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Real Life Inspirational Stories In Hindi - ज़िद्द और पागलपन

दोस्तों कहते हैं की, एक ज़िद्दी और पागल इंसान किसी की नहीं सुनता। जब तक वह अपने ज़िद्द और पागलपन को अपने सही अंजाम तक ना पहुंचा दे उसे चैन नहीं आता। और यह सिर्फ कहने वाली बातें नहीं है तो हकीकत में भी ऐसे लोग होते हैं जो इतने ज़िद्दी और पागल होते हैं कि, जब तक उन्हें उनकी मंजिल मिल नहीं जाती, जब तक वह सफलता को अपने आगे घुटने टेकने पर मजबूर नहीं कर देते, तब तक उन्हें चैन नहीं आता। आज इस पोस्ट में हम कुछ ऐसे ही वास्तविक में लोगो के जीवन में घटी कुछ प्रेरणादायक प्रसंगों के बारे में बात करेंगे।

Real Life Inspirational Stories In Hindi : इलॉन मस्क

एक बंदे को उसकी कंपनी बेचने के बाद 1000 करोड़ मिला था। उसने वह सारा पैसा अलग अलग बिजनेस मे लगा दिया और खुद रेंट से रहने लगा। कोई पागल ही कर सकता है ना ऐसा। अगर कोई नॉरमल इंसान होता तो गाड़ी बंगला खरीदने में ही बहुत सारा पैसा खर्च कर देता।
यह पागल इंसान और कोई नहीं इलॉन मस्क है। जो की आज वर्ल्ड के कई लेडी कम्पनीज का मालिक है। और आज इसकी नेट वर्थ है 140000 करोड़। और यह सब उसके ज़िद्द और पागलपन का ही नतीजा है।
क्यूंकि भीड़ के साथ चलना तो बहुत आसान है पर पागलपन ही चाहिए भीड़ से हटकर कुछ करने के लिए।

रियल लाइफ प्रेरणादायक कहानी : अमिताभ बच्चन

जिस बन्दे को कभी उसके भारी आवाज की वजह से रेडियो से रिजेक्ट कर दिया गया था। उसने ज़िद्द पकड़ी और वो मुकाम हासिल किया, जिसके कई लोग सिर्फ सपने ही देखते है। जी हाँ मैं बात कर रहा हु, अमिताभ बच्चन की उनकी पहली सुपरहिट मूव्ही ज़ंजीर आने से पहले उनकी १७ मुव्हिस फ्लॉप हो चुकी थी। फिर भी उन्होंने अपनी ज़िद्द नहीं छोड़ी और आख़िरकार कामयाबी को उनकी ज़िद्द के आगे झुकना पड़ा। 

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रियल लाइफ प्रेरणादायक कहानी : विराट कोहली

विराट कोहली का भी एक ऐसा ही किस्सा है, जो की क्रिकेट के लिए उसका पागलपन उसके ज़िद्द को बयां करता है। २००६ की बात है, विराट कर्नाटका में रणजी खेल रहा था और पहले दिन वो 40 रन बनाकर नॉट आउट रहा। शाम को उनके घर से खबर आई की उसके पापा की डेथ हो गई है। सबने एक्सेप्ट किया की विराट तुरंत घर के लिए निकलेगा। कुछ ने तो यहाँ तक डिसाइड कर लिया था की उसकी जगह और कौन खेलेगा। पर दूसरे दिन विराट बल्ला लेकर पिच पर खड़ा था और इस हालत में उसने सेंचुरी लगाई और अपनी टीम को जीताकर ही वो अंतिम संस्कार के लिए निकल गया इसे पागलपन नहीं तो और क्या कहेंगे। 

लाखों में किसी एक के पास ही ऐसी ज़िद्द ऐसा पागलपन होता है। और वही कुछ हटके कर जाता है।

रियल लाइफ प्रेरणादायक कहानी : दशरथ मांझी

दिन का 15-15 घंटा काम करने के लिए सिर्फ एनर्जी नहीं बल्कि उस काम को करने के लिए वो ज़िद्द वो पागलपन होना चाहिए। क्यूंकि ऐसे ज़िद्दी ऐसे पागल लोग, परसेंटेज में नहीं नंबर्स में होते हैं। ऐसी ही एक ज़िद्द और पागलपन से भरी हुई कहानी है दशरथ मांझी की, जो की अपनी पत्नी को टाइम पर हॉस्पिटल ना पहुंचा पाए। क्युकी इनके गांव से हॉस्पिटल के बिच एक बहुत बड़ा पहाड़ था। और उस वजह से उनके पत्नी का देहांत हो गया। 

बन्दे को गुस्सा आ गया और इसी गुस्से को उसने अपनी ज़िद्द में बदल दिया। और इस बन्दे ने केवल छीनी हतोड़े से २२ सालों में ५५ किलो मीटर का पहाड़ तोड़ दिया यह पागलपन नहीं है तो क्या है। 
ऐसी ज़िद्द तब पैदा होती है जब दिल टूटता है। कुछ लोग तो इसमें बिखर जाते है, पर जो इस दर्द को, इस गुस्से को ज़िद्द में बदल देता है, उस बन्दे को रोकना नामुमकिन है। 

ऐसे पागल लोग ही इतिहास बना देते हैं

वो पागलपन ही है, जब लोग ट्रिप्स प्लान कर रहे होते हैं और कोई बंदा अपना एम्पायर खड़ा करने के लिए प्लान्स बना रहा होता है। जब सब नौकरी ढूंढने के चक्कर में होते है तब कोई पागल नौकरी देने की सोचता है और ऐसे ही पागल आगे जाकर बिल गेट्स, स्टीव जॉब्स बन जाते है। 
यह पागल सक्सेस के लिए हमेशा भूखे होते है, यह कभी सेटिसफाइड नहीं होते। यही पागलपन, यही ज़िद्द न तो इन्हे सोने देती है और ना ही रूकने देती है। एक ज़िद्दी इंसान कभी भी शांत नहीं बैठेगा। हज़ार बार फेल होगा वो, पर उसकी ज़िद्द उसका पागलपन उसे और एक बार ट्राय करने पर मजबूर करेगा। और यह तब तक मजबूर करेगा जब तक सफलता इसके सामने घुटने ना टेक दे। और यही पागल इंसान यही ज़िद्दी इंसान इतिहास बना देता है। यकीं नहीं आता तो हिस्ट्री उठाकर देख लो। 
भला कौनसा बंदा १००० बार फेल होने के बाद भी कोशिश करना नहीं छोड़ता, कोई पागल ही ना। और उसी कारण वो पागल ज़िद्दी इंसान दुनिया को रोशन कर देता है। जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ थॉमस अल्वा एडीसन की।
६५ साल का एक बंदा जिसे हज़ार बार आलरेडी रिजेक्ट कर दिया गया था। फिर भी उसने अपनी ज़िद्द नहीं छोड़ी और KFC जैसे होटल्स की चैन खड़ी कर दी। 
जिस बन्दे को अंग्रेजो ने अपने होटल में नहीं आने दिया। उस बन्दे में ज़िद्द पकड़ी और दुनिया का सबसे बड़ा होटल ताज बना दिया।

वीडियो : रियल लाइफ प्रेरणादायक कहानियाँ हिंदी में- ज़िद्द और पागलपन

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निष्कर्ष

दोस्तों यह एक ज़िद्द ही है जो एक नार्मल इंसान को अबनॉर्मल बनती है। फिर यह अबनॉर्मल लोग ऐसा कुछ कर जाते है, जिसके बारे में नार्मल लोग सोचने से भी डरते है। इसीलिए आपको जो भी अच्छा लगता है जो भी आप करना चाहते हो पागल बन जाओ उसके लिए और जान लगा दो उसे हाशिल करने के लिए। क्यूंकि जब तक यह ज़िद्द यह पागलपन आपके अंदर नहीं आएगा तब तक आप नार्मल ही रहोगे। और नार्मल रहकर ही मरना है तो ऐसे ही जिओ पर अबनॉर्मल बनना है तो ज़िद्दी और पागल बनना होगा।

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