Sahitya Akademi Anuvad Puraskar Complete Information - Technical Prajapati |
दोस्तों अनुवाद का मतलब अंग्रेजी में ट्रांसलेशन होता है। किसी एक लेखक द्वारा लिखी गई अन्य भाषा की किताब को किसी अन्य भाषा में ट्रांसलेट करना अनुवाद लेखन कहलाता है। साहित्य अकादमी सन 1989 से इस तरह के विशिष्ट अनुवादकों को पुरस्कार प्रदान करती है।
साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार
साहित्य अकादमी ने सन 1989 से अनुवादों के लिए पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया। यह पुरस्कार अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 24 भाषाओं के लिए प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के शुरुआती दौर में यानी सन 1989 में इस पुरस्कार विजेता को ₹10000 की राशि दी जाती थी। सन 2001 में इसे बढ़ाकर ₹15000 कर दिया गया। सन 2003 में इस राशि को एक बार फिर बढ़ाया गया और ₹20000 कर दिया गया। तथा सन 2009 में यह राशि ₹50000 कर दी गई है। इस पुरस्कार विजेता को अकादमी द्वारा निर्धारित की गई राशि तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।वार्षिक साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार नियम
दोस्तों साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार को अधिशासित करने के लिए अकादमी ने कुछ नियम बनाए हैं। जिन्हें सभी अनुवाद लेखकों को मानना होता है। यदि, वह इसकी पूर्ति नहीं करते हैं, तो वह इस पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होते। आइए आपको इस पुरस्कार को अधिशासित करने वाले नियमों से अवगत कराते हैं।सामान्य नियम
◼️ उप - नियम 1 (2) के अंतर्गत पुरस्कार वर्ष के पिछले 1 वर्ष को छोड़कर उसके पिछले 5 वर्षों में - साहित्य अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं में से किसी भी भाषा में भारतीय लेखक द्वारा प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट अनुवाद के लिए प्रत्येक वर्ष एक पुरस्कार प्राप्त होगा।उदाहरण : सन 2020 के पुरस्कार के लिए सन 2014 से 2018 के दौरान प्रकाशित पुस्तकों पर ही विचार होगा।
◼️ नियम 5 (1) के अंतर्गत गठित निर्णायक मंडल की राय में किसी भाषा में पुरस्कार वर्ष के पिछले 5 वर्षों में प्रकाशित हुई पुस्तक पुरस्कार के योग्य यदि नहीं पाई जाती। तो हो सकता है कि, किसी वर्ष किसी भाषा के लिए पुरस्कार नहीं दिया जाए।
◼️ इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले विजेता को प्रशस्ति-पत्र के अलावा पुरस्कार के रूप में उतनी ही राशि प्रदान की जाएगी। जितनी अकादमी समय-समय पर निर्धारित करेगी।
***तो दोस्तों यह है इस पुरस्कार के लिए सामान्य नियम। आइए अब हम नजर डालते हैं, इस पुरस्कार के लिए पात्रता के मानदंड पर।
पुरस्कार के लिए पात्रता के मानदंड
◼️ इस पुरस्कार के पात्र होने के लिए पुस्तक को अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं की मौलिक कृति (Original work) का पूर्ण, असंक्षिप्त (Uncompressed) और मुलनिष्ठ (Standard) अनुवाद होना चाहिए।टिप्पणी : प्राचीन तथा मध्यकालीन गौरव ग्रंथों के अनुदित अंश पुरस्कार के लिए उस स्थिति में पात्र होते हैं, जब अनुवाद मुलनिष्ठ (Standard) होता है।
◼️ मूल लेखक का मान-सम्मान, प्रतिष्ठा तथा कृति विशेष की उत्कृष्टता को भी ध्यान में रखा जाता है।
◼️ किसी भी अनुवादक की कृति - जो एक बार अनुवाद पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है तथा अकादमी के कार्यकारी मंडल का कोई सदस्य इस पुरस्कार के लिए विचारणीय नहीं होगा।
◼️ वरीयता (Preference) के मामलों में किसी संपर्क भाषा के माध्यम से किए गए अनुवाद पर भी विचार किया जा सकता है। हालाँकि, वरीयता मूल भाषा से किए गए अनुवाद को ही दी जाती है।
◼️ मरणोपरांत प्रकाशित कृतियां भी इस पुरस्कार के लिए पात्र होती हैं।
◼️ ऐसी पुस्तक जिसे संयुक्त रूप से अनूदित किया गया हो। अगर ऐसी कोई पुस्तक या कृति पुरस्कृत होती है, तो पुरस्कार राशि अनुवादकों के बीच बराबर-बराबर बांट दी जाती है।
◼️ अकादमी द्वारा प्रकाशित मोनोग्राफ के अनुवाद पुरस्कार के लिए पात्र नहीं हैं।
◼️ यदि पुरस्कार दिलाने के लिए समर्थन जुटाए जाने की स्थिति उत्पन्न होती है। तो इस स्थिति में पुस्तक पुरस्कार के लिए अयोग्य मानी जाती है।
◼️ किसी भी भाषा के अनुवाद पुरस्कार के लिए केवल तभी विचार किया जाता है। जब चयन की अंतिम प्रक्रिया में कम से कम 3 पुस्तकें होती हैं।
तो दोस्तों यह है इस पुरस्कार के लिए पात्रता के मानदंड। आइए आपको बताते हैं आधार - सूची का निर्माण तथा भाषा परामर्श मंडल के सदस्यों की संस्तुतियाँ प्राप्त करना
आधार - सूची का निर्माण तथा भाषा परामर्श मंडल के सदस्यों की संस्तुतियाँ प्राप्त करना
◼️ अकादमी प्रतिवर्ष मान्यता प्राप्त भाषा की विचारणीय पुस्तकों की एक आधार - सूची तैयार करती है। जिसका निर्माण - कार्य 2 विशेषज्ञों को सौंपा जाता है।◼️ भाषा परामर्श मंडल का प्रत्येक सदस्य ज्यादा से ज्यादा केवल पांच नामों का एक पैनल भेजता है। अकादमी के अध्यक्ष इस प्रकार प्राप्त पैनलों में से विशेषज्ञ या विशेषज्ञों का चुनाव करते हैं।
◼️ आधार सूची तैयार करते समय विशेषज्ञ, नियमों में सुनिश्चित विचारणीयता के मानदंडों का कड़ाई से पालन करते हैं। इस प्रकार निर्मित आधार - सूची जिसमें गत वर्ष संस्तुत (Recommendation) कृतियाँ भी सम्मिलित होंगी। संबंध भाषा परामर्श मंडल के सभी सदस्यों को इस अनुरोध के साथ भेजी जाएगी कि वे अकादमी द्वारा निर्धारित तिथि तक दो पुस्तकें अनुमोदित करें।
प्रत्येक सदस्य .- आधार सूची से दोनों पुस्तकें अथवा एक पुस्तक आधार स्थिति और दूसरी पुस्तक अपनी रुचि से अथवा दोनों पुस्तकें अपनी रुचि की चुन सकते / सकती हैं।
प्रारंभिक पैनल तथा उसके कार्य
◼️ प्रारंभिक पैनल में 10 निर्णायक होते हैं। जिनका चयन अध्यक्ष द्वारा संबंध भाषा परामर्श मंडल के सदस्यों के सुझाव पर विचार करने के पश्चात किया जाता है।◼️ भाषा परामर्श मंडल के सदस्यों से प्राप्त संस्तुतियों संकलित करने के बाद प्रत्येक निर्णायक को भेजी जाती हैं।
◼️ प्रत्येक निर्णायक दो पुस्तकें अनुमोदित करता है। यह दोनों पुस्तकें पूर्ववर्ती नियम 4(2) के अनुसार भेजी गई सूची में से चुनी जा सकती हैं अथवा निर्णायक द्वारा स्वयं अपने रुचि से ली जा सकती हैं।
जूरी और उसके कार्य
◼️ प्रारंभिक पैनल के निर्णायकों की संस्तुतियों पर एक त्रि-सदस्यीय जूरी विचार करती है। जूरी के सदस्यों का चयन अध्यक्ष द्वारा इस संदर्भ में प्राप्त संबंध परामर्श मंडल के सदस्यों की संस्तुतियों पर विचार करने के उपरांत किया जाता है।◼️ अकादमी प्रारंभिक पैनल के निर्णायकों द्वारा अनुशंसित पुस्तकें खरीद कर जूरी के सदस्यों और संयोजक को भेजती है।
◼️ संयोजक, जूरी और अकादमी के बीच संपर्क सूत्र का काम करता है। संयोजक की अनुपस्थिति में अकादमी के अध्यक्ष सामान्य परिषद अथवा परामर्श मंडल के सदस्य को उनके स्थान पर नामित कर सकता है। वह यह सुनिश्चित करेगा / करेगी की जूरी की बैठक उचित और संतोषजनक रूप से संपन्न हो। वह जूरी की रिपोर्ट पर हस्ताक्षर भी करेगा / करेगी।
◼️ जूरी के सदस्य या तो सर्वसम्मति से अथवा बहुमत से पुरस्कार के लिए एक पुस्तक की अनुशंसा करते हैं। वे यह भी अनुशंसा कर सकते हैं कि उनके विचार में इस वर्ष कोई भी पुस्तक पुरस्कार के योग्य नहीं है। कोई सदस्य यदि किसी कारण वर्ष बैठक में उपस्थित नहीं हो पाता है। तो वह अपना विचार लिखित रूप से भेज सकता / सकती है। उसे चर्चा में भाग लेने हेतु फोन की सुविधा भी प्रदान की जा सकती है।
पुरस्कार की घोषणा
जूरी की संस्तुति को औपचारिक अनुमोदन और पुरस्कार की घोषणा के लिए कार्यकारी मंडल के समक्ष रखा जाता है। पुरस्कार की घोषणा के साथ ही जूरी के सदस्यों के नाम और अंतिम चरण में चुनी गई पुस्तकों की सूची भी घोषित कर दी जाती है।विविध
◼️ यदि भाषण परामर्श मंडल के किसी सदस्य या निर्णायक द्वारा संस्तुति भेजने की समय-सीमा अनदेखी की जाती है। तो अकादमी यह मानकर चलती है कि उसका / उसकी कोई संस्तुति नहीं है और तदनुसार अपनी पुरस्कार प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है। सिवा उस विशेष परिस्थिति के जिसमें अकादमी समय-सीमा को बढ़ा पाने की स्थिति में हो और वास्तव में उसे बढाती हो।◼️ कार्यकारी मंडल / अध्यक्ष के निर्णय नुसार पुरस्कार समारोह की तिथि निर्धारित की जाती है।
◼️ यदि पुरस्कार प्रदान किए जाने के पूर्व पुरस्कार विजेता की मृत्यु हो जाती है, तो उस स्थिति में वह पुरस्कार उसके / उसकी पति, पत्नी अथवा किसी कानूनी वारिस को दिया जाता है।
***हमें आशा है दोस्तों, इस जानकारी को आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करेंगे। साथ ही साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर देंगे। क्योंकि, पता है ना दोस्तों - कमेंट बॉक्स आपका ही है।
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