भारत रत्न पुरस्कार की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में - 'Bharat Ratna Award' भारत का “सर्वोच्च नागरिक सम्मान” है। 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन President “राजेंद्र प्रसाद” द्वारा इस सम्मान की स्थापना की गई थी। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा जैसे कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा तथा खेल आदि में दिए गए किसी भी व्यक्ति के योगदान के लिए दिया जाता है।

भारत रत्न पुरस्कार जानकारी हिंदी में-Bharat Ratna Award information in Hindi - ऑनलाइन विद्यालय
भारत रत्न पुरस्कार - भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान- Technical Prajapati

भारत रत्न पुरस्कार

भारत रत्न
भारत रत्न पुरस्कार - Bharat Ratna Award - ऑनलाइन विद्यालय
भारत रत्न पुरस्कार की छवी - Technical Prajapati
श्रेणीसम्मान
स्थापना2 जनवरी 1954
प्रदान करने वाला देश।भारत
भारत रत्न प्रदान किए गए व्यक्तियों की संख्या।48
अंतिम बार भारत रत्न प्रदान किया गया।2019
भारत रत्न पदक का डिजाइन अंतिम बार बदला गया।1955
प्रथम भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त विजेता।डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन,
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी,
डॉ.चन्‍द्रशेखर वेंकटरमण.
2019 भारत रत्न प्राप्त विजेता।प्रणव मुखर्जी,
नानाजी देशमुख(मरणोपरांत),
भूपेन हजारिका (मरणोपरांत).
भारत रत्न पदक विवरणएक तांबे के पीपल के पत्ते पर सूर्य की प्लैटिनम छवि के साथ देवनागरी लिपि में चांदी से 'भारत रत्न' खुदा होता है।


भारत रत्न पुरस्कार - भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

फ्रेंड्स, जैसे की हम सभी को पता है कि - “Bharat Ratn Award” भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए भारत सरकार द्वारा दिया जाता है। आपको बता दे की उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। आज की इस पोस्ट में हम भारत रत्न जो हमारे देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है - के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल करने वाले हैं।

दोस्तों, 1954 में इस पुरस्कार को तीन भारतीयों को दिया गया। जिनके नाम हैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, डॉ.चंद्रशेखर वेंकटरमन तथा 2019 के लिए यह पुरस्कार प्रणव मुखर्जी, भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) तथा नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) को दिया गया। वर्ष 2020 के लिए अभी तक भारत रत्न पुरस्कार प्रदान नहीं किया गया है।

अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। इस पुरस्कार के शुरुआती दौर में मृत्यु के बाद इस पुरस्कार को देने का नियम या प्रावधान (Provision) नहीं था। इस प्रावधान को सन 1955 के बाद जोड़ा गया। जिसके उपरांत 15 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। हालांकि, सुभाष चंद्र बोस को मरणोपरांत (Posthumously) घोषित हुआ भारत रत्न सम्मान वापस ले लिया गया। इस वजह से बचे हुए मरणोपरांत इस सम्मान को पाने वालों की संख्या 14 मानी जाती है।

1 वर्ष में ज्यादा से ज्यादा केवल तीन ही लोगों को भारत रत्न पुरस्कार दिया जा सकता है। यह नियम - शुरुआत [1954] से अब तक [2019] चला आ रहा है। आज तक किसी भी वर्ष में 3 से ज्यादा लोगों को इस पुरस्कार से नवाजा नहीं गया।

इसका कोई लिखित प्रावधान नहीं है कि भारत रत्‍न केवल भारतीय नागरिकों को ही दिया जाए। यह पुरस्‍कार स्‍वाभाविक रूप से भारतीय नागरिक बन चुकी एग्‍नेस गोंखा बोजाखियू, जिन्‍हें हम Mother Teresa के नाम से जानते है और दो अन्‍य गैर-भारतीय - Khan Abdul Ghaffar Khan & Nelson Mandela (1990) को दिया गया है। इसी के साथ इसका भी कोई लिखित प्रावधान नहीं है कि भारत रत्न यह सम्मान प्रतिवर्ष दिया जाए।

***अब तक (2019) इस पुरस्कार के 48 अलंकरण हो चुके हैं। इसका मतलब है कि इस पुरस्कार को 1954 से 2019 तक कुल 48 लोगों को दिया गया है।

भारत रत्न पदक वर्णन

शुरुवाती दौर में भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्ति को 35 मिमी गोलाकार स्वर्ण मेडल (Gold medal) दिया जाता था। जिस स्वर्ण मेडल पर सूर्य बना होता तथा ऊपर हिंदी में 'भारत रत्न' और नीचे एक फूलों का गुलदस्‍ता बना होता था। इसी के साथ पदक के पीछे की तरफ़ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था।

सन 1955 में यानि पुरस्कार स्थापना के 1 वर्ष बाद ही इस पदक के Design में बदलाव किया गया। वर्तमान में इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले व्यक्ति को तांबे से बने पीपल के पत्ते पर (लगभग 59 मिमी लम्बा, 48 मिमी चौड़ा और 3.2 मिमी पतला) प्लैटिनम का चमकता सूर्य तथा जिसके नीचे चांदी में “भारत रत्न” तथा पीछे अशोक स्तंभ के “सत्यमेव जयते” लिखा होता है, इस प्रकार का पदक (अंग्रजी : Medal) दिया जाता है। वर्तमान में दिया जाने वाला भारत रत्न पुरस्कार का चित्र आप नीचे देख सकते हैं।

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भारत रत्न पुरस्कार - Bharat Ratna Award- Technical Prajapati


भारत रत्न महत्वपूर्ण जानकारी

  1. 'भारत रत्न', भारत देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, जिसे 1954 में स्थापित किया गया। 
  2. कोई भी व्यक्ति जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेद के बिना इस पुरस्कार के लिए पात्र है।
  3. मानव सेवा के किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा / उच्चतम प्रदर्शन के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
  4. भारत रत्न की सिफारिशें प्रधानमंत्री द्वारा स्वयं राष्ट्रपति को की जाती हैं। इसके लिए कोई औपचारिक सिफारिश आवश्यक नहीं है।
  5. वार्षिक पुरस्कारों की संख्या एक विशेष वर्ष में अधिकतम तीन तक ही सीमित है।
  6. पुरस्कार प्रदान करने पर, प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (Certificate) और एक पदक मिलता है।
  7. इस पुरस्कार के लिए कोई भी मौद्रिक अनुदान (Monetary Grant) नहीं होता है।
  8. संविधान के अनुच्छेद 18 (1) के संदर्भ में, पुरस्कार प्राप्तकर्ता के नाम के लिए उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है। हालांकि, एक पुरस्कार विजेता को यह आवश्यक मानना चाहिए, वह यह दर्शाने के लिए अपने Biodata / Letterhead / Visiting Card आदि में निम्नलिखित अभिव्यक्ति का उपयोग कर सकता है कि वह पुरस्कार का प्राप्तकर्ता है। जैसे.- 'राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित' या 'भारत रत्न पुरस्कार' के प्राप्तकर्ता।

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