भगवान श्रीकृष्ण के 51 नाम और उनके अर्थ - 51 names of Lord Krishna and their meanings

भगवान श्री कृष्ण को 'कृष्ण' क्यों कहा गया है? : क्योंकि वह भगवान 'श्री हरि' अर्थात 'विष्णु' निर्वाण मोक्ष प्रदान करने वाले हैं। 

क्या भगवान श्री कृष्ण भगवान के अवतार हैं? : जी हाँ ! हिंदू धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में भगवान श्री कृष्ण को स्वयं भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। सभी देवताओं में उन्हें श्रेष्ठ कहा गया है। 

भगवान श्री कृष्ण को लेकर लोगों की क्या मान्यता है? : लोगों की मान्यताओं के बारे में बात करें तो, श्रीकृष्ण का नाम लेने से ही सभी पाप कट जाते हैं। इनका भजन कीर्तन और भक्ति करने से बड़ा पुण्य मिलता है।

नमस्कार दोस्तों,
फ्रेंड्स, जैसे कि ऊपर दिए गए सवालों के जरिए हमने जाना कि भगवान श्री कृष्ण का नाम मात्र लेने से ही लोगों के सभी पाप कट जाते हैं। इसीलिए हम अपने पाठकों के लिए भगवान श्री कृष्ण के 51 नाम और उनके अर्थ लेकर आए हैं। अंत में इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिएगा यही प्रार्थना करते हैं।


इसे भी पढ़ें शायद आपको पसंद आए


भगवान श्रीकृष्ण के 51 नाम और उनके अर्थ


***रंग रूप के कारण ***



 1. कृष्ण : सभी को अपनी ओर आकर्षित करने वाला।

 2. श्याम : सांवले रंग वाला।

 3. नागर :सुंदर।
 4. मदन : सूंदर।
 5. मोहन : सम्मोहित करने वाले।
 6. केशव : जिन के बाल सुंदर है।
 7. पीताम्बर धारी : पिले वस्त्रों को धारण किया।

***पुत्र के रूप में प्राप्त हुए नाम ***

 8. वासुदेव :वसुदेव के पुत्र होने के कारन।
 9. नन्द लाला : नन्द के पुत्र होने के कारण।
 10. दामोदर : यशोदा माता ने पेट पर रस्सी बांध दी थी।
 11. यशोदा / देवकी नंदन : यशोदा और देवकी को खुश करने वाला पुत्र।

***वंश तथा जन्म: प्राप्त नाम***


 12. गोपाल : गौओं का या पृथ्वी का पालन करने वाला।

 13. गोविन्द : गौओं का रक्षक।

 14. वृष्णिपति : इस कुल में उतपन्न होने के कारण

 15. यदुपति :यादवों के मालिक।

 16. यदुवंशी : यदु वंश को अवतार धारण करने वाले।

***गोपियों की वजह से प्राप्त नाम***

 17. रास-रचैया : रास रचाने के कारण।
 18. गोपेश : गोपियों के मालिक।

***पति के रूप में प्राप्त नाम***

 19. रुख्मीनि वलभ : रुक्मणी के पति।
 20. माधव : माया के पति।


***मित्रता के रूप में प्राप्त नाम***

 21. सारथी : अर्जुन के साथ चलने वाले।
 22. सखा : अर्जुन और सुदामा के साथ मित्रता निभाने वाले।


***असुरों का वध करने की वजह से प्राप्त नाम***

 23. असुरारी : असुरों के शत्रु।
 24. कंसारी : कंस के शत्रु।
 25. नाग नथिया : कलियाँ नाग को मारने वाले।
 26. मधुसूदन : मधु नामक दैत्य को मारने वाले।

 27. मुरारी :  मुर नामक दैत्य के शत्रु।


***रहिवासी होने के कारण प्राप्त नाम***

 28. कुञ्ज बिहारी : कुंज नामक गली में विहार करने वाला।
 29. बनवारी : वनो में विहार करने वाले।

 30. द्वारकाधीश : द्वारका नगरी के मालिक।
 31. मथुरा / गोकुल वासी : इन स्थानों पर निवास करने के कारण।


***युद्ध भूमि पर प्राप्त नाम***

 32. रणछोर : युद्ध भूमि से भागाने वाले।
 33. छलिया : छल करने वाले।


***अपने स्वभाव के कारण प्राप्त नाम***

 34. रमण : सदा अपने आनंद में लीन रहने वाले।


***भक्तों का दुख दूर करने के वजह से प्राप्त नाम***

 35. पालनहार : सब का पालन पोषण करने वाले।
 36. अघहारी : पापों का हरण करने वाले।
 37. अच्युत : जिस के धाम से कोई वापिस नही आता है।
 38. मनोहर : मन का हरण करने वाले।
 39. हरि : दुःखों का हरण करने वाले।


***शक्तियों को जितने के बाद प्राप्त नाम***

 40. जगदीश  : जगत के मालिक।
 41. मुकुंद  : जिन के पास निधियाँ है।
 42. गुड़ाकेश  : निद्रा को जितने वाले।
 43. हृषिकेश : इन्द्रियों को जितने वाले।
 44. त्रिविक्रमा : तीनों लोकों के विजेता।


***भगवान विष्णु अवतार होने की वजह से प्राप्त नाम***

 45. स्वर्गपति : स्वर्ग के राजा।
 46. पूर्ण परब्रह्म : देवताओ के भी मालिक।
 47. चक्रधारी : सुदर्शन चक्र को धारण किया हुआ है।
 48. उपेन्द्र : इन्द्र के भाई।
 49. वैकुंठनाथ : स्वर्ग के रहने वाले।
 50. वर्धमानह : जिनका कोई आकार न हो।
 51. देवेश : देवों के भी ईश।


--भगवान श्री कृष्ण के  51 नाम समाप्त--

उम्मीद करते हैं दोस्तों, हमारे द्वारा दी गई है जानकारी आप सभी दोस्तों को पसंद आई होगी। अगर जानकारी पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। साथ ही साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर दें, क्योंकि दोस्तों कमेंट बॉक्स आपका ही है।

Post a Comment

इस आर्टिकल के बारे में आप अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं।

Previous Post Next Post