टेज कंट्रोल ऑस्किलेटर, पैरामेट्रिक एंपलीफायर, फ्रीक्वेंसी मल्टीप्लेयर, रेडिओ में FM Transmitters & Phase Locked Loops, टेलीविज़न सेट, Cellular Telephone & Cell Phone, सॅटॅलाइट प्री-फिल्टर्स में वोल्टेज कंट्रोल ऑस्किलेटर आदि के लिए / में किया जाता है।
Laser Diode
दोस्तों इस डायोड को LD या Injection Laser Diode के नाम से भी जाना जाता है। यह लाइट एमिटिंग डायोड की तरह ही काम करता है। हालाँकि, यह लाइट की जगह एक लेजर बीम बनाता है।Laser Diode |
वर्तमान में लेजर डायोड का इस्तेमाल - fiber optic communication, barcode reader, laser pointer, CD / DVD / Blu-ray disc reading or recording, laser printing, laser scanning, light beam illumination आदि सभी लेजर से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में किया जाता है।
***तो दोस्तों आज की पोस्ट में हमने डायोड के बारे में - Diode क्या है? कैसे काम करता है? और उसके प्रकार कौनसे हैं? तथा सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त की।
***तो क्या जीनियस कैसा लगा आज का हमारा यह पोस्ट? कमेंट करके जरूर बताएं और हो सके तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर इस जानकारी को शेयर करें।
Thankas bro
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