अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस | International Mountain Day : इस दिन की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2003 में पहाड़ों के सतत विकास को प्रोत्साहन देने के लिए किया गया था। इस दिन को प्रतिवर्ष 11 दिसंबर को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। वर्ष 2019 के लिए इस दिन का विषय 'माउंटेन मैटर फॉर यूथ' था। आपकी इस पोस्ट में हम आपको अंतरराष्ट्रीय पर्वतीय दिवस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस | International Mountain Day - Online Vidyalay
International Mountain Day - टेक्निकल प्रजापति

दोस्तों क्या आपको पता है - विश्व की लगभग 10% से 15% आबादी पहाड़ों में रहती है? जी हां! हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते। पहाड़ केवल निवासियों के लिए ही नहीं बल्कि तराई या लो लैंड्स में रहने वाले लाखों लोगों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह पर्वत दुनिया की प्रमुख नदियों के स्रोत हैं और वाटर साइकिल में भी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शुरुआत तथा इतिहास

दोस्तों संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2002 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय पर्वत वर्ष घोषित किया गया और 11 दिसंबर को 2003 से अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के रूप में नामित कर दिया गया। इसलिए हम यह कह सकते हैं कि - पहला अंतरराष्ट्रीय पर्वतीय दिवस 11 दिसंबर 2003 को मनाया गया था। आपको बता दें - हर साल यह एक विशेष थीम/विषय के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2019 के लिए थीम/विषय - "माउंटेन मैटर फॉर यूथ" था।

आखिर क्यों इस दिन को नामित करना पड़ा? आपके दिमाग में यह सवाल जरूर गूंज रहा होगा। तो दोस्तों अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस का गठन सन 1992 में तब हुआ; जब एजेंडा 21 के अध्याय 13 के 'प्रबंध फ्रैजाइल इकोसिस्टम : सतत पर्वत विकास' को पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में अपनाया गया। इसी के साथ पहाड़ों के विकास के इतिहास को एक नया रूप देने तथा पहाड़ के महत्व की ओर ध्यान बढ़ाने के लिए इस दिन को नामित किया गया।

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य

अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पर्वतीय क्षेत्र के सतत विकास के महत्व पर प्रकाश डालने और पर्वतीय क्षेत्र के प्रति उत्तरदायित्व के लिए जागृत करना ही इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है।

दोस्तों इसी के साथ पहाड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने, अवसरों पर ध्यान केंद्रित करने और पहाड़ों के विकास पर जोर डालने के लिए। साथ ही साथ यह दिन पर्यावरण में पहाड़ों की भूमिका और जीवन पर इसके प्रभाव को समझाने के लिए लोगों को शिक्षित करता है।

पर्वतों के महत्व

दोस्तों वैसे तो प्रकृति की हर संरचना बहुत ही सुंदर है। हालांकि, उन सब संरचनाओं में से पर्वत काफी सुंदर होते हैं। जब यह पर्वत किसी देश के सीमाओं पर स्थित होते हैं तो मानो एक सैनिक की भांति नजर आते हैं। किसी भी देश में पर्वत का होना एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। क्योंकि, यह पर्वत हमेशा अपने गुणों से उस देश का विकास ही करते हैं। आइए आपको पर्वतों के कुछ महत्वपूर्ण भूमिका बताते हैं।
  • वाटर साइकिल में पर्वत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • पहाड़ों के भीतर जमी हुई बर्फ वसंत और गर्मियों के मौसम में पिघल जाती है और गांव, शहर, कृषि और उद्योग के लिए पानी की आवश्यकताओं को पूर्ण करते हैं।
  • वास्तविकता में देखा जाए तो अर्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में लगभग 90% नदी पहाड़ों से ही तो आती हैं।
  • शीतोष्ण यूरोप में, राइन नदी बेसिन के क्षेत्र के लगभग 11% हिस्से पर कब्जा करने वाले आल्प्स यानी पहाड़ वार्षिक प्रवाह का 31% और गर्मियों में 50% से अधिक की आपूर्ति करते हैं।
  • पहाड़ों से आने वाला पानी Hydroelectric Power का स्रोत है।
  • पहाड़ी बस्तियों में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत लकड़िया होती है. जो इन पहाड़ों पर उगे पेड़ों से प्राप्त होता है।
  • पहाड़ के पारिस्थितिक तंत्र जैविक विविधता इत्यादि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इतना ही काफी है हमें - पर्वतों के महत्व को समझाने के लिए। आइए अब रुख करते हैं दुनिया के सबसे ऊंचे 10 पर्वतों की सूची पर की तरफ।

दुनिया के सबसे ऊंचे 10 पर्वतों की सूची

नंबर पर्वत का नाम ऊंचाई
10 अन्नपूर्णा 1 8,091 मी
09 नंगा परबत 8,126 मी
08 मैनास्लु 8,156 मी
07 धौलागिरी 8,167 मी
06 चो ओयू 8,201 मी
05 मकालू 8,481 मी
04 ल्होत्से 8,516 मी
03 कंचनजंघा 8,586 मी
02 के2 8,611 मी
01 माउंट एवरेस्ट 8,848 मी

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