International Slavery Abolition Day - Technical Prajapati |
अंतर्राष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस
दोस्तों जैसे कि हमने जाना - 2 दिसंबर को मानव तस्करी को समाप्त करने और मनुष्यों के शोषण के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुलामी के उन्मूलन दिवस को मनाया जाता है।दोस्तों यदि देखा जाए तो - आधुनिक गुलामी की कोई भी स्पष्ट परिभाषा नहीं है। हालांकि, इसे ऋण बंधन, मानव तस्करी, जबरन श्रम, यौन शोषण, बाल श्रम, जबरदस्ती शादी और सशस्त्र संघर्ष के दौरान बच्चों की सेना में जबरन भर्ती माना जाता है। इन्हीं संबंधित मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श के साथ सफल परिणाम प्राप्त करने की दिशा में सार्थक कदम उठाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाता है।
इस दिन लोग लेखन, कविता, साक्षात्कार, लघु कथाएँ, फीचर लेख, और अन्य प्रकाशित सामग्री में दासता के प्रति अपनी राय आदि की सहायता से साझा करते हैं। अंतरराष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा में मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति के शोषण विषय पर हुए सम्मेलन में 02 दिसंबर 1929 को पहली बार मनाया गया था।
इतिहास :
2 दिसंबर 1949 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) द्वारा 317 (IV) प्रस्ताव पारित किया और व्यक्तियों में यातायात के दमन और दूसरों के वेश्यावृत्ति के शोषण के लिए Convention को अपनाया गया। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा गुलामी के समकालीन रूपों को हटाने के लिए चिह्नित किया गया था; जिसमें जबरन श्रम, बाल श्रम, और तस्करी आदि शामिल है।उद्देश्य :
इस दिन का उद्देश्य आधुनिक गुलामी के अत्याचारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन यौन शोषण, व्यक्तियों में तस्करी, विवाह, बाल श्रम, आदि सहित गुलामी को समाप्त करने के महत्व पर प्रकाश डालना है।मुख्य तथ्य :
- अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labor Organization) की जानकारी के अनुसार, लगभग 40.3 Million लोग आधुनिक गुलामी के शिकार हैं। इस आंकड़े में जबरन शादी में 15.4 Million और मजबूर श्रम में 24.9 Million लोग शामिल हैं।
- संयुक्त राष्ट्र कहता है कि - आधुनिक गुलामी के शिकार के मामलों में 4 बच्चों में से 1 बच्चा है।
- ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स (Global Slavery Index) 2016 के मुताबिक - विश्व भर की तुलना में भारत में गुलामों की संख्या सबसे अधिक थी। भारत में लगभग 18.3 Million लोग आज भी आधुनिक गुलामी की बेड़ियों में बंधे हैं।
- ILO (अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन) रिपोर्ट के अनुसार - वयस्कों का सबसे बड़ा हिस्सा 24% घरेलू श्रमिकों के रूप में कार्यरत है। इसके बाद निर्माण क्षेत्र 18%, विनिर्माण क्षेत्र 15% तथा कृषि एवं मछली पकड़ने 11% हैं।
- आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया भर में करीब 21 Million महिलाएं, पुरुष और बच्चे गुलामी की जंजीरों में अब भी जकड़े हुए हैं।
दोस्तों इस पोस्ट के जरिए हमने जाना की - 2 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस आधुनिक गुलामी के अत्याचारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने या फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। आज भी दुनियाभर में कई सारे ऐसे बच्चे, महिलाएं, पुरुष है, जो अभी भी गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं।
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