डॉलर = रुपया दर क्यों और कैसे तय किया जाता है - Why and how is the dollar = rupee rate fixed Full Explain In Hindi

नमस्कार दोस्तों।

फ्रेंड्स, डॉलर = रुपया दर क्यों और कैसे तय किया जाता है? | Why and how is the dollar = rupee rate fixed? | Full Explain In Hindi | आज  इस पोस्ट में हम यह जानेंगे की क्यों और कैसे भारतीय रुपया और अमेरिकन डॉलर के रेट तय किये जाते है, और इसका हमपर क्या असर पड़ता है। हम भारतीय रुपया और डॉलर के रेट को निचे करने के लिए क्या कर सकते है। तो चलो फ्रेंड्स आज की इस नए पोस्ट में इस बात को अच्छे से समझ लेते है।

डॉलर = रुपया दर क्यों और कैसे तय किया जाता है  Why and how is the dollar = rupee rate fixed  Full Explain In Hindi
डॉलर = रुपया दर क्यों और कैसे तय किया जाता है  Why and how is the dollar = rupee rate fixed  Full Explain In Hindi 



हमारे एजुकेशनल पोस्ट पढ़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें।



इसे भी पढ़ें शायद आपको पसंद आए



डॉलर = रुपया दर क्यों और कैसे तय किया जाता है?

दोस्तों , सबसे पहले हम यह जान लेते है की डॉलर = रुपया दर क्यों तय किया जाता है। तो दोस्तों दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा (currency) का भंडार होता है, इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। जिससे वे लेनदेन यानी सौदा (आयात-निर्यात) करते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। इसीलिए विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से करेंसी का दर तय करना अनिवार्य हो जाता है।

तो दोस्तों, हमने यह तो जान लिया की क्यों करेंसी का दर तय किया जाता है।  तो अब बारी है यह जानने की, की कैसे करेंसी का दर तय किया जाता है।

करेंसी का दर कैसे तय होता है, इसे हम एक उदाहरण के सहारे समझने की कोशिस करेंगे

उदा.- मान लीजिये की अगर भारत के पास 1000 $ है और अमेरिका के पास 71000 ₹ है
आज 1 $ = 71 ₹ है तो दोनों के पास बराबर करेंसी है।
परन्तु,
अगर भारत अमेरिका से 100 $ देकर कोई चीज मांगता है ,
तो अब भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में  900 $ ही बचे।
और अमेरिका के पास पहले के 71000 ₹ + अब मिले 7100 ₹ मिलाकर पुरे 78100 ₹ है।

अब इसका असर हमारे इंडियन करेंसी पर पड़ेगा
क्योंकि जब  भारत के पास 1000 $ थे और अमेरिका के पास 71000 ₹  थे
तब 1 $ = 71 ₹ थे  (71000 / 1000 = 71)

पर अब  भारत के पास 900 $ ही बचे और अमेरिका के पास 78100 ₹ है।
अब डॉलर = रुपया कितना होगा ?
इसे निकालने के लिए हमें

78100 ₹ को 900 $ से भागाकर करके 1 $ की कीमत निकालनी होगी
इसीलिए, 78100 / 900 =  86.77

डॉलर = रुपया दर क्यों और कैसे तय किया जाता है Technical Prajapati
डॉलर = रुपया दर क्यों और कैसे तय किया जाता है

अब हमें 1 $ की इंडियन दर निकाल लिया है।
अब 1 $ = 86.77 ₹ हो गया है।

तो फ्रेंड्स इस तरह भारतीय रुपया और अमेरिकन डॉलर का दर तय होता है। जिसे हमने एक उदहारण से समझा।

अमेरिकन डॉलर का दर कम या ज्यादा होने से हमपर (आमआदमी पर) क्या असर पड़ता है। 

⚪ अमेरिकन डॉलर का दर ज्यादा होने पर हमपर क्या असर पड़ेगा। :-

जैसे की हमने देखा की जब 1 $ = 71 ₹ थे। 
तब जब हमने 100 $ का सामान मँगाया (आयत किया) था। तो हमें केवल 7100 ₹ ही अदा करना पड़ा। 
पर अब 1 $ की कीमत 86.77 ₹ हो जाने पर,
अब हमें अगर फिर से 100 $ की किसी चीज को आयत करना पड़ेगा तो हमें 8677 ₹ अदा करने होंगे। 
जिससे इंडियन रुपया ज्यादा खर्च होगी। 
हमपर यह असर पड़ेगा की पहले जो चीज हमें 7100 ₹ में मिल रही थी उसके लिए अब हमें 8677 ₹ देने होंगे। इसका मतलब यह होता है की, अमेरिकन डॉलर का दर ज्यादा हो जाये। तो भारत में महंगाई बढ़ जाती है। 

⚪ अमेरिकन डॉलर का दर कम होने पर हमपर क्या असर पड़ेगा। :-

अगर अमेरिकन डॉलर का दर कम हो जाये तो भारतीय रुपया का दर बढ़ जायेगा। जिससे महंगाई नहीं बढ़ेगी। सब नियंत्रण में रहेगा। 

भारतीय रुपया = अमेरिकन डॉलर दर कम कैसे होगा।

जैसे हमने ऊपर एक उदाहरण से समझा। उसी तरह हम इसे भी समझने की कोशिश करेंगे। 

उदाहरण :- मान लीजिये की अगर भारत के पास 1000 $ है और अमेरिका के पास 71000 ₹ है
आज 1 $ = 71 ₹ है तो दोनों के पास बराबर करेंसी है।
परन्तु,
अगर अमेरिका भारत से 7100 ₹ देकर कोई चीज भारत मांगता है ,
तो अब अमेरिका के पास अमेरिकन मुद्रा भण्डार में केवल 63900 ₹ ही बचे।
और भारत के पास पहले के 1000 $ तथा अभी मिले 7100 ₹ यानि पुरे 78100 ₹ है।

अब इसका असर अमेरिकन करेंसी पर पड़ेगा।
क्योंकि जब  भारत के पास 1000 $ है और अमेरिका के पास 71000 ₹  थे
तब 1 $ = 71 ₹ थे  (71000 / 1000 = 71)

पर अब भारत के पास 1100 $ है और अमेरिका के पास 63900 ₹ है।
अब डॉलर = रुपया कितना होगा ?
इसे निकालने के लिए हमें

63900 ₹ को 1100 $ से भागकर 1 $ की कीमत निकालनी होगी।
इसीलिए, 63900 / 1100 = 58.09

डॉलर = रुपया दर क्यों और कैसे तय किया जाता है Technical Prajapati
डॉलर = रुपया दर क्यों और कैसे तय किया जाता है-2 

अब हमें 1 $ की नयी इंडियन दर निकाल लिया है।
अब 1 $ = 58.09 ₹ हो गया है।

तो दोस्तों आपने देखा की किस तरह आयत और निर्यात की वजह से भारतीय रुपया का दर कम या ज्यादा हो जाता है।

अमेरिकन डॉलर का दर कम करने के लिए हम क्या कर सकते है। 

दोस्तों जैसे की हमने देखा की अगर हम कुछ भी दूसरे देशों से आयत यानि मँगाते है। तो हमारे पास जो विदेशी करेंसी का भंडार है उसमे से वो करेंसी घट जाती है। और विदेशी देशों की करेंसी हमारे करेंसी पर भारी पड जाती है। जिस से महंगाई बढ़ती है। 

इसीलिए हमें किसी दूसरे देश से चीजें आयत नहीं बल्कि निर्यात यानि बेचनी या देनी चाहिए जिस से उन देशों में पड़े हमारी इंडियन करेंसी कम हो जाये। और भारतीय रुपया मजबूत हो जाये। जिस से महंगाई कम हो जाएगी। 

हाँ अगर हम कुछ निर्यात नहीं कर सकते तो हमें कम से कम आयत करना चाहिए। और एक बात जो इंडियन मार्केट में विदेशी कम्पनिया है। उनके प्रोडक्ट्स हमें यूज़ नहीं करना चाहिए क्युकी, हमारा ढेर सारा पैसा इन्ही कंपनियों के बदौलत विदेशों में चला जाता है जिस से रुपया कमजोर होने लगता है।

महत्वपूर्ण जानकारी :- जब हमें आज़ादी मिली थी तब 1 ₹ = 1 $ था।

कहीं न कहीं रुपया की कीमत घटने में हमारा ही बहुत बड़ा हाथ है। सरकारों को कोसने से कुछ नहीं होगा। जब सब भारतीय, भारतीय प्रोडक्ट का इस्तेमाल करेंगे तो हमारी करेंसी हमारे देश में ही रहेगी। जिस से डॉलर की कीमत घट जाएगी और अपने आप महंगाई कम हो जायेगी।

उम्मीद करते हैं दोस्तों, हमारे द्वारा दी गई है जानकारी आप सभी दोस्तों को बेहद पसंद आई होगी। अगर जानकारी पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। साथ ही साथ कमेंट बॉक्स में दी गई जानकारी के बारे में अपनी राय जरूर दें, क्योंकि दोस्तों कमेंट बॉक्स आपका ही है।

Post a Comment

इस आर्टिकल के बारे में आप अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं।

Previous Post Next Post