भगवान श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था? भगवान श्री राम के पूर्वज कौन थे? आदि सवाल अगर आपके मन में आते हैं तो आज की यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है।
नमस्कार दोस्तों,
फ्रेंड्स, कहां जाता है ब्रह्मा जी के 39 वी पीढ़ी में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। इसी के साथ हमें इस बात का भी ज्ञान है कि राजा दशरथ, भगवान श्री राम के पिता थे। लेकिन भगवान श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था? भगवान श्री राम के पूर्वज कौन थे? इन्हीं सभी सवालों के जवाब आज के इस पोस्ट में हम आपके सामने प्रस्तुत करने वाले हैं। साथ ही साथ हम श्री रामचरितमानस के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी जानेंगे।
तो दोस्तों यह है, भगवान श्री राम के पूर्वजों के नाम। आइए अब आपको रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य से रूबरू कराते हैं।
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मूलभूत जानकारी प्राप्त करने के बाद अब हम रामचरितमानस के रोचक तथ्यों के बारे में जानने वाले हैं।
सामग्री सारणी
भगवान राम के पूर्वजों का नाम तथा श्री रामचरितमानस के रोचक तथ्य |
नमस्कार दोस्तों,
फ्रेंड्स, कहां जाता है ब्रह्मा जी के 39 वी पीढ़ी में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। इसी के साथ हमें इस बात का भी ज्ञान है कि राजा दशरथ, भगवान श्री राम के पिता थे। लेकिन भगवान श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था? भगवान श्री राम के पूर्वज कौन थे? इन्हीं सभी सवालों के जवाब आज के इस पोस्ट में हम आपके सामने प्रस्तुत करने वाले हैं। साथ ही साथ हम श्री रामचरितमानस के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी जानेंगे।
भगवान श्री राम के बारे में कुछ जानकारियां
- भगवान श्री राम पृथ्वी पर अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र के रूप में पैदा हुए।
- राक्षसों द्वारा किए जाने वाले अत्याचार को समाप्त करने के उद्देश्य से ही भगवान श्री राम ने जन्म लिया।
- ब्रह्मा के ३९ वी पीढ़ी में भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर मानव रूप में भगवान राम के रूप में जन्म लेकर धर्म को बनाए रखने के लिए रावण का वध किया।
- भगवान श्री राम, भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं।
- चैत्र माह के नौवें दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था और यह दिवस रामनवमी के रूप में मनाया जाता है।
भगवान राम के पूर्वजों का नाम
३९. भगवान श्री राम के 2 पुत्र। जिनका नाम लव और कुश।
३८. भगवान श्री राम के पिता राजा दशरथ।
३७. राजा दशरथ के पिता अज।
३६. अज के पिता नाभाग।
३५. नाभाग के पिता ययाति।
३४. ययाति के पिता नहुष।
३३. नहुष के पिता अम्बरीष।
३२. अम्बरीष के पिता प्रशुश्रुक।
३१. प्रशुश्रुक के पिता मरू।
३०. मरू के पिता शीघ्रग।
२९. शीघ्रग के पिता अग्निवर्ण।
२८. अग्निवर्ण के पिता सुदर्शन।
२७. सुदर्शन के पिता शंखण।
२६. शंखण के पिता प्रवुद्ध।
२५. प्रवुद्ध के पिता रघु।
टिप :- रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया। तब से श्री राम के कुल को रघुकुल भी कहा जाता है।
२४. रघु के पिता ककुत्स्थ।
२३. ककुत्स्थ पिता भागीरथ।
(टिप :- भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर उतारा था।)
२२. भागीरथ के पिता दिलीप।
२१. दिलीप के पिता अंशुमान।
२०. अंशुमान के पिता असमंज।
१९. असमंज के पिता सगर।
१८. सगर के पिता असित।
१७. असित के पिता भरत।
१६. भरत के पिता ध्रुवसन्धि।
१५. ध्रुवसन्धि के पिता सुसन्धि।
१४. सुसन्धि के पिता मान्धाता।
१३. मान्धाता के पिता युवनाश्व।
१२. युवनाश्व के पिता धुन्धुमार।
११. धुन्धुमार के पिता त्रिशंकु।
१०. त्रिशंकु के पिता पृथु।
०९. पृथु के पिता अनरण्य।
०८. अनरण्य के पिता बाण।
०७. बाण के पिता विकुक्षि।
०६. विकुक्षि के पिता कुक्षि।
०५. कुक्षि के पिता इक्ष्वाकु।
०४. इक्ष्वाकु के पिता वैवस्वतमनु।
(टिप :- वैवस्वतमनु के १० पुत्रो में से एक इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुल की स्थापना की।)
०३. वैवस्वतमनु के पिता विवस्वान।
०२. विवस्वान के पिता कश्यप।
०१. कश्यप के पिता मरीचि।
००. मरीचि के पिता ब्रम्हा जी।
तो दोस्तों यह है, भगवान श्री राम के पूर्वजों के नाम। आइए अब आपको रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य से रूबरू कराते हैं।
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श्री रामचरितमानस मानस के रोचक तथ्य
मूलभूत जानकारी :- श्री रामचरितमानस को सामान्यतः 'तुलसी रामायण' या 'तुलसीकृत रामायण' भी कहा जाता है। इसे अवधी भाषा में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा १६वीं सदी में रचा गया। जो एक महाकाव्य है। इस ग्रन्थ को हिंदी साहित्य कि एक महान कृति माना जाता है। श्री रामचरितमानस भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। श्री रामचरितमानस के नायक श्रीराम हैं। जिनको एक महाशक्ति के रूप में दर्शाया गया है। रामचरित का अनुपम शैली में दोहों, चौपाइयों, सोरठों तथा छंद का आश्रय लेकर वर्णन किया है।मूलभूत जानकारी प्राप्त करने के बाद अब हम रामचरितमानस के रोचक तथ्यों के बारे में जानने वाले हैं।
- लंका में भगवान श्रीराम 111 दिन रहे।
- लंका में सीता जी 435 दिन रही।
- मानव में श्लोक संख्या 27 है।
- मानस में चौपाई संख्या 4608 है।
- मानस में दोहा संख्या 1074 है।
- मानस में सोरठा संख्या 207 है।
- मानस में छंद संख्या 86 है।
- सुग्रीव में 10000 हाथियों का बल था।
- सीता 33 वर्ष की उम्र में रानी बनी।
- मानव रचना के समय तुलसीदास की उम्र 77 वर्ष थी।
- पुष्पक विमान की चाल 400 मील /घंटा थी।
- रामा दल व रावण का युद्ध 87 दिन चला था।
- राम रावण युद्ध 32 दिन चला था।
- सेतु निर्माण 5 दिन में हुआ।
- नलनील के पिता विश्वकर्मा जी हैं।
- त्रिजटा के पिता विभीषण है।
- विश्वामित्र राम को 10 दिनों के लिए लेकर गए।
- राम ने रावण को सबसे पहले 6 वर्ष की उम्र में मारा।
- रावण को सुखेन बेद ने नाभि में अमृत रखकर जिंदा किया।
तो दोस्तों यह है श्री रामचरितमानस के कुछ रोचक तथ्य। इसी के साथ साथ हम ने भगवान राम के पूर्वजों के नाम के बारे में भी जाना।
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